दक्षिण राजस्थान में लगेगा नया डेयरी प्लांट, किसानों को होगा फायदा

दक्षिण राजस्थान में लगेगा नया डेयरी प्लांट, किसानों को होगा फायदा

राजस्थान के बांसवाड़ा जिले के लोगों को जल्द ही एक नए डेयरी प्लांट की सौगात मिलने वाली है. सरकार 31 करोड़ रुपये की लागत से एक डेयरी प्लांट खोलने जा रही है.

डेयरी प्लांट के स्थानीय लोगों और किसानों-पशुपालकों को लाभ होगा. फाइल फोटो- By Arrangment डेयरी प्लांट के स्थानीय लोगों और किसानों-पशुपालकों को लाभ होगा. फाइल फोटो- By Arrangment
माधव शर्मा
  • Jaipur,
  • Apr 07, 2023,
  • Updated Apr 07, 2023, 2:53 PM IST

प्रदेश के दक्षिणी जिले यानी उदयपुर, बांसवाड़ा, डूंगरपुर जैसे जिलों के हजारों पशुपालक और किसानों को अब अपना दूध बेचने के लिए परेशान नहीं होना पड़ेगा. क्योंकि बांसवाड़ा जिले में राजस्थान सरकार जल्द ही एक नया डेयरी प्लांट खोलने जा रही है. इस प्लांट की लागत करीब 31 करोड़ रुपये होगी. प्लांट के बनने से उदयपुर संभाग के लोगों को आसानी से दूध उपलब्ध होगा. साथ ही किसानों को भी अपना दूध बेचने के लिए इधर-उधर भटकना नहीं पड़ेगा. 

एक लाख लीटर रोजाना दूध संकलन का लक्ष्य

राजस्थान को-ऑपरेटिव डेयरी फैडरेशन की प्रबन्ध संचालक सुषमा अरोड़ा उदयपुर संभाग के दौरे पर थीं. दौरे के दौरान उन्होंने डेयरी अधिकारियों को दूध संकलन बढ़ाने के लिए कहा. साथ ही उन्होंने दुग्ध संघ को एक लाख लीटर प्रतिदिन दूध संकलन का लक्ष्य भी दिया. इस दौरे पर अरोड़ा ने बांसवाड़ा और डूंगरपुर जिले की दुग्ध उत्पादक सहकारी समितियों का निरीक्षण भी किया. उन्होंने कहा कि बांसवाड़ा में जल्द ही 31 करोड़ रुपये की लागत से नये डेयरी प्लान्ट का निर्माण किया जाएगा. 

दूध संकलन के लिए उत्पादक महिलाओं का सम्मान

सुषमा अरोड़ा ने सर्वाधिक दूध संकलन के लिये सुरेश नायक और महिला दूध उत्पादक जया को सम्मानित भी किया. अरोड़ा ने डूंगरपुर स्थित मिल्क चिलिंग सेंटर का निरीक्षण किया और वित्तीय वर्ष 2023-24 की बजट घोषणा में डूंगरपुर मिल्क चिलिंग सेन्टर के पुनर्निमाण के लिये एक करोड़ रुपये की राशि की स्वीकृति भी दी.

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डेयरी विकास के लिए 2.5 करोड़ का बजट दिया जाएगा  

उदयपुर संभाग के जिलों में दूध उत्पादन बढ़ाने और डेयरी विकास गतिविधियों पर चर्चा के लिए अरोड़ा ने उदयपुर संभागीय आयुक्त और टीएडी आयुक्त राजेन्द्र भट्ट और कलक्टर ताराचंद मीणा के साथ बैठक की. चर्चा में दूध संकलन को बढ़ाने के बारे में बात की गई.

टीएडी आयुक्त राजेन्द्र भटट् ने कहा कि टीएडी के माध्यम से डेयरी विकास गतिविधियों के लिये ढ़ाई करोड़ रुपये का बजट उपलब्ध करवाया जाएगा. बैठक के दौरान जिला कलेक्टर ताराचन्द मीणा ने सुझाव दिया कि दूध संकलन बढ़ाने के लिए पंचायत स्तर पर दुग्ध संग्रहण केन्द्र स्थापित  किए जाने चाहिए ताकि जनजाति अंचल के दूध उत्पादकों को अपना माल लाने में परेशानी नहीं हो.

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प्रदेश में दूध उत्पादकों को मिल रहा अनुदान

अरोड़ा ने चित्तौड़गढ डेयरी प्लान्ट का भी निरीक्षण किया. उन्होंने डेयरी अधिकारियों को मुख्यमंत्री दुग्ध उत्पादक सम्बल योजना के अन्तर्गत पांच रुपये प्रति लीटर के अनुदान को ध्यान में रखते हुए अधिक से अधिक दुग्ध उत्पादकों को सहकारी डेयरी से जोड़ने के निर्देश दिये.

बता दें कि प्रदेश के मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने इस बजट में दूध उत्पादकों को पांच रुपये प्रति लीटर सब्सिडी देने की घोषणा की थी. इससे हजारों की संख्या में दूध उत्पादक सहकारी डेयरी से जुड़ रहे हैं. उदयपुर संभाग में राजीविका से जुड़ी महिलाओं के माध्यम से दुग्ध संकलन से संबंधित गतिविधियों को प्रोत्साहित करने पर भी काम किया जा रहा है. 

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