भारत में प्याज की खेती और खपत दोनों ही काफी अधिक है. मांग को देखते हुए किसान हर साल अधिक से अधिक प्याज की खेती करते हैं. लेकिन कई बार अधिक पैदावार और मांग में गिरावट के कारण किसानों को भारी नुकसान उठाना पड़ता है. वहीं, गर्मी के मौसम में उच्च तापमान के कारण बड़ी मात्रा में प्याज बर्बाद हो जाता है. इस बर्बादी को रोकने और प्याज की शेल्फ लाइफ बढ़ाने के लिए 4 शहरों में स्टोरेज यूनिट बनाने की योजना बनाई गई है. क्या है सरकार की ये योजना आइए जानते हैं.
घरेलू आपूर्ति के लिए केंद्र सरकार ने दिसंबर 2023 से प्याज के निर्यात पर प्रतिबंध लगा दिया था, जिसे मई 2024 के पहले सप्ताह में खोल दिया गया है. इसके बावजूद बाजारों में प्याज की कीमत नहीं बढ़ रही है. वहीं, प्रमुख राज्यों में खरीफ प्याज की बुआई प्रभावित होने की आशंका के चलते उत्पादन पिछले साल के मुकाबले 16 फीसदी कम रहने का अनुमान है.
ऐसे में अगले साल प्याज की कमी से बचने के लिए केंद्र सरकार प्याज भंडारण के लिए पर्यावरण अनुकूल विकिरण प्रसंस्करण इकाई स्थापित करने की तैयारी कर रही है. इकाई के लिए चार बड़े शहरों की पहचान की गई है, जहां सहकारी समितियां विकिरण प्रसंस्करण सुविधाओं की संभावना तलाश रही हैं. विकिरण प्रसंस्करण से प्याज की शेल्फ लाइफ बढ़ जाती है.
देश की खाद्य सुरक्षा सुनिश्चित करने के लिए सरकार किसानों से अनाज खरीदती है और फिर पूरे देश में भंडारण और वितरण के लिए रेलवे रेक के माध्यम से अनाज पहुंचाती है. स्टेशन पर खाद्यान्न को रेल वैगन से उतारकर ट्रक पर लादा जाता है और उसके बाद खाद्यान्न को ट्रक के माध्यम से गोदाम तक पहुंचाया जाता है. परिवहन की आसान उपलब्धता के कारण, सहकारी समितियों NAFED और NCCF को रेलवे स्टेशनों के पास विकिरण प्रसंस्करण इकाइयाँ स्थापित करने के लिए प्याज भंडारण की सुविधा खोजने का निर्देश दिया गया है.
उपभोक्ता मामलों के मंत्रालय के सचिव ने पिछले सप्ताह पीटीआई-भाषा को बताया था कि हम उपभोक्ता क्षेत्रों के आसपास 50 प्याज विकिरण केंद्रों की पहचान कर रहे हैं. अगर हम सफल रहे तो इस साल रेडिएशन प्रोसेसिंग के जरिए 1 लाख टन तक प्याज का भंडारण किया जा सकता है. सचिव ने कहा कि बफर स्टॉक के तत्काल परिवहन की सुविधा के लिए प्रमुख रेलवे स्टेशनों के पास वातानुकूलित भंडारण सुविधा विकिरण इकाइयां स्थापित करने की तैयारी चल रही है.
सहकारी समितियां NAFED और NCCF बफर स्टॉक के लिए 5 लाख टन प्याज खरीद रही हैं. इन समितियों को सोनीपत, ठाणे, नासिक और मुंबई जैसे प्रमुख उपभोग केंद्रों के आसपास विकिरण प्रसंस्करण इकाइयों का पता लगाने और स्थापित करने का निर्देश दिया गया है.
पिछले साल, महाराष्ट्र के पास 1,200 टन की छोटी भंडारण क्षमता पर विकिरण प्रसंस्करण की कोशिश की गई थी. इस बार रेडिएशन प्रोसेसिंग के जरिए बफर स्टॉक से 1 लाख टन अतिरिक्त प्याज का भंडारण करने की तैयारी की जा रही है.