बिहार के किसान जहां मेहनती हैं, वहीं यहां की मिट्टी भी उपजाऊ है. लेकिन, उपज का बेहतर दाम और बाजार के अभाव में यहां के किसान आज भी कृषि उत्पादन में समृद्ध होने के बावजूद आर्थिक रूप से कमजोर हैं. हालांकि, राज्य सरकार द्वारा राज्य के विभिन्न जिलों में कृषि बाजार प्रांगणों का आधुनिकीकरण बनाने का काम कर रही है, ताकि किसानों को उपज और बाजार आसानी से उपलब्ध हो जाए. इसी कड़ी में राज्य योजना अंतर्गत बिहार के 9 बाजार प्रांगणों के आधुनिकीकरण और समुचित विकास के लिए कुल 5 अरब 40 करोड़ 61 लाख 47 हजार 600 रुपये की लागत से एक महत्वाकांक्षी योजना स्वीकृत की गई है. इस योजना के तहत नाबार्ड से 95 प्रतिशत राशि ऋण के रूप में और राज्यांश से 05 प्रतिशत राशि उपलब्ध कराई जाएगी.
बिहार के उपमुख्यमंत्री सह कृषि मंत्री विजय कुमार सिन्हा ने बताया कि वित्तीय वर्ष 2025-26 में बाजार प्रांगणवार योजनाओं पर अलग–अलग प्रशासनिक स्वीकृति के साथ कुल 38 करोड़ 21 लाख 5 हजार 264 रुपये की निकासी और व्यय को मंजूरी दी गई है. इसके तहत नाबार्ड की ओर से 36 करोड़ 30 लाख रुपये और राज्य सरकार की ओर से 1 करोड़ 91 लाख 5 हजार 264 रुपये स्वीकृत किया गया है. वहीं, इन राशियों की मदद से बाजार प्रांगणों के कायाकल्प और सुविधाओं के विस्तार को लेकर काम किया जाएगा, ताकि राज्य के किसानों को उनकी उपज की बिक्री में मदद मिल सके.
राज्य के अंदर हाल के समय में कई कृषि बाजार प्रांगणों का कायाकल्प हो चुका है. वहीं, कई बाजार प्रांगणों को बनाने का काम जारी है. कृषि मंत्री विजय कुमार सिन्हा ने बताया कि इस योजना के अंतर्गत 9 कृषि बाजार प्रांगणों का आधुनिकीकरण किया जा रहा है, जिनमें कृषि उत्पादन बाजार समिति सासाराम, बेगूसराय, कटिहार, फारबिसगंज, जहानाबाद, दरभंगा, किशनगंज, छपरा और बिहटा शामिल हैं. उन्होंने बताया कि बाजार प्रांगणों में चल रहे कार्यों का नियमित जायजा कृषि विपणन निदेशालय द्वारा लिया जा रहा है, ताकि काम समय पर पूर्ण हो. वहीं, इन स्थानों पर आधुनिक हो रहे कृषि बाजार से जहां किसानों की आय में वृद्धि होगी, वहीं कृषि क्षेत्र के समग्र विकास को बल मिलने की उम्मीद है.
उपमुख्यमंत्री सिन्हा ने कहा कि इस वित्तीय वर्ष में संचालित सभी काम को पूरा कर लिया जाएगा. वहीं, कृषि बाजार प्रांगण को आधुनिक सुविधाओं से युक्त बनाने की जिम्मेदारी बिहार राज्य पुल निर्माण निगम लिमिटेड को दी गई है. इसके साथ ही उन्होंने कहा कि साल 2025-26 में अनुमानित 10 लाख 67 हजार 136 मानव दिवस का रोजगार भी सृजन होगा. इससे ग्रामीण युवाओं और स्थानीय श्रमिकों को प्रत्यक्ष रोजगार उपलब्ध होगा और राज्य की ग्रामीण अर्थव्यवस्था को नई गति मिलेगी. वहीं, किसानों को भी आधुनिक और पारदर्शी बाजार प्रणाली से लाभ मिलेगा, जिससे उन्हें अपनी उपज का बेहतर मूल्य प्राप्त हो सकेगा.