
बुधवार को लोकसभा में किसानों की जेब से जुड़ा एक बेहद अहम मुद्दा गूंजा. राजस्थान के कांग्रेस सांसद राहुल कस्वां ने सरकार को उनका बजट वाला वादा याद दिलाया. उन्होंने कहा कि 1 फरवरी 2025 के बजट में सरकार ने किसान क्रेडिट कार्ड (KCC) की लिमिट 3 लाख से बढ़ाकर 5 लाख रुपये करने का ऐलान किया था. लेकिन हैरानी की बात है कि 8 महीने बीत जाने और वित्त वर्ष की तीसरी तिमाही शुरू होने के बाद भी सरकार ने इसका नोटिफिकेशन जारी नहीं किया है. सांसद ने साफ कहा कि आदेश न आने की वजह से बैंक अभी भी पुराने नियम चला रहे हैं और किसानों को बढ़ा हुआ लोन देने से मना कर रहे हैं. उन्होंने इसे किसानों के प्रति सरकार की अनदेखी बताया.
इस साल 1 फरवरी 2025 को जब केंद्रीय वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने बजट पेश किया था, तो यह खबर किसानों के लिए किसी संजीवनी से कम नहीं थी. उन्होंने अपने बजट भाषण की शुरुआत में ही ऐलान किया था कि संशोधित ब्याज सब्सिडी योजना के तहत KCC लोन की सीमा 3 लाख से बढ़ाकर 5 लाख रुपये की जा रही है. इस फैसले का उद्देश्य देश के करीब 7.7 करोड़ किसानों, मछुआरों और पशुपालन से जुड़े लोगों को आर्थिक सुरक्षा देना था. सरकार का तर्क था कि खेती की लागत बढ़ रही है, इसलिए किसानों को सस्ती ब्याज दर पर ज्यादा पैसों की जरूरत है. देश के किसानों में खुशी की लहर दौड़ गई थी कि अब उन्हें खेती के लिए पैसे की तंगी नहीं होगी.
लेकिन आज जमीनी हकीकत यह है कि यह 'बड़ी खुशखबरी' सरकारी फाइलों में कहीं अटक कर रह गई है. किसान उम्मीद लगाए बैठे थे कि खरीफ की फसल के दौरान या कम से कम अब रबी की बुवाई के समय उन्हें इस बढ़ी हुई सीमा का लाभ मिलेगा, लेकिन ऐसा नहीं हुआ. केसीसी (KCC) किसानों के लिए खेती का सबसे बड़ा सहारा होता है, जिससे वे खाद, बीज, कीटनाशक और खेती का अन्य सामान खरीदते हैं. सीमा 5 लाख रुपये होने से उन्हें साहूकारों के महंगे कर्ज के जाल में फंसने से मुक्ति मिलती. लेकिन नोटिफिकेशन में देरी के कारण किसान बैंक के चक्कर काट रहे हैं और बैंक अधिकारी सरकारी आदेश न होने का हवाला देकर उन्हें 3 लाख से ज्यादा का लोन देने में असमर्थता जता रहे हैं. घोषणा होने के बावजूद लाभ न मिलना किसानों के लिए निराशाजनक है.
किसान क्रेडिट कार्ड एक प्रकार की विशेष ऋण सुविधा है जो किसानों को बहुत कम ब्याज दर पर पैसा मुहैया कराती है. पहले इसकी अधिकतम सीमा 3 लाख रुपये थी, जो आज की महंगाई और खेती के बढ़ते खर्च को देखते हुए कम पड़ रही थी. इसी मांग को पूरा करते हुए सरकार ने लिमिट 5 लाख की थी. यह फैसला बिल्कुल सही था, लेकिन इसके क्रियान्वयन में हो रही देरी ने सरकार की मंशा पर सवाल खड़े कर दिए हैं. कांग्रेस सांसद राहुल कस्वां कहां कि सरकार बिना और वक्त गंवाए तुरंत प्रभाव से नोटिफिकेशन जारी करे. ताकि 3 लाख से 5 लाख की लिमिट सिर्फ बजट भाषण का हिस्सा बनकर न रह जाए, बल्कि वास्तव में किसानों के बैंक खाते तक पहुंचे और उन्हें खेती-किसानी में मदद मिल सके.
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