भारतीय किसान यूनियन (BKU) के राष्ट्रीय अध्यक्ष चौधरी नरेश टिकैत ने जम्मू-कश्मीर के पहलगाम में हुए आतंकी हमले पर एक बड़ा बयान दिया है. दरअसल, 27 अप्रैल को यूपी के सहारनपुर पहुंचे नरेश टिकैत का बयान सोशल मीडिया पर जमकर वायरल हो रहा है. नरेश टिकैत ने कहा कि पहलगाम की घटना में कुछ लोगों की गलती की सजा पूरी जनता को भुगतनी पड़े, यह ठीक नहीं है. उन्होंने ऐसा इसलिए कहा क्योंकि इस घटना के बाद भारत सरकार ने सिंधु नदी समझौता को रद्द करके पानी को बंद कर किया है. साथ ही नरेश टिकैत ने कहा कि पाकिस्तान अपने यहां पनप रहे आतंकियों पर लगाम लगाए. साथ ही भारत सरकार को कड़ा एक्शन लेकर आतंकवादियों को मिटा देना चाहिए.
नरेश टिकैत ने कहा कि पहलगाम में हुई घटना बेहद ही दुखद है. आतंकवाद के खिलाफ सरकार सख्त कार्रवाई करे, लेकिन सिंधु नदी समझौता रद्द कर पाकिस्तान को जाने वाली पानी रोकना सरकार का गलत निर्णय है. यही बयान पिछले दिनों से सोशल मीडिया में वायरल हो रहा है.
वहीं, टिकैत के इस बयान पर फतेहपुर सीकरी से बीजेपी सांसद और किसान मोर्चा के अध्यक्ष राजकुमार चाहर ने कहा कि पहलगाम की दर्दनाक घटना के बाद किसान यूनियन के अध्यक्ष नरेश टिकैत ने निंदनीय बयान दिया है. पाकिस्तान के पक्ष में बयान देते समय उनको शर्म नहीं आई. वो भारत सरकार के द्वारा पाकिस्तान पानी रोकने के निर्णय पर प्रश्न चिन्ह लगाकर पाकिस्तान के पक्ष में बोल रहे हैं. नरेश टिकैत तत्काल देश से माफी मांगें.
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चौधरी नरेश टिकैत 27 अप्रैल की शाम को हरियाणा जाते समय नकुड़ कस्बे में विश्वकर्मा चौक पर संगठन के कार्यकर्ताओं से मिलने के लिए कुछ देर रुके थे. तभी पत्रकार के पूछने पर नरेश टिकैत ने बयान दिया कि पहलगाम की घटना बेहद ही दुखद है, जिसकी भारत ही नहीं पूरी दुनिया निंदा कर रही है. आतंकवाद के खिलाफ पूरे देश को एकजुट रहना चाहिए और सरकार को इस पर सख्त कदम उठाने चाहिए.
आगे उन्होंने ये कहा कि यह घटना दो लोग या 10 लोगों ने की है, लेकिन पूरे पाकिस्तान को तो दोषी नहीं मनाना चाहिए. इसके साथ ही उन्होंने कहा कि मैं बहुत ही कम बोलता हूं, लेकिन कुछ लोग हमारी बातों का कुछ भी कहेंगे और कुछ लोग समर्थन भी करेंगे. ऐसे में जो समझौता है पहले से है वही रहना चाहिए. ऐसे में सरकार का पानी रोकने वाला निर्णय हम सही नहीं मानते क्योंकि किसान वहां भी हैं. पूरे भारत में भी किसान हैं. पानी तो चलता रहना चाहिए, गलती दो लोग और उसकी सजा लाखों लोग भुगतें, इस पर सरकार को कुछ ना कुछ बातचीत करनी चाहिए और निर्णय लेना चाहिए. इस तरह के हमले अगर भारत में हो रहे हैं तो कहीं ना कहीं चूक सरकार की भी है. आतंकवादियों का कोई धर्म नहीं होता, यह तो किसी भी धर्म और मजहब में हो सकते हैं.