महाराष्ट्र सरकार के 'सबसे बड़े' राहत पैकेज को विपक्ष ने बताया मजाक, आंकड़ों से खेलने का लगाया आरोप

महाराष्ट्र सरकार के 'सबसे बड़े' राहत पैकेज को विपक्ष ने बताया मजाक, आंकड़ों से खेलने का लगाया आरोप

महाराष्ट्र सरकार ने बारिश और बाढ़ के कारण भारी नुकसान झेलने वाले किसानों के लिए 31,628 करोड़ रुपये के मुआवजे पैकेज की घोषणा की और कहा कि कुल सहायता 48,000 रुपये प्रति हेक्टेयर होगी. मगर विपक्षी दलों ने राहत पैकेज को खोखला और बहुत कम बताया, जिससे किसानों को अपना जीवन फिर से शुरू करने में मदद नहीं मिलेगी.

Congress leader Vijay Wadettiwar.Congress leader Vijay Wadettiwar.
क‍िसान तक
  • मुंबई,
  • Oct 08, 2025,
  • Updated Oct 08, 2025, 1:51 PM IST

महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस ने उपमुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे और अजित पवार के साथ मिलकर राज्य के बाढ़ प्रभावित किसानों के लिए ₹32,000 करोड़ के व्यापक राहत पैकेज की घोषणा की है. उन्होनें कहा कि दिवाली से पहले पूरी सहायता राशि वितरित कर दी जाएगी. महायुति सरकार इसे राज्य के इतिहास का सबसे बड़ा पैकेज बता रही है. वहीं विपक्षी दलों ने इस राहत पैकेज को "खोखला" और "बहुत कम" बताया, जिससे किसानों को अपना जीवन फिर से शुरू करने में मदद नहीं मिलेगी. विपक्षी दलों ने किसानों के लिए अधिक मजबूत मदद के साथ-साथ एक ठोस पुनर्वास योजना की भी मांग की.

राहत पैकेज को बताया मजाक

रिलीफ पैकेज के इतने बड़े आंकड़े के बावजूद, इस घोषणा पर विपक्ष ने तीखी प्रतिक्रिया दी है. शिवसेना (यूबीटी) विधायक कैलास पाटिल (धाराशिव ज़िला) ने सरकार पर सिर्फ आंकड़ों से खेलने का आरोप लगाया और दावा किया कि नुकसान के हिसाब से यह सहायता पैकेज नाकाफी है. कांग्रेस नेता विजय वडेट्टीवार ने तीखी आलोचना करते हुए कहा कि किसानों की आत्महत्या की उच्च दर (इस वर्ष अकेले मराठवाड़ा में 781) को देखते हुए यह सहायता एक "मज़ाक" है. 

वास्तविक सहायता केवल ₹6,500 करोड़

वडेट्टीवार ने एनडीआरएफ के अपर्याप्त मानदंडों का पालन करने के लिए पैकेज की आलोचना की और सवाल किया कि एक समृद्ध राज्य महाराष्ट्र, पंजाब जैसे अन्य राज्यों द्वारा प्रदान की गई पर्याप्त सहायता की बराबरी क्यों नहीं कर सकता. वहीं किसान सभा के सचिव अजीत नवले ने भी इस पैकेज को खारिज करते हुए तर्क दिया कि वास्तविक नई सहायता केवल ₹6,500 करोड़ है, बाकी ₹31,628 करोड़ केवल मौजूदा योजनाओं का संकलन है. उन्होंने ये निष्कर्ष निकाला कि सरकार ने पीड़ितों को कुछ भी ठोस नहीं दिया है.

राहत पैकेज दिया मगर कर्ज माफी नहीं

गौरतलब है कि महाराष्ट्र सरकार के राहत पैकेज में 29 जिले शामिल हैं, जहां लगभग 68 लाख हेक्टेयर की फसलें बर्बाद हुई हैं. प्रमुख प्रावधानों में तत्काल फसल क्षतिपूर्ति के लिए ₹6,175 करोड़ और प्रति हेक्टेयर ₹47,000 की नकद राशि शामिल है. पुनर्निर्माण सहायता नरेगा योजना के माध्यम से ₹3 लाख प्रति हेक्टेयर की दर से प्रदान की जाएगी. इसके अलावा, सरकार ने फसल बीमा के लिए 18,000 करोड़ रुपये से अधिक का आवंटन किया है और प्रत्येक मृत पशु के लिए मुआवजे की गारंटी दी है. साथ ही प्रतिबंधात्मक एनडीआरएफ मानदंड को रद्द कर दिया है. 

हालांकि मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस ने कहा कि सरकार समय आने पर कृषि ऋण माफी की भी घोषणा करेगी. उन्होंने कहा कि किसानों को हुए नुकसान पर एक व्यापक ज्ञापन केंद्र को सौंपने के लिए तैयार किया जा रहा है. फिलहाल प्राथमिकता किसानों को फिर से अपने पैरों पर खड़ा करने में मदद करना है. (रिपोर्ट- ऋत्विक अरुण भालेकर)

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