महाराष्‍ट्र में विधानसभा चुनाव से पहले अजित पवार की एनसीपी को बड़ा झटका, 4 नेताओं ने छोड़ी पार्टी

महाराष्‍ट्र में विधानसभा चुनाव से पहले अजित पवार की एनसीपी को बड़ा झटका, 4 नेताओं ने छोड़ी पार्टी

महाराष्‍ट्र में विधानसभा चुनाव होने हैं लेकिन इससे पहले ही अजित पवार के नेतृत्‍व वाली राष्‍ट्रवादी ष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी (एनसीपी)को तगड़ा झटका लगा है. लोकसभा चुनाव में खराब प्रदर्शन के बाद डिप्‍टी सीएम अजित पवार के नेतृत्व वाली एनसीपी से चार नेताओं ने अलविदा कह दिया है. पार्टी के अब कई तरह की राजनीतिक चुनौतियों का सामना कर रही है.

NCP chief Ajit PawarNCP chief Ajit Pawar
क‍िसान तक
  • Mumbai ,
  • Jul 17, 2024,
  • Updated Jul 17, 2024, 9:52 PM IST

महाराष्‍ट्र में विधानसभा चुनाव होने हैं लेकिन इससे पहले ही अजीत पवार के नेतृत्‍व वाली राष्‍ट्रवादी ष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी (एनसीपी)को तगड़ा झटका लगा है. लोकसभा चुनाव में खराब प्रदर्शन के बाद डिप्‍टी सीएम अजीत पवार के नेतृत्व वाली एनसीपी से चार नेताओं ने अलविदा कह दिया है. पार्टी के अब कई तरह की राजनीतिक चुनौतियों का सामना कर रही है. पिछले दिनों आरएसएस से जुड़ी मैगजीन ऑर्गनाइजर में एक आर्टिकल आया था. इस आर्टिकल के बाद ही पवार को यह झटका लगा है. 

टॉप 4 नेता हुए अलग 

इस आर्टिकल में महाराष्‍ट्र में भारतीय जनता पार्टी (बीजेपी) के खराब प्रदर्शन के लिए अजीत पवार के नेतृत्व वाली एनसीपी के साथ गठबंधन और पार्टी, उसके कार्यकर्ताओं और राज्य में एनडीए सरकार के बीच कम्‍युनिकेशन की कमी को जिम्मेदार ठहराया गया था.  पवार की एनसीपी से पिंपरी-चिंचवाड़ के टॉप चार नेताओं ने इस्तीफा दे दिया है. अब ये सभी वरिष्‍ठ नेता शरद पवार के नेतृत्व वाली एनसीपी में शामिल होने वाले हैं. अलग होने वाले नेताओं में पिंपरी-चिंचवाड़ यूनिट के अध्यक्ष अजित गवाहाने, छात्र नेता यश साने और दो पूर्व पार्षद राहुल भोसले और पंकज भालेकर शामिल हैं. 

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शरद पवार गुट में होंगे शामिल!  

अजीत गवहाने ने कहा, 'मैंने मंगलवार को इस्तीफा दे दिया और आज हम दूसरे विधानसभा क्षेत्र के सभी पूर्व पार्षदों के साथ बैठक करेंगे. हम उसी के अनुसार अपनी आगामी रणनीति तय करेंगे. हम पवार साहब (शरद पवार) का आशीर्वाद लेने जा रहे हैं और फिर मिलकर कोई फैसला लेंगे.' अजीत ने उन्होंने आरोप लगाया कि साल 2017 से बीजेपी ने पीसीएमसी (पिंपरी-चिंचवाड़ नगर निगम) पर कब्जा करना शुरू कर दिया है और विकास ठप हो गया है. यह इस्तीफा ऐसे समय में आया है जब ऐसी अटकलें लगाई जा रही हैं कि महाराष्‍ट्र विधानसभा चुनाव से पहले अजित पवार खेमे के कुछ नेता शरद पवार के गुट में लौटने को तैयार हैं.

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लोकसभा चुनावों में खराब प्रदर्शन 

इससे पहले जून में शरद पवार ने कहा था कि उनकी पार्टी को कमजोर करने की कोशिश करने वालों के लिए दरवाजे बंद हैं. जो नेता संगठन की छवि को नुकसान पहुंचाए बिना उसे मजबूत कर सकते हैं, उनका स्वागत किया जाएगा. अजित पवार की पार्टी ने राज्य में चार लोकसभा सीटों पर चुनाव लड़ा और सिर्फ एक (रायगढ़) पर जीत हासिल की, जबकि उनके चाचा के गुट ने महाराष्‍ट्र में आठ सीटें जीतीं. राज्य में विधानसभा चुनाव इस साल के अंत में होने हैं. हाल ही में हुए लोकसभा चुनावों में महाराष्‍ट्र में सत्तारूढ़ महायुति गठबंधन ने राज्य की 48 लोकसभा सीटों में से 17 सीटें हासिल कीं. जबकि महाविकास अघाड़ी के हिस्‍से 30 सीटें आई थीं. 

 

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