किसान नेता अभिमन्यु कोहाड़ ने आमरण अनशन पर बैठे जगजीत सिंह डल्लेवाल के अनशन के समर्थन में और किसान आंदोलन को मजबूती देने के लिए नया दांव चला है. उन्होंने पवित्र जल यात्रा पहल की शुरुआत की है. अभिमन्यु कोहाड़ ने किसान भाई-बहनों से अपने खेत से जल लेकर 4, 6, 8, 10 और 12 फरवरी में से किसी एक दिन खनौरी मोर्चे पर पहुंचने का आग्रह किया है. उन्होंने जल अर्पण कर आंदोलन को मजबूत करने की अपील की है. कोहाड़ ने कहा कि डल्लेवाल जी पिछले 70 दिनों से सिर्फ जल ग्रहण कर रहे हैं. यह आंदोलन हमारे हक और सम्मान की लड़ाई है.
सयुंक्त किसान मोर्चा (गैर राजनीतिक) और किसान मजदूर मोर्चा (केएमएम) के नेतृत्व में किसान आंदोलन 2.0 को 12 फरवरी 2025 को एक साल पूरे होने जा रहे हैं. जगजीत सिंह डल्लेवाल, सरवन सिंह पंढेर,अभिमन्यु कोहाड़, काका सिंह कोटड़ा समेत कई चर्चित किसान नेता इस आंदोलन का चेहरा है.
बीच में आंदोलन को शांत पड़ता देख किसान नेता जगजीत सिंह डल्लेवाल ने 26 नवंबर 2024 से आमरण अनशन पर बैठे तो मानों आंदोलन में नई जान आ गई. डल्लेवाल के अनशन को 50 दिन से अधिक का समय होने पर 18 जनवरी को केंद्र सरकार को झुकना पड़ा और दोनों मोर्चों को बातचीत का न्योता दिया, जिसके तहत अब 14 फरवरी को चंडीगढ़ में किसानों और केंद्र के बीच एमएसपी की कानूनी गारंटी समेत 12 मांगों को लेकर चर्चा होगी.
केंद्र सरकार से बातचीत से पहले किसान यूनियनों ने 11 फरवरी को राजस्थान में, 12 फरवरी को खनौरी मोर्चे पर और 13 फरवरी को शंभू बॉर्डर पर तीन अलग-अलग किसान महांपचातें बुलाई हैं, जिनमें लाखों किसानों के जुटने का अनुमान है. किसान यूनियन यहां सरकार को दमखम दिखाकर अपनी मांगों को लेकर दबाव बनाने की तैयारी में हैं. इसके लिए किसान नेताओं ने बड़ी संख्या में किसानों से महापंचायतों में जुटने के लिए कहा है, ताकि सरकार उनकी बात पर विचार करे.
11 फरवरी काे राजस्थान में होने वाली महापंचायत में डल्लेवाल वर्चुअली जुड़कर किसानों को संबोधित करेंगे. वहीं, 12 फरवरी को उनकी मौजूदगी में ही खनौरी मोर्चे पर महापंचायत होगी. इस दौरान वे किसानों से 14 फरवरी को केंद्र से होने वाली मीटिंग पर राय लेंगे कि क्या उन्हें खुद चंडीगढ़ जाकर उसमें शामिल होना चाहिए या नहीं. इससे पहले किसान नेता ने स्वास्थ्य कारणों का हवाला देते हुए बैठक में शामिल होने से इनकार कर दिया है. हालांकि, ऑनलाइन जुड़ने की संभावना जताई है. लेकिन महापंचायत के बाद ही सस्पेंस से पूरी तहर पर्दा उठेगा. डल्लेवाल ने कहा है कि जब तक किसानों की मांगें पूरी नहीं हो जाती हैं, वे अनशन जारी रखेंगे.