देश में कई राज्यों में मॉनसून से पहले ही बेमौसम बारिश और आंधी-तूफान, ओलावृष्टि के हालात बने हुए हैं. महाराष्ट्र में भी ऐसा ही कुछ मौसम बना हुआ है और बेमौसम बारिश के कारण किसानों और मछुआरों को नुकसान का सामना करना पड़ रहा है. इस बीच, पालघर से सांसद हेमंत सवारा ने गुरुवार को कहा कि मौजूदा नियमों के अनुसार, बारिश से होने वाले नुकसान के लिए मुआवजा अपर्याप्त है और महाराष्ट्र सरकार को पालघर जिले के मछुआरा समुदाय को एक विशेष पैकेज देना चाहिए.
उन्होंने प्रभावित गांवों का दौरा करने के बाद एक विज्ञप्ति में कहा कि मंगलवार रात तेज हवाओं के साथ बेमौसम बारिश ने नावों, जालों और मछली पकड़ने के उपकरणों को भारी नुकसान पहुंचाया, जबकि कई घरों की छतें उड़ गईं. उन्होंने कहा कि मौजूदा सरकारी नियमों के तहत क्षतिग्रस्त नावों के लिए दी जाने वाली सहायता बहुत कम है.
उन्होंने कहा कि उन्होंने मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस और मत्स्य विभाग से चक्रवात तौकते के महाराष्ट्र तट पर आने के बाद घोषित एक विशेष वित्तीय पैकेज की तर्ज पर एक विशेष वित्तीय पैकेज की मांग की है. सांसद ने कहा कि जिले के अन्य तालुकों में घरों और कृषि को भी गंभीर नुकसान हुआ है.
एक सरकारी विज्ञप्ति में कहा गया कि बेमौसम बारिश से प्रभावित क्षेत्रों का सर्वे करने के लिए सीनियर अफसरों की एक टीम भेजी गई है. अफसरों ने बताया कि मंगलवार रात तेज हवाओं के साथ बारिश हुई, जिसके चलते एक व्यक्ति की मौत हो गई. इसमें करीब 800 घरों और 50 नावों को नुकसान पहुंचा है. मोरेश्वर लोहार (65) की मौत वेदी गांव में तूफान के दौरान गिरे बिजली के तार पर पैर रखने से हो गई. स्थानीय पुलिस अधिकारी ने बताया कि वह अपनी बकरियां चराने गया था, तभी यह हादसा हुआ.
वहीं, पालघर के संरक्षक मंत्री गणेश नाइक ने जिला प्रशासन को नुकसान का आकलन करने, सार्वजनिक सुरक्षा सुनिश्चित करने और प्रभावित परिवारों के लिए मुआवज़ा कार्यवाही शुरू करने का निर्देश दिया है. नाइक ने गुरुवार को एक बयान में कहा, "पात्र नागरिकों को सरकारी मानदंडों के अनुसार उचित मुआवज़ा दिया जाएगा. नुकसान के आकलन की प्रक्रिया शुरू हो गई है. मंगलवार रात को बेमौसम बारिश और तेज़ हवाओं ने पालघर, ठाणे, मुंबई और रायगढ़ जिलों को प्रभावित किया, जिससे व्यापक व्यवधान हुआ. (पीटीआई)