बीजेपी के विजयी 7 सांसदों को मिला 70 फीसदी से भी ज्‍यादा वोट शेयर, कांग्रेस के हिस्‍से आए कितने 

बीजेपी के विजयी 7 सांसदों को मिला 70 फीसदी से भी ज्‍यादा वोट शेयर, कांग्रेस के हिस्‍से आए कितने 

एसोसिएशन फॉर डेमोक्रेटिक रिफॉर्म्स (एडीआर) और नेशनल इलेक्शन वॉच (न्यू) की रिपोर्ट के मुताबिक हाल ही में हुए लोकसभा चुनाव में सिर्फ सात सांसद ऐसे हैं जो अपने-अपने निर्वाचन क्षेत्रों में डाले गए कुल वोटों के 70 फीसदी से ज्‍यादा वोट्स के साथ चुनाव जीते हैं. ये सभी सांसद बीजेपी से हैं. लिस्‍ट में दूसरी तरफ कांग्रेस के तीन सांसद थे जो अपनी सीटों पर डाले गए कुल वोटों के 30 फीसदी से कम वोटों के साथ चुने गए. 

Election of Lok Sabha Speaker: What are the provisions under the Constitution?Election of Lok Sabha Speaker: What are the provisions under the Constitution?
क‍िसान तक
  • New Delhi ,
  • Jul 06, 2024,
  • Updated Jul 06, 2024, 8:39 PM IST

एसोसिएशन फॉर डेमोक्रेटिक रिफॉर्म्स (एडीआर) और नेशनल इलेक्शन वॉच (न्यू) की एक नई रिपोर्ट आई है. इस रिपोर्ट पर अगर यकीन करें तो हाल ही में गठित 18वीं लोकसभा में सिर्फ सात सांसद ऐसे हैं जो अपने-अपने निर्वाचन क्षेत्रों में डाले गए कुल वोटों के 70 फीसदी से ज्‍यादा वोट्स के साथ चुनाव जीते हैं. रिपोर्ट में कहा गया है कि ये सभी सांसद भारतीय जनता पार्टी (बीजेपी) से हैं. लिस्‍ट में दूसरी तरफ कांग्रेस के तीन सांसद थे जो अपनी सीटों पर डाले गए कुल वोटों के 30 फीसदी से कम वोटों के साथ चुने गए. 

क्‍या कहा गया है रिपोर्ट में 

न्‍यूज 18 की रिपोर्ट के अनुसार एडीआर और न्यू ने लोकसभा चुनाव में 543 निर्वाचन क्षेत्रों में से 542 के वोट शेयरों का विश्लेषण किया है. रिपोर्ट के मुताबिक इन 542 सांसदों में से आधे से अधिक यानी 279 सांसद ऐसे थे जो 50 फीसदी से ज्‍यादा वोट शेयर के साथ जीते. जबकि 263 यानी 49 फीसदी अपने निर्वाचन क्षेत्रों में डाले गए कुल वोटों के 50 फीसदी से कम वोट शेयर के साथ जीते हैं. 

यह भी पढ़ें-23 जुलाई को बजट पेश करेंगी वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण, संसद सत्र की तारीखों का हुआ ऐलान 

बीजेपी के 239 विजेताओं में से 75 यानी 31 फीसदी ने अपने निर्वाचन क्षेत्रों में डाले गए कुल वोटों के 50 फीसदी से भी कम वोटों से जीत हासिल की. कांग्रेस के 99 विजेताओं में से 57 यानी 58 फीसदी, सपा के 37 विजेताओं में से 32 यानी 86 फीसदी, एआईटीसी के 29 विजेताओं में से 21 72 फीसदी और डीएमके के 22 विजेताओं में से 14  यानी 64 फीसदी ने अपने निर्वाचन क्षेत्र में डाले गए कुल वोटों के 50 फीसदी से कम के साथ जीत हासिल की है.  

कांग्रेस के कितने सांसद 

दूसरी ओर बीजेपी के 164 सांसद और कांग्रेस के 42 सांसद 50 फीसदी से ज्‍यादा वोट शेयर के साथ जीते. तेलुगु देशम पार्टी 15 सांसदों के साथ 50 फीसदी से अधिक वोट शेयर के साथ तीसरे स्थान पर रही.  सबसे ज्‍यादा वोट शेयर के साथ जीतने वाले बीजेपी के शीर्ष सात सांसदों में इंदौर के सांसद शंकर लालवानी शामिल थे. इन्‍हें कुल डाले गए वोटों का 78.54 फीसदी  मिला. इसके बाद नवसारी के सांसद सीआर पाटिल ने 77 फीसदी से ज्‍यादा वोट शेयर हासिल किया. बीजेपी के लिए सात की लिस्‍ट में गुजरात की चार, मध्य प्रदेश की दो और त्रिपुरा की एक सीट शामिल थी. 

यह भी पढ़ें-विधानसभा उपचुनाव से पहले बीजेपी ने यूपी में जीता यह चुनाव, जानें कौन सा 

कैसे निकाला जाता है वोट शेयर 

वोट शेयर का प्रतिशत विजेता को मिले वोटों को वैध वोटों की कुल संख्या से विभाजित किया जाता है. इसलिए 77 फीसदी वोट शेयर का मतलब है कि औसतन हर 100 वैध वोटों में से 77 पाटिल के पक्ष में थे.  विदिशा के सांसद शिवराज सिंह चौहान को कुल वोटों का करीब 77 फीसदी मिला. जबकि गांधीनगर के सांसद अमित शाह को 76.5 फीसदी वोट मिले. इस सूची में त्रिपुरा पश्चिम के सांसद बिप्लब कुमार देब (72.85फीदी), वडोदरा के सांसद डॉ हेमंग जोशी (72.04 फीसदी) और पंचमहल के सांसद राजपालसिंह महेंद्रसिंह जादव (70.22 फीसदी) भी शामिल हैं.  कुल मिलाकर, पांच सांसद अपनी सीटों से कुल वोटों के 30 फीसदी से भी कम वोटों के साथ सदन में पहुंचे. 

यह भी पढ़ें-लोकसभा में पहले बीजेपी को किया चैलेंज, अब शनिवार को गुजरात का दौरा करेंगे राहुल गांधी  

पंजाब के सांसद सबसे नीचे 

लिस्‍ट में सबसे निचले तीन स्थान पंजाब के कांग्रेस सांसदों - फिरोजपुर के शेर सिंह घुबाया (23.70फीसदी), पटियाला के डॉ. धर्मवीर गांधी (26.54फीसदी) और अमृतसर के गुरजीत सिंह औजला (28.18फीसदी) ने हासिल किए. लिस्‍ट में शामिल बाकी दो सांसद भी पंजाब से ही थे, आम आदमी पार्टी से आनंदपुर साहिब के मालविंदर सिंह कांग और फरीदकोट के निर्दलीय सांसद सरबजीत सिंह खालसा.  उन्होंने कुल वोटों में से लगभग 29 फ वोट हासिल करके जीत हासिल की.  लोकसभा चुनाव 19 अप्रैल से 1 जून के बीच सात चरणों में आयोजित किए गए थे, जबकि परिणाम 4 जून को घोषित किए गए थे. 

MORE NEWS

Read more!