पिछले लगभग सवा सौ दिन से एमएसपी की लीगल गारंटी की मांग को लेकर शंभू और खनौरी बॉर्डर पर आंदोलन कर रहे संयुक्त किसान मोर्चा-अराजनैतिक के नेता केंद्र और हरियाणा सरकार पर भड़के हुए हैं. बृहस्पतिवार को चंडीगढ़ के किसान भवन में एसकेएम (गैर-राजनीतिक) व किसान मजदूर मोर्चा द्वारा साझा प्रेस कॉन्फ्रेंस में केंद्र सरकार द्वारा बढ़ाई गई खरीफ फसलों की एमएसपी को नाकाफी बताया गया. तो दूरी ओर हरियाणा पुलिस पर किसान नेता नवदीप सिंह जलबेड़ा को टॉर्चर करने के गंभीर आरोप लगाए गए.
किसान नेताओं ने सरकार द्वारा MSP में बढ़ोतरी को अपर्याप्त बताते हुए कहा कि जब तक MSP पर फसलों की खरीद की गारंटी का कानून नहीं बनता तब तक किसानों को फायदा नहीं होगा. उन्होंने बताया कि धान में 117 रुपये (5.35%) व बाजरे में 125 रुपये (5%) की बढ़ोतरी की गई है जबकि मई, 2024 में ग्रामीण क्षेत्र में महंगाई दर 5.28 फीसदी है, इस तरह MSP में बढ़ोतरी न के बराबर है.
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किसान नेता अभिमन्यु कोहाड़ ने कहा कि 13 फरवरी से शुरू हुआ आंदोलन MSP गारंटी कानून बनने तक जारी रहेगा. किसान नेताओं ने बताया कि किसान नेता नवदीप सिंह जलबेड़ा के साथ हरियाणा पुलिस द्वारा ऐसे व्यवहार किया जा रहा है जो किसी भी लोकतांत्रिक देश में स्वीकार्य नहीं है, उन्होंने बताया कि हरियाणा पुलिस ने नवदीप जलबेड़ा को थर्ड डिग्री टॉर्चर किया है. नवदीप जलबेड़ा की रिहाई के लिए हरियाणा के अंबाला में 17 जुलाई को एसपी कार्यालय का घेराव होगा, जिसमें पंजाब-हरियाणा के कोने-कोने से किसान पहुंचेंगे.
किसान नेताओं ने बताया कि 8 जुलाई को भाजपा के 240 सांसदों को छोड़कर देश के सभी दलों के सांसदों को किसान आंदोलन की मांगों का ज्ञापन सौंपा जाएगा. ताकि MSP गारंटी कानून समेत किसानों की सभी मांगें संसद में गूंजें. किसान नेताओं ने बताया कि यह पूरा देश जानता है कि नेशनल हाईवे को किसानों ने नहीं बल्कि भाजपा सरकार ने बंद किया है और केंद्र सरकार की ज़िम्मेदारी बनती है कि सरकार रास्ता खोले. किसानों को अपने देश की राजधानी दिल्ली में शांतिपूर्वक आंदोलन करने के लिए जाने दे.
किसान आंदोलन को मजबूत व व्यापक करने के लिए 21 जून को जयपुर में मीटिंग व प्रेस कॉन्फ्रेंस, 22 जून को मध्य प्रदेश के अशोकनगर में मीटिंग व प्रेस कॉन्फ्रेंस, 23 जून को महाराष्ट्र के मालेगांव में मीटिंग व प्रेस कॉन्फ्रेंस, 24 जून को कर्नाटक में दक्षिण भारत के 50 से अधिक संगठनों की बैठक का आयोजन होगा.
किसान नेताओं ने कहा कि NEET 2024 के एग्जाम में धांधली हुई है और ये लाखों बच्चों के भविष्य का सवाल है इसलिए संयुक्त किसान मोर्चा (गैर-राजनीतिक) व किसान मजदूर मोर्चा यह मांग करते हैं कि बच्चों की मांग के अनुसार NEET 2024 का एग्जाम पारदर्शी ढंग से दोबारा होना चाहिए. प्रेस कॉन्फ्रेंस का आयोजन किया गया जिसमें मुख्य तौर पर जगजीत सिंह डल्लेवाल, सरवन सिंह पंधेर, लखविंदर सिंह औलख, अमरजीत मोहड़ी, सुखजीत सिंह हरदोझण्डे, तेजवीर सिंह, गुरिंदर सिंह भंगू, गुरमनित मांगट आदि मौजूद रहे.
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