आंध्र प्रदेश विधानसभा में विजयवाड़ा पश्चिम से बीजेपी विधायक वाई सत्यानारायण चौधरी ने शनिवार को अपनी ही सरकार पर तीखा हमला बोला. उन्होंने आरोप लगाया कि टीडीपी नेतृत्व वाली एनडीए सरकार सत्ता में आए 15 महीने हो चुके हैं, लेकिन अमरावती किसानों की समस्याओं का समाधान नहीं हुआ है. चौधरी ने कहा कि किसानों ने राजधानी परियोजना के लिए अपनी जमीनें दी थीं, मगर उन्हें वादे के मुताबिक विकसित प्लॉट अब तक नहीं मिले हैं. चौधरी ने सदन में कहा कि अमरावती किसानों के मुद्दे को वह बीते पांच सालों से उठा रहे हैं, लेकिन आज तक ठोस पहल नहीं हुई.
चौधरी ने कहा, "कम से कम अब इस पर कुछ कार्रवाई तो करें..." उन्होंने दावा किया कि एनडीए सरकार में कुछ अधिकारी अभी भी पिछली वाईएसआरसीपी सरकार के समय की तरह ही काम कर रहे हैं.
उन्होंने बताया कि चंद्रबाबू नायडू के ड्रीम प्रोजेक्ट अमरावती के लिए 54 हजार एकड़ जमीन जुटाई गई थी, जिसमें 29 गांवों के 29,881 किसानों से 34,281 एकड़ जमीन ली गई. इसके बावजूद किसानों को उनका हक नहीं मिला. उन्होंने यह भी आरोप लगाया कि इस विषय पर चर्चा के लिए विधानसभा अध्यक्ष ने दो घंटे का समय देने का आश्वासन दिया था, मगर वह भी अब तक पूरा नहीं हुआ. उन्होंने कहा, "हमारी सरकार के सत्ता में आने के 15 महीने बीत चुके हैं, लेकिन अमरावती के किसानों की समस्याएं अभी भी बनी हुई हैं. मैंने पिछले पांच सालों में व्यक्तिगत रूप से उनकी समस्याओं को देखा है.”
चौधरी ने कहा कि अमरावती के कई किसानों ने अलग-अलग मंचों पर शिकायत की है कि उन्हें नई राजधानी में अपने प्लॉट अभी तक नहीं मिले हैं. विधायक ने यह भी कहा कि एनडीए गठबंधन सरकार की तरफ से शानदार ऋषिकोंडा बिल्डिंग्स पर कोई ठोस जवाब या कार्रवाई नहीं हुई है. उन्होंने आरोप लगाया कि विशाखापत्तनम में पिछली वाईएसआरसीपी सरकार के समय ऋषिकोंडा बिल्डिंग्स के निर्माण के दौरान कई पर्यावरण नियमों का उल्लंघन किया गया था.
वहीं, इससे पहले शुक्रवार को आंध्र प्रदेश कांग्रेस कमेटी की अध्यक्ष वाईएस शर्मिला ने विजयवाड़ा में किसानों की दुर्दशा को लेकर प्रदर्शन किया और राज्य की एनडीए सरकार पर जमकर निशाना साधा. उन्होंने कहा कि प्रदेश के किसान खाद, बीज और सिंचाई सुविधाओं की कमी से जूझ रहे हैं जबकि फसलों को बाजार में उचित दाम नहीं मिल रहा. कर्ज के बोझ तले दबते किसानों के हालात दिन-ब-दिन बिगड़ते जा रहे हैं. शर्मिला ने आरोप लगाया कि सत्ता में आने से पहले किसानों के लिए बड़े वादे किए गए थे, लेकिन 15 महीने गुजरने के बाद भी जमीनी स्तर पर कुछ नहीं बदला है.
प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष ने कहा कि आंध्र प्रदेश जैसे कृषि प्रधान राज्य में किसानों को संकट से उबारना सरकार की पहली प्राथमिकता होनी चाहिए. उन्होंने न्यूनतम समर्थन मूल्य की गारंटी, आपदा राहत पैकेज और समय पर बीज-खाद उपलब्ध कराने की मांग उठाई. शर्मिला ने चेतावनी दी कि अगर सरकार ने जल्द ठोस कदम नहीं उठाए तो कांग्रेस किसानों के साथ मिलकर बड़ा आंदोलन करेगी. उन्होंने कहा कि प्रदेश की अर्थव्यवस्था तभी मजबूत होगी जब किसान खुशहाल होंगे, इसलिए सरकार को किसानों की अनदेखी बंद करनी चाहिए. (पीटीआई)