जमुनापारी नस्ल की बकरी का रंग सफेद होता है. इन बकरियों की पीठ पर बाल लंबे और सींग छोटे होते हैं. इन बकरियों के कान बड़े और मुड़े हुए होते हैं. ये बकरियां अन्य नस्लों के मुकाबले ऊंची और लंबी होती हैं.जमनापारी बकरियों के पिछले हिस्से पर लंबे और घने बाल होते हैं और उन पर चमकदार कोट होता है।
.भारत की लगभग 60 प्रतिशत से अधिक जनसंख्या खेती और पशुपालन से अपनी आजीविका चलाती है. वहीं अभी के समय में बकरी पालन का व्यवसाय काफी तेजी से उभर कर सामने आ रहा है. बकरी पालन किसानों के लिए फायदे का सौदा साबित हो रहा है. भारत बकरी पालन में पहले स्थान पर है. विश्व में सबसे अधिक बकरियां भारत में पाली जाती है और व्यवसाय के लिए सबसे ज्यादा जमुनापारी नस्ल की बकरी का पालन किया जाता है.
देश में बकरियों के लगभग 37 से अधिक नस्ले पाई जाती हैं. उनमें से एक नस्ल है जमुनापारी नस्ल जिसका पालन करके किसान अच्छा मुनाफा कमा सकते हैं. जमुनापारी बकरी की खासियत के कारण किसान इसे अधिक पालना पसंद करते है.
सबसे पहले बकरी पालन के लिए अच्छे शेड बनाए. पालन शुरू करने के लिए ऐसी जगह चुनें जहां नमी न हो और आसपास खुला मैदान हो ताकि बकरियों को रोजाना हरा चारा खिला सकें. शुद्ध हवा और पीने का पानी हो. बकरी पालन के लिए करीब 8 से 12 वर्ग फीट की जगह होनी चाहिए.
एक ही जमनापारी बकरी अपने जीवनकाल में 13 से 15 बच्चों को जन्म देती है. इस नस्ल के बकरे 70 से 90 किलोग्राम, जबकि बकरियां 50 से 60 किलोग्राम वजनदार होती है. जमनापारी बकरी के दूध में मिनरल और सॉल्ट की मात्रा अधिक होती है. यह रोजाना 2 से 3 लीटर दूध देती है, जिसमें कई औषधीय गुण होते हैं.
भारत में जमुनापारी बकरी का पालन क्षेत्र यमुना नदी के आसपास क्षेत्रों में खूब होती है. इस नस्ल बकरियां उत्तर प्रदेश इटावा जिला में मुख्य रूप से पाई जाती है. इसके अलावा ये बकरियां पंजाब, हरियाणा, राजस्थान, बिहार और मध्य प्रदेश तो वहीं यह बकरी पाकिस्तान में भी पाई जाती है. इस नस्ल से किसानों को अच्छा मुनाफा होता है क्योंकि ये नस्ल ज्यादा मांस और दूध देती हैं.
इस बकरी का वजन सामान्य बकरियों के वजन से अधिक होता है. ये बकरी पूरे जीवनकाल में 12 से 14 बच्चे दे देती है. इस नस्ल की बकरी प्रतिदिन औसतन 1.5 से 2 लीटर तक दूध देती है. जमुनापारी बकरी का दूध स्वादिष्ट और अच्छा होता है. इस बकरी के पालन के लिए केंद्रीय अनुसंधान संस्थान में प्रशिक्षण भी दिया जाता है. बाजारों में इसकी मांस की काफी मांग रहती है. इन बकरियों की कीमत लगभग 15 से 20 हजार रुपये तक की होती है.