सरसों की खेती करने वाले किसानों के लिए जरूरी खबर है. कुछ राज्यों से ऐसी खबरें आ रही हैं कि सरसों के पत्तों पर गोल भूरे धब्बे बन रहे हैं. अगर आपने भी सरसों की खेती की है तो एक बार पौधों की निगरानी जरूर कर लें.
अगर पत्तों पर ऐसा कुछ दिख रहा है तो सावधान हो जाएं. दरअसल, सरसों के पत्तों पर गोल भूरा धब्बा झुलसा रोग की निशानी है. यह शुरुआती स्टेज से लेकर कभी भी हो सकता है. यह ऐसा धब्बा रोग है जो सरसों की फसल को नष्ट कर देता है.
सबसे पहले इस रोग के लक्षण के बारे में जान लेते हैं. झुलसा रोग में सरसों के पत्तियों पर गोल भूरे धब्बे दिखाई देते हैं. फिर ये धब्बे आपस में मिलकर पत्ती को झुलसा देते हैं. इसके बाद धब्बों के बीच में छल्ले दिखाई देते हैं.
रोग बढ़ने पर गहरे भूरे धब्बे तने, शाखाओं और पत्तियों पर फैल जाते हैं. पत्तियों पर धब्बे गोल और तने पर लंबे होते हैं. आगे चलकर इससे फलियां भी प्रभावित होती हैं जिससे फलियों के दाने सिकुड़ जाते हैं और बदरंग हो जाते हैं.
ऐसे में झुलसा रोग से नियंत्रण के लिए बुवाई से पहले मेन्कोजेब 3 ग्राम प्रति किग्रा बीज दर से बीज का उपचार करें. रोग शुरू होने की दवा में मेन्कोजेब 2.5 ग्राम प्रति लीटर के हिसाब से पानी में घोलकर 2-3 बार 10 दिनों के अंतराल पर छिड़काव करें.
झुलसा रोग की तरह सरसों पर सफेद रतुआ या श्वेत कीट रोग का भी प्रकोप होता है. यह रोग सभी स्थानों पर पाया जाता है. जब तापमान 10-18 डिग्री के आसपास रहता है तब पौधों की पत्तियों की निचली सतह पर सफेद रंग के फफोले बनते हैं.
जैसे-जैसे रोग बढ़ता है, वैसे-वैसे ये फफोले आपस में मिलकर बड़े आकार के दिखाई देने लगते हैं. फिर पत्ती के ऊपर गहरे भूरे रंग के धब्बे दिखाई देने लगते हैं. रोग अधिक बढ़ जाए तो फूल और फली पर यह धब्बा केकड़े की तरह फूला हुआ दिखाई देता है.