प्याज के बढ़ते दाम के बीच इसकी खेती का समय आ गया है. इस समय रबी सीजन के प्याज के लिए नर्सरी लगाने का सही वक्त है. रबी मौसम वाले प्याज की खेती के लिए करीब 6 सप्ताह में नर्सरी तैयार हो जाती है. इसकी रोपाई अक्टूबर-नवंबर से जनवरी तक चलती है.
इसके बाद फसल तैयार होने में 110 से 120 का समय लग जाता है. कृषि वैज्ञानिकों के अनुसार अगर सही दूरी पर इसकी रोपाई करें तो एक हेक्टेयर में करीब पांच लाख पौधे लग सकते हैं. देश में सबसे ज्यादा एरिया में रबी सीजन वाले प्याज की खेती की जाती है.
रबी सीजन का प्याज स्टोर करने लायक होता है, इसलिए इसमें किसानों के मुनाफा कमाने की संभावना सबसे ज्यादा होती है. किसानों के लिए इस सीजन का प्याज तुरंत बेचने जैसी कोई मजबूरी नहीं होती. किसान रबी सीजन के प्याज की खेती से भरपूर फायदा कमा सकते हैं.
प्याज ऐसी फसल है जिसे कई तरह की मिट्टी में उगाया जा सकता है. अच्छी उपज प्राप्त करने के लिए दोमट या बलुई दोमट मिट्टी, जिसमें जीवाश्म पदार्थ की प्रचुर मात्रा और जल निकास की उत्तम व्यवस्था हो, उत्तम मानी जाती है. इसके साथ ही मिट्टी का पीएच मान सामान्य (6.5-7.5) हो तो बहुत अच्छा होगा.
रबी सीजन वाले प्याज में खाद की मात्रा जलवायु और मिट्टी पर निर्भर करती है. अच्छी फसल लेने के लिए 20-25 टन अच्छी सड़ी गोबर की खाद प्रति हेक्टेयर की दर से खेत की अंतिम तैयारी के समय मिला दें. इसके अलावा 100 किलो नाइट्रोजन, 60 किलो फास्फोरस और 50 किलो पोटाश प्रति हेक्टेयर की दर से डालें.
नाइट्रोजन की आधी मात्रा और फास्फोरस और पोटाश की पूरी मात्रा रोपाई के पहले खेत में मिला दें. नाइट्रोजन की शेष मात्रा को 2 बराबर भागों में बांटकर रोपाई के 30 दिनों तथा 45 दिनों बाद छिड़क कर दें. इसके अतिरिक्त 50 किलो सल्फर और 5 किलो जिंक प्रति हेक्टेयर की दर से रोपाई के पहले डालें तो अच्छा रहेगा.
खेत में प्याज के पौधे की रोपाई से पहले पौधे की जड़ों को बाविस्टिन दवा की 2 ग्राम मात्रा को 1 लीटर पानी के घोल में 15-20 मिनट डुबोकर रोपाई करें, ताकि फसल को बैंगनी धब्बा रोग से बचाया जा सके. रोपाई करते समय पंक्ति से पंक्ति की दूरी 20 सेंटीमीटर और पौधे से पौधे की दूरी 10 सेंटीमीटर रखें. इस प्रकार एक हेक्टेयर में 5 लाख पौधे लगेंगे.