मधुमक्‍खी पालन और AI से 1 करोड़ रुपये कमा रहा युवा किसान, एक दर्जन फ्लेवर्स में शहद बेचते हैं अजीत

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मधुमक्‍खी पालन और AI से 1 करोड़ रुपये कमा रहा युवा किसान, एक दर्जन फ्लेवर्स में शहद बेचते हैं अजीत

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बाराबंकी के रहने वाले युवा किसान अजीत कुमार मधुमक्खी पालन के व्‍यवसाय से सालाना एक करोड़ रुपये का टर्नओवर हासिल कर रहे हैं. अजीत ने 16 साल की उम्र में मधुमक्खी पालन शुरू किया था. उस समय अजीत ने पांच बॉक्स से बी कीपिंग की शुरूआत की थी, आज उन्‍होंने इसे करीब 2000 बॉक्स तक पहुंचा दिया है. अजीत एक बॉक्स से 50 किलो तक शहद ले रहे हैं. 
 

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साल 2021 में अजीत को तगड़ा झटका लगा, जब शहद उत्पादन आधा हो गया. अजीत की लागत भी नहीं निकल रही थी. तब अजीत ने उत्पादन बढ़ाने के लिए नए रास्‍ते खोजे.
 

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अजीत ने अमेरिका और चीन के मधुमक्खी पालकों से ऑनलाइन संपर्क साधा और वॉट्सऐप के जरिए ट्रेनिंग ली. साल 2022 में अजीत ने भारत में पहले कृत्रिम रानी गर्भाधान लाइव की स्थापना की. रानी मधुमक्खी के कृत्रिम गर्भाधान (Artificial Insemination- AI) की प्रक्रिया से अजीत को लाखों रुपये की कमाई हो रही है. 
 

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अजीत हर साल करीब 200 टन शहद बेचकर 80 से 85 लाख रुपये आय हासिल कर रहे हैं, जिसमें से करीब 20 से 25 लाख रुपये उनकी लागत का खर्च आता है. वे लीची, रीठी, शीशम, यूकेलिप्टस, नीम, बबूल, तुलसी समेत करीब एक दर्जन फ्लेवर्स के शहद तैयार कर बेचते हैं. 

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बड़ी कंपनियां अजीत के प्लांट से पूरा शहद खरीद लेती हैं. बाजार में शहद का भाव 500 रुपए प्रति किलो है मिलता है, जबकि‍ थोक भाव 150 रुपए किलो होता है. बाराबंकी में 300 से ज्‍यादा परिवार मधुमक्खी पालन का बिजनेस कर रहे हैं. 

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