विकसित भारत का मार्ग खेतों से होकर निकलता है...किसानों की समस्या निपटाने पर उपराष्ट्रपति ने दिया जोर

विकसित भारत का मार्ग खेतों से होकर निकलता है...किसानों की समस्या निपटाने पर उपराष्ट्रपति ने दिया जोर

उपराष्ट्रपति ने कहा, जो हो गया, सो हो गया. किसान की समस्या का निराकरण करने के लिए मेरे दरवाजे 24 घंटे खुले हैं. किसान परेशान है तो देश की आन बान को बहुत बड़ा बट्टा लगता है. किसान की समस्याओं का निराकरण त्वरित गति से होना चाहिए.

क‍िसान तक
  • Noida,
  • Dec 02, 2024,
  • Updated Dec 02, 2024, 12:39 PM IST

किसानों से जुड़े मुद्दों को जल्द से जल्द हल करने की मांग करते हुए रविवार को उपराष्ट्रपति जगदीप धनखड़ ने कहा कि जब किसानों की समस्याओं का समाधान जल्दी नहीं हो रहा है तो हम कैसे सो सकते हैं? स्वतंत्रता सेनानी राजा महेंद्र प्रताप की 138वीं जयंती पर भारत मंडपम में आयोजित कार्यक्रम में धनखड़ ने कहा, किसानों की समस्याओं का समाधान जल्दी होना चाहिए. अगर किसान परेशान हैं तो यह देश के गौरव को बहुत बड़ा नुकसान है और ऐसा ज्यादातर इसलिए होता है क्योंकि हम अपनी आवाज को अपने तक ही सीमित रखते हैं. आज इस पावन अवसर पर मैं संकल्प लेता हूं कि मेरे दरवाजे किसानों के लिए खुले हैं. ऐसा करके मैं आजादी को नया आयाम देने में मदद करूंगा... राजा महेंद्र प्रताप की आत्मा को शांति मिलेगी.

धनखड़ ने कहा, ‘‘जो कुछ हुआ वह अतीत है लेकिन आगे का रास्ता सही होना चाहिए... विकसित भारत का रास्ता कृषि भूमि से होकर जाता है.’’

क्या कहा उपराष्ट्रपति ने?

उपराष्ट्रपति ने कहा, जो हो गया, सो हो गया. किसान की समस्या का निराकरण करने के लिए मेरे दरवाजे 24 घंटे खुले हैं. किसान परेशान है तो देश की आन बान को बहुत बड़ा बट्टा लगता है.  किसान की समस्याओं का निराकरण त्वरित गति से होना चाहिए.

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उन्होंने कहा, "हमारे पास तेजी से आर्थिक उछाल है, अभूतपूर्व बुनियादी ढांचागत विकास है... हमारी वैश्विक छवि बहुत ऊंची है, लेकिन जैसा कि मैंने कहा, 2047 तक एक विकसित राष्ट्र का दर्जा प्राप्त करने के लिए, पहली शर्त यह है कि हमारे किसानों को संतुष्ट होना होगा." 

धनखड़ की टिप्पणी ऐसे समय में आई है जब पंजाब के किसान नेताओं ने 6 दिसंबर से दिल्ली की ओर विरोध मार्च शुरू करने की घोषणा की है. पंजाब और हरियाणा के किसान इस साल फरवरी से शंभू बॉर्डर पर विरोध प्रदर्शन कर रहे हैं.

उन्होंने किसानों से जुड़ने के लिए कृषि मंत्री शिवराज सिंह चौहान के प्रयासों की भी सराहना की. उन्होंने कहा, "हमें समाधान के लिए तैयार रहना चाहिए, चर्चा के लिए तैयार रहना चाहिए क्योंकि यह हमारा देश है... मुझे यकीन है कि किसानों की समस्याओं का सबसे तेज़ संभव समाधान लाने के लिए सकारात्मक कोशिश होगी."

सरकार से की अपील

धनखड़ ने कहा, कैसे नींद आ सकती है जब किसान की समस्याओं का समाधान तीव्र से नहीं हो रहा है? आवाहन करता हूं किसान बंधुओ से, इस देश के अंदर समस्याओं का निपटारा बातचीत से होता है. हमें याद रखना होगा अपनों से नहीं लड़ा जाता है, अपनों को नहीं छकाया जाता है, छकाया दुश्मन को जाता है, अपनों को गले लगाया जाता है. 2047 तक विकसित राष्ट्र का दर्जा प्राप्त करने के लिए पूर्व शर्त यह है कि हमारे किसानों को संतुष्ट होना होगा. अडिग, टकरावपूर्ण रुख एक खराब कूटनीति है.

किसानों को हर संभव सहायता का आश्वासन देते हुए उपराष्ट्रपति ने अब भविष्य पथ पर सकारात्मकता से आगे बढ़ने की आवश्यकता पर जोर दिया. उन्होंने कहा कि जो हुआ वह अतीत में हुआ लेकिन अब हमें सही दिशा में आगे बढ़ना चाहिए. उन्होंने कहा कि विकसित भारत का निर्माण कृषि भूमि से शुरू होता है और विकसित भारत का मार्ग खेतों से होकर निकलता है, इसलिए किसानों के मुद्दों का तेजी से समाधान होना चाहिए. 

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उन्होंने कहा कि किसानों की पीड़ा से राष्ट्र का मान-सम्मान प्रभावित होता है और ऐसा इसलिए अधिक होता  है क्योंकि हम दिल की बातें अपने तक ही रखते हैं, संवाद नहीं हो पाता. उपराष्ट्रपति ने कहा कि वे इस शुभ अवसर पर संकल्प लेते हैं कि किसानों की समस्याओं के समाधान के लिए उनके द्वार 24 घंटे खुले रहेंगे. उन्होंने कहा कि ऐसा करके वे आजादी को नया आयाम देने में योगदान देंगे जिससे राजा महेंद्र प्रताप की आत्मा को शांति मिलेगी.

 

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