Integrated Farming : बागवानी और मछली पालन का सफल मॉडल बस्ती के किसानों को दिखा रहा भविष्य की राह

Integrated Farming : बागवानी और मछली पालन का सफल मॉडल बस्ती के किसानों को दिखा रहा भविष्य की राह

किसानों की आय में इजाफा करने लिए एक ही खेत में कई तरह की खेती करने से जुड़े integrated farming को बढ़ावा दिया जा रहा है. खेती की इस विधा का एक अनूठा मॉडल यूपी के बस्ती जिले में विकसित किया गया है जिसमें मछली पालन करते हुए किसान केला की खेती कर रहे हैं.

यूपी के बस्ती में किसानों ने मछली पालन और बागवानी का अनूठा मॉडल अपनाया (फोटो: साभार, यूपी सरकार)यूपी के बस्ती में किसानों ने मछली पालन और बागवानी का अनूठा मॉडल अपनाया (फोटो: साभार, यूपी सरकार)
न‍िर्मल यादव
  • Basti,
  • Feb 07, 2024,
  • Updated Feb 07, 2024, 9:47 PM IST

यूपी में बस्ती के 1000 से ज्यादा किसानों ने मछली पालन और बागवानी के Successful Model के तहत तालाब बनाकर उसके किनारे केला की खेती करना शुरू किया है. यूपी सरकार का दावा है कि सीएम योगी आदित्यनाथ की पहल पर बने इस मॉडल में कुछ किसान समूह बनाकर इसका लाभ उठा रहे हैं. सरकार ने भरोसा जताया है कि इससे किसानों को आर्थिक सुरक्षा, रोजगार और आजीविका के नए स्रोत मिलेंगे. इतना ही नहीं, खेती के इस अनूठे मॉडल में मनरेगा मजदूरों को काम भी मिल रहा है.

पूरे जिले में बने 1085 मॉडल

सरकार की ओर से बताया गया कि प्रदेश में Integrated Farming के तहत Natural Farming के नए नए तरीकों से किसानों की आय में वृद्धि के प्रयास किए जा रहे हैं. इसका सफल मॉडल बस्ती जिले में विकसित हुआ है. इसके तहत बस्ती के किसानों ने एक ही जगह केला की खेती और मछली पालन के लिए तालाब बनाए हैं. इन तालाबों में जहां Fish Farming की जा रही है, वहीं तालाब के चारों ओर बाड़ लगाकर केले के पेड़ भी लगाए गए हैं.

ये भी पढ़ें, तालाब में एक साथ मछली पालन कर रहे हैं तो कतला से कम रखें सिल्वर कार्प, वजन जानिए

बस्ती के जिलाधिकारी आंद्रा वामसी ने बताया कि इस स्मार्ट पहल के माध्यम से जिले में 14 विकास खंड के 1085 गांवों में एक एक तालाब बनाकर यह प्रयोग किया गया है. वामसी ने बताया कि इस मॉडल में विभिन्न आकार के तालाब बनाने का खर्च 1.28 लाख रुपये से 6 लाख रुपये के बीच आया है. उन्होंने बताया कि इस परियोजना के लिए जिले के कुल 1111 स्थानों को तालाब बनाने के लिए चिन्हित किया गया था. इनमें से 1085 गांवों में एक एक तालाब बनाया गया है. इन तालाबों से एक बार में कुल 9761 किग्रा मछली प्राप्त हुई.

हर तालाब देगा अब एक हजार किग्रा मछली

वामसी ने दावा किया कि इस परियोजना को लागू करने के दौरान 5,47,129 श्रम दिवस का काम मनरेगा मजदूरों को मिला. इससे जिले के कुल 9150 जॉब कार्ड धारकों को रोजगार मिल सका. उन्होंने बताया कि इन तालाबों की मेड़ पर कुल 42,493 केले के पौधे रोपे गए. इनसे केला उत्पादन भी शुरू हाे गया है.

ये भी पढ़ें, मछली पालन के लिए तालाब की गहराई कितनी रखें? बांध की ऊंचाई कितनी होनी चाहिए?

वामसी ने कहा कि अब तक के आकलन से पता चला है कि प्रत्येक तालाब से सालाना 1364 किलोग्राम मछली उत्पादन होने का अनुमान है. उन्होंने कहा कि इस प्रयोग के सफल होने के बाद अब इसे जिले में व्यापक पैमाने पर लागू किया जाएगा. इससे प्राकृतिक खेती को बढ़ावा मिलने के अलावा पर्यावरण संतुलन में भी खेती के माध्यम से मदद मिलेगी. उन्होंने कहा कि इस मॉडल के बारे में किसानों को प्रशिक्षण भी दिया जा रहा है. जिससे वे अपने खेतों में इसे लागू कर अपनी आय बढ़ा सकें.

MORE NEWS

Read more!