Rajasthan: 3 किमी में 7 दशक का संघर्ष! कंधे पर ट्रैक्टर के कलपुर्जे रखकर 1400 मीटर की चढ़ाई, गांव में पहली बार होगी ट्रैक्टर से खेती

Rajasthan: 3 किमी में 7 दशक का संघर्ष! कंधे पर ट्रैक्टर के कलपुर्जे रखकर 1400 मीटर की चढ़ाई, गांव में पहली बार होगी ट्रैक्टर से खेती

राजस्थान के सिरोही जिले में उतरज नाम का एक ऐसा गांव हैं, जो 1400 मीटर की ऊंचाई पर है. आजादी के 7 दशक बाद भी इस गांव में बैलों से खेती होती है. लेकिन अब खेतों में ट्रैक्टर चलेगा. पहली बार इस गांव में ट्रैक्टर पहुंचा है. गांववालों ने पैसे मिलाकर ट्रैक्टर खरीदा और कंधे पर उसके कलपुर्जे रखकर गांव तक पहुंचाया.

Tractor For The First Time In The VillageTractor For The First Time In The Village
क‍िसान तक
  • नई दिल्ली,
  • May 19, 2025,
  • Updated May 19, 2025, 5:07 PM IST

राजस्थान के सिरोही जिले में एक गांव में आजादी के 7 दशक बाद पहली बार ट्रैक्टर पहुंचा है. उतरज नाम का ये गांव हिल स्टेशन माउंट आबू की गोद में 1400 मीटर की ऊंचाई पर बसा है. इस गांव में ट्रक्टर का पहुंचना किसी अजूबे से कम नहीं है. ट्रैक्टर ले जाने के लिए गांववालों को काफी मशक्कत करनी पड़ी. गांववालों को ट्रैक्टर के कुलपुर्जों को कंधे पर उठाकर 3 किलोमीटर तक पहाड़ी पर चढ़ाई करने पड़ी. जब कुलपुर्जे गांव में पहुंचे गए तो उनको असेंबल किया गया. अब गांव में पहली बार ट्रैक्टर से खेती होगी.

1400 मीटर की ऊंचाई पर कैसे पहुंचा ट्रैक्टर?

आजादी के 7 दशक बाद भी इस गांव में बैलों से खेती होती है. लेकिन अब ट्रैक्टर के आने से गांववालों में उम्मीद जगी है. गांव में आजादी के दशकों बाद ट्रैक्टर ले जाने के लिए लोगों को काफी मशक्कत करनी पड़ी. सबसे पहले गांव के 60 परिवारों ने मिलकर 7 लाख रुपए में ट्रैक्टर खरीदा. इसके लिए सभी ने मिलकर डेढ़ लाख रुपए कैश इकट्ठा किया. इसके अलावा बाकी पैसो का इंतजाम लोन लेकर किया.

3 किमी के सफर का संघर्ष-

गांववालों ने आबूरोड से नया ट्रैक्टर खरीदा. इसके बाद पार्ट्स को गुरुशिखर तक दो ट्रैक्टरों से लाया गया. इसके बाद बांस के विशेष फ्रेम बनाए गए और उसमें कलपुर्जों को बांधकर गांव ले जाया गया. सबसे पहले 900 किलोग्राम का इंजन बांध के ढांचे पर लादा गया. इसके बाद 3 किलोमीटर दूर पहाड़ी पर ले जाया गया.

ट्रैक्टर चलाने के लिए डीजल की व्यवस्था भी गुरुशिखर से पैदल चलकर लाई जाएगी. एक बार ट्रैक्टर 200 किलोमीटर चल जाएगा तो उसकी सर्विसिंग की जाएगी. ट्रैक्टर की सर्विसिंग गांव में ही होगी. इसके लिए आबूरोड शोरूम से टीम आएगी. गांव में पास के गांव काछोली से एक युवक को बुलाया गया है, जो इस गांव के लोगों को ट्रैक्टर चलाना सिखाएगा.

गांव की आबादी 250-

इस गांव में अब तक बैलों से खेती होती है. इस गांव की आबादी 250 है. जबकि 400 बीघा खेत है. पानी के लिए गांव में 32 कुएं हैं. 
ट्रैक्टर के आने से गांव में गेहूं, जौ, मटर, आलू, गोभी और लसहुन जैसी फसलों की खेती की जाएगी. ट्रैक्टर के आने से लोगों को जंगल से जानवरों के लिए चारा नहीं लाना पड़ेगा. ट्रैक्टर आने से गांव के लोग काफी खुश हैं. गांववालों ने इस खुशी में प्रसाद बांटा. 

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