महाराष्ट्र के अकोला में बालापुर चुनाव क्षेत्र के ठाकरे गुटके विधायक नितिन देशमुख ने अनोखे ढंग से भाई दूज मनाया है. उन्होंने अपने इलाके के अति दुर्गम इलाके में रहने वाले 300 आत्महत्या ग्रस्त किसानों की पत्नियों को बहन मानकर उन्हें भाई दूज के उपलक्ष्य में किराना कीट दी है. विधायक नितिन देशमुख ने अपने चुनाव क्षेत्र के अति दुर्गम इलाके में उन किसान खेतिहर मजदूर परिवारों की मदद की है जिनके घर के सदस्यों ने खुदकुशी की है. दिवाली के त्योहार पर इन परिवारों में आनंद मंगल हो, इसलिए खुदकुशी करने वाले किसानों की पत्नियों को अपनी बहन मानकर किराना किट दिया गया है.
अकोला के किसान इस साल कम बारिश से परेशान हैं. इस साल कम बारिश के चलते फसलों की कम पैदावार हुई है जिससे उनका लागत खर्च भी नहीं निकला है. मार्केट में उनकी फसलों को दाम भी नहीं मिल रहा है. जिन किसानों की फसलें कम बारिश के कारण खराब हुई हैं, उन्हें सरकार की ओर से दिवाली से पहले मुआवजा देने की बात थी. हालांकि वह मुआवजा अभी तक नहीं दिया गया है. ऐसे में इन किसान परिवारों को राहत देने के लिए किराना किट बांटी गई है. इस किट में किसान परिवारों को दो महीने का राशन दिया गया है.
अकोला के 300 किसान परिवारों को यह किट दी गई है जिसमें 25 किलो गेहूं, 05 किलो शक्कर, 05 किलो अरहर की दाल, 05 किलो चने की दाल, 02 किलो चावल और साड़ी-चोली दिया गया है. विधायक ने आत्महत्या ग्रस्त परिवारों से भेंट की और उन्हें भाई दूज के मौके पर यह कीट सौंपी.
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इस साल अकोला समिति विदर्भ में कम बारिश तो कई जगह ज्यादा बारिश हुई है. इससे फसलों का काफी नुकसान हुआ है. सरकार ने इसका सर्वे करने को भी कहा है. प्रशासन ने इसका सर्वे कर पंचनामा भी कर लिया है. इसके बाद सरकार के पास किसानों की मदद के लिए प्रस्ताव भी भेजा गया है. इसी कड़ी में जिन किसानों की फसलें खराब हुई हैं उन्हें दिवाली से पहले मुआवजा मिलना था. लेकिन मुआवजे की राशि अभी तक नहीं दी गई है.
यह ऐसा इलाका है जहां रोजाना किसान आत्महत्या कर रहे हैं. इस पूरे इलाके में फसलों का भारी नुकसान होता है. कभी बारिश की कमी तो कभी अधिक बारिश यहां की आम समस्या है. इस बार भी ऐसा ही हुआ. इस बार मॉनसून के समय में बारिश नहीं हुई जिससे फसलें नहीं बोई जा सकीं. बाद में बारिश शुरू भी हुई तो समय निकल चुका था. कुछ किसानों ने बुवाई की, लेकिन अधिक पानी के चलते फसलें चौपट हो गईं. इससे किसान परेशानी में आ गए और उन्होंने मुआवजे की मांग की. सरकार ने दिवाली से पहले मुआवजा देने की बात कही थी, लेकिन अभी तक पैसा नहीं जारी किया गया है. किसान इसके इंतजार में हैं.
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