जयपुर के जेईसीसी में 18 अगस्त को सैंकड़ों ‘सखी’ जुटेंगी. इस कार्यक्रम में मुख्यमंत्री अशोक गहलोत भी शरीक होंगे. दरसअल, ये सखी स्वयं सहायता समूहों से जुड़ी महिलाएं हैं. 18 अगस्त को राजीविका के एक दिन के सखी सम्मेलन कार्यक्रम में आएंगी. मुख्यमंत्री गहलोत कार्यक्रम में राजीविका के 10 बेस्ट कैडर को पुरस्कार भी देंगे. वहीं, महिलाएं अपने बनाए तमाम प्रोडक्ट की प्रदर्शनी भी लगाएंगी.
राष्ट्रीय ग्रामीण आजीविका विकास परिषद (राजीविका) जयपुर के सीतापुरा स्थित जेईसीसी में सखी सम्मेलन का आयोजन कर रहा है. मुख्यमंत्री अशोक गहलोत इस कार्यक्रम की अध्यक्षता करेंगे. साथ ही ग्रामीण विकास एवं पंचायतीराज मंत्री रमेश चंद मीणा भी इसमें शामिल होंगे. जयपुर आने वाली महिलाएं अपने बनाए प्रोडक्ट्स की प्रदर्शनी लगाएंगी. मंत्री मीणा ने बताया कि सखी सम्मेलन स्वयं सहायता समूहों से जुड़ी महिलाओं के लिए समर्पित है. क्योंकि ग्रामीण इलाकों में इन समूहों ने महिलाओं के लिए आर्थिक उन्नति के रास्ते खोले हैं.
ग्रामीण विकास एवं पंचायतीराज विभाग के अनुसार प्रदेश में राजीविका से अब 3. 60 लाख स्वयं सहायता समूह जुड़े हुए हैं. इन समूहों में करीब 43 लाख से भी अधिक महिलाएं सदस्य हैं. रमेश मीणा का कहना है कि इन्हीं महिलाओं के कारण प्रदेश में ग्रामीण क्षेत्रों में महिला सशक्तीकरण के क्षेत्र में बड़ा काम हुआ है. इसी काम की पहचान बढ़ाने और इन महिलाओं के सम्मान के लिए सखी सम्मेलन किया जा रहा है.
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मिली जानकारी के अनुसार सीएम अशोक गहलोत राजीविका के 10 सबसे अच्छे यानी बेस्ट कैडर को पुरस्कार देंगे. साथ ही स्वयं सहायता समूहों में आने वाली महिलाओं से संवाद करेंगे. इस अवसर पर ‘शाबाश सखी’ प्रदर्शनी भी रखी गई है. इसके अलावा कार्यक्रम में राजीविका की उपलब्धियों पर एक शार्ट फिल्म भी दिखाई जाएगी. वहीं, महिलाओं को लोन और सहायता चैक भी देंगे. साथ ही मुख्यमंत्री राजीविका की महिलाओं के लिए कई घोषणाएं कर सकते हैं.
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राजीविका का गठन राजस्थान सरकार ने अक्टूबर 2010 में किया था. गांवों में आजीविका के साधन बढ़ाने के लिए राजीविका ने गांव में महिलाओं के समूह बनाए हैं. ये महिलाएं अपने स्किल से कई प्रोडक्ट बनाती हैं. राजीविका इन प्रोडक्ट को बाजार देने का काम करता है. इसके अलावा राजीविका ने गांव में कई तरह के कार्यक्रम चलाए हुए हैं.
इनमें कैपिसिटी बिल्डिंग, स्किल डेवलपमेंट, आजीविका बढ़ाना और संस्थानों का निर्माण करना शामिल हैं. राजीविका से जुड़ी महिलाएं अपने स्किल से आर्थिक रूप से सशक्त हो रही हैं. इससे गांवों में गरीबी कम हो रही है और महिलाओं के हाथ में पैसा आया है.