फसलों पर हो रहे कीट के हमले ने बढ़ाई ओडिशा के किसानों की चिंता, अलर्ट मोड पर विभाग

फसलों पर हो रहे कीट के हमले ने बढ़ाई ओडिशा के किसानों की चिंता, अलर्ट मोड पर विभाग

किसानों का कहना है कि उनकी धान कटाई के लिए तैयार है पर खेतों में ब्राउन प्लांट हॉपर कीट के कारण फसलों को नुकसान हो रहा है. फसलों में कीटों के प्रकोप बढ़ने को लेकर कृषि विशेषज्ञों ने कहा कि सर्दी की शुरुआत में देरी और कम बारिश के कारण नमी और ब्राउन प्लांट हॉपर का खतरा बढ़ जाता है.

धान की फसलों पर कीटों का हमला                                                                    फाइल फोटोधान की फसलों पर कीटों का हमला फाइल फोटो
क‍िसान तक
  • Bhubaneshwar,
  • Nov 19, 2023,
  • Updated Nov 19, 2023, 9:37 AM IST

ओडिशा के किसान इस बार बारिश और सूखा दोनों की स्थिति के कारण परेशानियों का सामना कर रहे हैं. पहले बारिश नहीं हुई इसके कारण फसलों की बुवाई में देरी हुई, इसके बाद भी कई जिले ऐसे रहे जहां पर सूखे जैसे हालात रहे वहीं कई जिलो में बारिश के कारण बाढ़ भी आई, इन सब परेशानियों को झेलने के बाद किसान अपनी फसल खेतों में बचाने में कामयाब रहे तो अब फसल तैयार होने के बाद उनके खेतों में कीट का खतरा मंडरा रहा है. कीट के प्रकोप के कारण फसल खराब होने के चलते मंगलवार रात को ही बलांगीर जिले के एक किसान ने जहर खा कर आत्महत्या कर ली थी. बलांगीर के बाद अब जाजपुर, कटक और संबलपुर के किसान भी खेतों में कीट के हमले की शिकायत कर रहे हैं. 

किसानों का कहना है कि उनकी धान कटाई के लिए तैयार है पर खेतों में ब्राउन प्लांट हॉपर कीट के कारण फसलों को नुकसान हो रहा है. फसलों में कीटों के प्रकोप बढ़ने को लेकर कृषि विशेषज्ञों ने कहा कि सर्दी की शुरुआत में देरी और कम बारिश के कारण नमी और ब्राउन प्लांट हॉपर का खतरा बढ़ जाता है. इसके कारण कीट के हमले की संभावना बढ़ जाती है, इससे पैदावार प्रभावित होने की संभावना रहती है. कृषि विशेषज्ञों ने यह भी बताया की ब्राउन प्लांट हॉपर कीट ने कीटनाशकों के खिलाफ प्रतिरोध भी विकसित कर लिया है.

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अलर्ट पर है विभाग की टीम

टाइम्स ऑफ इंडिया के मुताबिक सूत्रों ने बताया कि जिले में 6 से 10 नवंबर बीच प्रदेश में ब्राउन प्लांट हॉपर के कारण 4,940 हेक्टेयेर धान की  फसल प्रभावित हुई थी. ओडिशा कृषि और किसान सशक्तिकरण विभाग के अधिकारी ने कहा कि इनमे से 1104 हेक्टेयर  में कीटनाशक का छिड़काव किया गया था. वहीं इस मामले पर विभागीय सचिव अरविंद कुमार पाधी ने कहा कि उनकी टीम अलर्ट पर है और जैसे ही शिकायत मिल रही है वो मामलों को सुलझाने की कोशिश कर रहे हैं. 

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किसान ने की थी आत्महत्या

गौरतलब है कि कीट से फसलों की हो रही बर्बादी की गंभीरता तब सामने आयी जब बलांगीर जिले के एक किसान रमेश भोई ने जहर खाकर आत्महत्या कर ली. मृतक के भाई ने बताया की रमेश भोई ने लोन लेकर 10 एकड़ में धान की खेती की थी. पर लगभग पांच एकड़ धान के खेत में कीट का प्रकोप हो गया. इसकी शिकायत लेकर वो कृषि विभाग के स्थानीय अधिकारियों के पास भी गया पर किसीने उसकी मदद नहीं की. इसके बाद उसने स्थानीय बाजार में जाकर कीटनाशक खरीदा और उसका छिड़काव कर रहा था पर उससे कीट पर कोई असर नहीं हो रहा था. इससे परेशान होकर किसान ने आत्महत्या कर ली. 


 

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