देश में महिलाओं द्वारा संचालित किसान उत्पादक संगठन (एफपीओ) सफलता की कहानी लिख रहे हैं. अपनी लगन और मेहनत से ना सिर्फ वो अच्छी कमाई कर रहे हैं बल्कि विदेशों तक अपना नाम रोशन कर रहे हैं. ओडिशा के आदिवासी बहुल जिले रायगढ़ा की महिलाओं ने भी इसी तरह का कमाल किया है. यहां पर महिला किसान उत्पादक समूह की महिलाओं ने साढ़े नौ क्विंटल आम्रपाली आम का निर्यात लंदन में किया है. महिलाओं को इसमें अधिक फायदा हुआ है क्योंकि आम का निर्यात करने पर उन्हें स्थानीय बाजार से 40 फीसदी अधिक कीमत प्राप्त हुआ है. इसका सीधा फायदा 1900 से अधिक किसानों को हुआ है.
महिला किसान किसान उत्पादक कंपनी के प्रबंधन बोर्ड की निदेशक गीता निमहला ने कहा कि उन्हें विश्वास नहीं था वो उनके एफपीओ के उत्पाद कभी वैश्निक बाजारों तक पहुंच पाएंगे. लेकिन उन्होंने ऐसा कर दिखाया है. आगे उन्होंने कहा कि अब उन्हें यह लग रहा है कि अंतरराष्ट्रीय बाजार में आम की सबसे अधिक मांग है. साथ ही कहा कि आम को निर्यात करने के लिए उन्होंने पैकेजिंग और स्टोरेज की तकनीक में सुधार किया और गुणवत्तापूर्ण आम का निर्यात करने में सफल रहे हैं. गीता निमहला ने कहा कि इस तरह से वो आने वाले दिनों में निर्यात के माध्यम से बाजार से स्थायी संबंध स्थापित कर सकते हैं.
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बता दे कि इस ओडिशा सरकार की कृषि उत्पादन कलस्टर योजना के तहत गैर सरकारी संगठन प्रदान के सहयोग से किसान उत्पादक समूह का गठन किया गया है. महिलाओं द्वारा संचालित इस एफपीओ को पैलेडियम इंडिया नाम की एक फर्म ने सहयोग किया है. क्योंकि राज्य सरकार राज्य के ताजा उपज के निर्यात के लिए नए रास्ते की तलाश कर रहा था. द हिंदू बिजनेसलाइन की एक रिपोर्ट के अनुसार पैलेडियम इंडिया के निदेशक बिस्वजीत बेहरा ने कहा कि महिलाओं के नेतृत्व वाले एफपीओ के पीछे हमने मेहनत ही और उन्हें ना सिर्फ अंतरराष्ट्रीय बाजार तक पहुंचने में सक्षम बनाया बल्कि उन्हें उनके उत्पाद के अच्छे दाम भी मिल रहे हैं. इससे यह साबित होता है कि ही अवसर मिलने पर महिला किसान महत्वपूर्ण आर्थिक और सामाजिक बदलाव ला सकती हैं.
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ओडिशा भारत का आठवां सबसे बड़ा आम उत्पादक राज्य है. पर आम के सीजन में आम बाजारों में इतना अधिक आ जाता है कि किसान इसे तीन से चार रुपये प्रति किलो तक बेचते हैं. पर आम के निर्यात के लिए अपर्याप्त बुनियादी ढांचे के अभाव के कारण यहां के आम को अंतरराष्ट्रीय बाजारों में पहुंचाने के लिए चुनौतियों का सामना करना पड़ रहा है. हालांकि इन चुनौतियों के बावजूद, ओडिशा का आम वैश्विक स्तर पर महत्वपूर्ण प्रभाव डालने के लिए तैयार है. उल्लेखनीय है कि यहां का आम राष्ट्रीय अर्थव्यवस्था में 21 बिलियन रुपये से अधिक का योगदान देता है और राज्य की फलों की खेती में 60 प्रतिशत का योगदान देता है.