नोएडा के किसानों की समस्याओं का अब जल्द ही समाधान हो सकता है क्योंकि लंबित समस्याओं के समाधान के लिए उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने एक उच्चस्तरीय समिति का गठन किया है. किसानों की समस्याओं का समाधान करने के लिए गठित की गई इस समिति की अगुवाई राजस्व परिषद के अध्यक्ष करेंगे. इसके अलावा इस समिति में मेरठ जिले के मंडल आयुक्त और गौतम बुद्ध नगर के जिला अधिकारी भी शामिल रहेंगे. इस समिति का गठन किसानों की मांगों लेकर किया गया है. नोएडा के किसान अपनी मांगों को लेकर लोकसभा चुनाव से पहले से ही प्रदर्शन कर रहे थे.
नोएडा के किसानों ने मांग रखी है कि ग्रेटर नोएडा विकास प्राधिकरण की तरफ से जो उनकी जमीन अधिग्रहित की गई है, उसके बदले उन्हें बढ़ा हुआ मुआवजा दिया जाए. साथ ही किसान विकसित भूखंड देने की मांग कर रहे हैं. मुआवजे में किसान 64.7 फीसदी अधिक मुआवजे की मांग कर रहे हैं. इसमें स्थानीय लोगों को रोजगार और विकसित भूखंड का 10 प्रतिशत देने की मांग भी शामिल है. बता दें कि कई सरकारी परियोजनाओं के लिए दिल्ली एनसीआर के पास के गांवों की जमीन अधिग्रहित की गई है.
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किसानों का कहना है कि उन्होंने नोएडा के विकास में अपना सहयोग दिया है. उन्होंने अपनी जमीन देकर शहर के विकास का मार्ग प्रशस्त किया है. किसानों ने सवाल उठाया कि इसके बावजूद भी किसानों को अब तक उचित मुआवजा नहीं मिल पाया है. किसानों की मांगों से संबंधित समस्याओं के समाधान के लिए इसके बाद एक उच्चस्तरीय समिति का गठन किया गया है. किसानों के मु्द्दे को लेकर यह समिति कई बैठक कर चुकी है. अगली बैठक में नोएडा, ग्रेटर नोएडा और यमुना प्राधिकरण के मुख्य कार्यपालक अधिकारी भी शामिल होंगे. बैठक का आयोजन नोएडा में किया जाएगा.
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उम्मीद जताई जा रही है कि इस बैठक में किसानों से संबंधित सभी पुरानी समस्याओं का समाधान हो सकता है. बैठक के बाद यह समिति अपनी रिपोर्ट मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ को सौंपेगी. इस फाइनल बैठक से पहले समिति ने नोएडा के विभिन्न किसान संगठनों से कई दौर की बातचीत की है. गौरतलब है कि सरकार का प्रयास है कि किसानों की जो भी लंबित समस्याएं हैं, उन्हें दूर करने के लिए प्रयास किए जा रहे हैं. बता दें कि किसानों ने काफी लंबा आंदोलन किया और सड़कों पर भी उतर कर विरोध प्रदर्शन किया था. इसके बाद सरकार ने उनकी समस्याओं का समाधान करने के लिए समिति का गठन किया था.