
बेमौसम बारिश से गुजरात के पूरे सौराष्ट्र में फसलों को भारी नुकसान हुआ है, जिससे कई किसान आर्थिक परेशानी में आ गए हैं. राजकोट जिले से सामने आई दो अलग-अलग घटनाओं में, कथित तौर पर नुकसान और बढ़ते कर्ज के कारण किसानों ने आत्महत्या कर ली. विंछिया तालुका के रेवनिया गांव में किसान रामजी जाधव ने कथित तौर पर फांसी लगाकर अपनी जान दे दी. उनके परिवार ने बताया कि लगातार दूसरे साल फसल खराब होने के बाद वह भारी आर्थिक दबाव में थे.
जाधव के बेटे, भरत जाधव ने मीडिया को बताया कि उनके पिता ने 14 बीघा जमीन पर मूंगफली और तुअर की फसल उगाई थी, लेकिन हाल ही में हुई भारी बारिश से दोनों फसलें खराब हो गईं. भरत ने कहा, "पूरी फसल खराब होने के बाद वह बहुत परेशान थे," उन्होंने यह भी कहा कि नुकसान की वजह से ही उनके पिता ने यह कदम उठाया होगा.
पुलिस अधिकारियों ने बताया कि आत्महत्या के सही कारण की अभी भी जांच की जा रही है. पिछले पखवाड़े में सौराष्ट्र में यह चौथी ऐसी घटना है, क्योंकि बेमौसम बारिश ने पूरे इलाके में खड़ी फसलों को बर्बाद कर दिया है. राज्य सरकार ने पिछले हफ्ते नुकसान से प्रभावित किसानों के लिए 10,000 करोड़ रुपये के राहत पैकेज की घोषणा की थी.
दूसरी ओर, कोटड़ा सांगाणी गांव में दिलीप विरडिया ने अपने खेत में जहर खा लिया और उनकी मौत हो गई. उन्होंने किराए की और अपनी खुद की जमीन मिलाकर लगभग 38 बीघा खेत में खेती की थी और हाल ही में हुई बेमौसम बारिश से उन्हें भारी नुकसान हुआ था. इससे वह कर्ज और फसल खराब होने की वजह से बहुत परेशान थे.
भावनगर जिले के सिहोर तालुका में 6 नवंबर की सुबह 72 साल के किसान धनजी जानी ने कथित तौर पर जहर खाकर आत्महत्या कर ली. गांव वालों का कहना है कि हाल ही में फसल खराब होने की वजह से वह परेशान थे.
3 नवंबर को गिर सोमनाथ जिले के ऊना तालुका के रेवाड़ गांव के 49 साल के किसान गफर उनाद ने कथित तौर पर अपनी मूंगफली की फसल बर्बाद होने के बाद अपनी जान दे दी. बताया जाता है कि उनाद ने अपने खेत में एक कुएं में कूदकर आत्महत्या कर ली. परिवार वालों ने पुलिस को बताया कि वह आर्थिक तंगी से गुजर रहे थे. उन्होंने 2 लाख रुपये का कोऑपरेटिव लोन लिया था और उन्हें अपनी बेटी की आने वाली शादी के लिए पैसों की जरूरत थी.
इससे पहले, 27 अक्टूबर को देवभूमि द्वारका जिले के भानवड़ तालुका के जामपार गांव के करसन वावनोटिया (37) ने कथित तौर पर फसल खराब होने और बढ़ते कर्ज के कारण आत्महत्या कर ली. वावनोटिया ने जहर खा लिया था और उनका शव 31 अक्टूबर को कपूरडी नेस के पीछे एक तालाब में मिला था.
उन्होंने 20 बीघा जमीन पर मूंगफली की खेती की थी, जो उनकी मौत से एक दिन पहले भारी बारिश से बर्बाद हो गई थी. परिवार वालों ने बताया कि वह कई सालों से आर्थिक तंगी से गुजर रहे थे और अपनी पत्नी, मां और 15 साल के बेटे के अकेले कमाने वाले थे.
खास बात यह है कि गुजरात सरकार ने किसानों के लिए 10,000 करोड़ रुपये के भारी-भरकम राहत पैकेज की घोषणा की है. लेकिन किसान हताशा में लगातार अपनी जान दे रहे हैं. हालांकि गुजरात सरकार ने हरसंभव किसानों की मदद का भरोसा दिलाया है. X पर पैकेज की घोषणा करते हुए मुख्यमंत्री भूपेंद्र पटेल ने कहा, “पिछले दो दशकों में गुजरात में ऐसी बेमौसम बारिश नहीं हुई, जिससे कई जिलों में किसानों की फसलों को काफी नुकसान हुआ है.”
“इस प्राकृतिक आपदा की घड़ी में राज्य सरकार पूरी सहानुभूति के साथ किसानों के साथ खड़ी है, उनकी परेशानी को समझ रही है. राज्य भर में फसलों को हुए बड़े नुकसान को देखते हुए किसानों की भावनाओं को ध्यान में रखते हुए, मैं लगभग 10,000 करोड़ रुपये के राहत-सहायता पैकेज की घोषणा करता हूं,” उन्होंने कहा.