जालौन सयुंक्त किसान मोर्चा के नेता युद्धवीर सिंह की गिरफ्तारी और उनकी यात्रा पर प्रतिबंध लगाने को लेकर जालौन में भारतीय किसान यूनियन के राष्ट्रीय महासचिव राजवीर सिंह जादौन के नेतृत्व में दर्जनों किसानों ने उरई के कलेक्ट्रेट में प्रदर्शन किया. साथ ही किसानों पर की जा रही उत्पीडन की कार्रवाई रोकने की मांग को लेकर राष्ट्रपति द्रोपदी मुर्मू को जिलाधिकारी के माध्यम से ज्ञापन भेजा. दरअसल भारतीय किसान यूनियन के राष्ट्रीय महासचिव राजवीर सिंह जादौन के नेतृत्व में दर्जनों किसान कलेक्ट्रेट पहुंचे, जहां उन्होंने जिलाधिकारी के माध्यम से राष्ट्रपति को ज्ञापन भेजा. इस मौके पर भारतीय किसान यूनियन के राष्ट्रीय महासचिव राजबीर सिंह जादौन ने कहा कि किसानों ने कृषि बिल और अन्य कॉर्पोरेट समर्थक फॉर्म अधिनियमों को निरस्त करने की मांग को लेकर दिल्ली की सीमाओं पर 13 महीने तक संघर्ष किया था.
इस दौरान किसानों पर सरकार द्वारा मुकदमे दर्ज किए गए थे. जिसके बाद केंद्र सरकार ने कृषि और किसान कल्याण मंत्रालय के सचिव संजय अग्रवाल द्वारा 9 दिसंबर 2021 को लिखित पत्र के आधार पर संयुक्त किसान मोर्चा के साथ एक समझौता किया था. जिसके आधार पर ऐतिहासिक किसान संघर्ष को निलंबित कर दिया गया था. जिसमें यूपी, उत्तराखंड, हिमाचल प्रदेश और हरियाणा राज्य की सरकार ने किसान संघर्ष से संबंधित सभी मामलों को तुरंत वापस लेने के लिए पूरी तरह सहमत हो गई थी. साथ ही पत्र में केंद्र सरकार द्वारा केंद्र शासित प्रदेशों में उसकी एजेंसी और प्रशासनों ने किसानों के संघर्ष से संबंधित सभी मामलों को वापस लेने पर सहमति व्यक्त की थी. इसके अलावा अन्य सभी राज्य सरकारों से भी किसानों की संघर्ष के खिलाफ ऐसे सभी मामलों को वापस लेने का अनुरोध करने की बात कही थी.
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इसके अलावा रेलवे मंत्रालय ने रेलवे सुरक्षा बल द्वारा किसानों के खिलाफ दर्ज किए गए सभी मामलों को वापस लेने के निर्देश दिया है. लेकिन 2 वर्षों के बाद संयुक्त किसान मोर्चा के राष्ट्रीय परिषद सदस्य और भारतीय किसान यूनियन के महासचिव युद्धवीर सिंह को 29 नवंबर 23 को इंदिरा गांधी अंतरराष्ट्रीय हवाई अड्डे पर यह दावा करते हुए गिरफ्तार किया. उनकी गिरफ्तारी किसान संघर्ष के दौरान किये गए प्रदर्शन मामले में हउई है. गिरफ्तार होने के कारण उनकी कोलंबिया जाने वाली फ्लाइट छूट गई. अंतरराष्ट्रीय किसान सम्मेलन में भाग लेने के लिए कोलंबिया जा रहे थे. हालांकि बाद में किसान आंदोलन के कड़े विरोध के कारण दिल्ली पुलिस को उन्हें रिहा करने पर मजबूर होना पड़ा.
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भारतीय किसान यूनियन के राष्ट्रीय महासचिव राजवीर सिंह जादौन ने कहा कि 2 साल के ऐतिहासिक संघर्ष के बाद सरकार द्वारा सभी केस वापस लिए गए. मगर किसान के संघर्ष को राष्ट्र विरोधी, विदेशी और आतंकवादी वित्त पोषित बताया गया. जिसे संयुक्त किसान मोर्चा पुरजोर खंडन करता है. उन्होंने राष्ट्रपति से मांग की है कि केंद्र सरकार को प्रतिशोध की किसी भी कार्रवाई से दूर रहने और संयुक्त किसान मोर्चा के साथ लिखित आश्वासन का उल्लंघन न करने का निर्देश दें, यदि मागे नही मानी गई तो किसान दुबारा आंदोलन करने को मजबूर हो जाएगा. (अलीम सिद्दीकी की रिपोर्ट)