सेब की खेती के लिए ऐसा माना जाता है कि इसकी पैदावार सिर्फ ठंडे जलवायु वाले स्थानों पर ही हो सकती है. पर कई ऐसे किसान हैं जिन्होंने गर्म जगह में सेब की खेती करके यह साबित कर दिया है कि अगर मेहनत से काम किया जाए तो किसी भी चीज की खेती किसी भी जगह पर की जा सकती है. ओडिशा और झारखंड में इस तरह के उदाहरण भरे पड़े हैं जहां पर किसानों ने सेब की खेती पौधे लगाए हैं और अब उनमें फल भी आ रहे हैं. झारखंड के रांची, धनबाद, बोकारो और जमशेदपुर में सेब की खेती के उदाहरण मिल जाएंगे. वहीं ओडिशा के जाजपुर में भी एक किसान ने सेब की सफल खेती की है जबकि जाजपुर का वातावरण सेब की खेती के लिए गर्म रहता है.
जाजपुर के रहने वाले किसान रवींद्र नायक ने जिले में सेब की सफल खेती करके यह साबित कर दिया है कि मेहनत सही हो तो सफलता जरूर मिलती है. रवींद्र नायक जिले के कोरेई प्रखंड अंतर्गत दुखलापटना गांव में रहते हैं और वर्तमान में रसीले फलों की खेती करके अच्छा पैसा कमा रहे हैं. इनके बागान में घुसने के बाद ऐसा लगता है कि आप हिमाचल या जम्मू-कश्मीर के किसी सेब के बागान में पहुंच गए हैं. सेब के फलों के सीजन में बगीचे में स्थित सेब के पेड़ फलों से लदे रहते हैं. बगीचे में आने वाले पर्यटक सेब के कारण नहीं बल्कि इसलिए आश्चर्यचकित होते हैं क्योंकि ये फल गर्मी के मौसम में भी उगाए जाते हैं.
ये भी पढ़ेंः Onion Price Hike: निर्यात बंदी के बावजूद बढ़ने लगा प्याज का दाम, खुश हुए किसान
ओडिशा टीवी वेबसाइट के अनुसार, उन्होंने साल 2022 में सेब के पौधे लगाए थे. इसके बाद एक साल के अंदर ही पहली बार में पेड़ों में फल भर गए. सेब की खेती करने से पहले वो सब्जियों की खेती करते थे. पर बाढ़ प्रभावित इलाका होने के कारण उन्हें हर साल नुकसान का सामना करना पड़ता था. हर बार हो रहे नुकसान से परेशान होकर उन्होंने पारंपरिक सब्जी की खेती को छोड़कर फलों की खेती करने का फैसला किया. शुरुआत में उन्होंने अमरूद, आम, पपीता, संतरा, लीची और थाइलैंड बेरी जैसे फल उगाए. सफलता ने उन्हें सेब की खेती करने के लिए प्रेरित किया.
ये भी पढ़ेंः ओडिशा के किसानों के लिए जरूरी सलाह, धान की बंपर उपज के लिए ये एडवाइजरी पढ़ें किसान
इसके बाद उन्होंने सेब की अन्ना और गोल्डन डोरसेट किस्मों के 60 पौधे खरीदे. इन किस्मों की विशेषता यह है कि ये गर्म जलवायु को सहन कर सकती हैं. 2022 में उन्होंने सेब के पौधे लगाए. उसके बाद 2023 से उन्हें फल मिलना शुरू हो गया. हालांकि जब उन्होंने सेब की खेती की शुरुआत की थी, उस वक्त लोगों ने उनका यह कहकर मजाक उड़ाया कि गर्म जलवायु में सेब की खेती नहीं हो सकती है. उन्होंने इन सबको नजरअंदाज किया और आज उन्हें अपने फैसले पर गर्व होता है. आज वह सेब बेचकर प्रतिवर्ष 5 लाख रुपये तक कमा रहे हैं.