सेब की खेती से लेकर मशरूम उत्पादन तक, इन सलाह का पालन करें जम्मू-कश्मीर के किसान

सेब की खेती से लेकर मशरूम उत्पादन तक, इन सलाह का पालन करें जम्मू-कश्मीर के किसान

भारी बर्फपारी के कारण पेड़ों के पत्तों के ऊपर बर्फ जमा हो जाती है. इसके कारण तनों पर वजन पड़ता है जिससे यह टूट सकते हैं. ऐसे में पोधों को बचाने के लिए भारी बर्फबारी वाले क्षेत्रों के किसान पेड़ों को हिलाएं, इससे बर्फ झड़ जाएंगे और पेड़ों पर वजन कम हो जाएगा. कोशिश करें कि जल्द से जल्द बर्फ को झाड़ दें. इसके अलावा जो तने या डालियां टूट गईं हैं उन्हें बनाए रखने के लिए नट और बोल्ट विधि का उपयोग करें.

क‍िसान तक
  • Noida,
  • Feb 18, 2024,
  • Updated Feb 18, 2024, 6:46 PM IST

जम्मू कश्मीर के हिस्सों में पिछले दिनों बारिश के साथ बर्फबारी हुई है. इसके अलावा अभी भी बर्फबारी का दौर जारी है. ऐसे में आईएमडी की तरफ से किसानों राज्य के किसानों के लिए कृषि सलाह जारी की गई है. इस सलाह के अनुसार कहा गया है कि रबी फसलों को रोग और कीट से बचाने के लिए खेत में खरपतवार की नियमित सफाई करें. इसके साथ ही मल्चिंग करने की सलाह दी गई है. अगर भूरा सरसों में एफिड का संक्रमण दिखाई देता है तो इससे बचाव के लिए संक्रमित पौधों को तोड़कर खेत से हटा दें या उन्हें नष्ट कर दें. इसके साथ ही केसर की खेती के लिए किसानों को मल्चिंग का उपयोग करने की सलाह दी गई है. 

भारी बर्फपारी के कारण पेड़ों के पत्तों के ऊपर बर्फ जमा हो जाती है. इसके कारण तनों पर वजन पड़ता है जिससे यह टूट सकते हैं. ऐसे में पोधों को बचाने के लिए भारी बर्फबारी वाले क्षेत्रों के किसान पेड़ों को हिलाएं, इससे बर्फ झड़ जाएंगे और पेड़ों पर वजन कम हो जाएगा. कोशिश करें कि जल्द से जल्द बर्फ को झाड़ दें. इसके अलावा जो तने या डालियां टूट गईं हैं उन्हें बनाए रखने के लिए नट और बोल्ट विधि का उपयोग करें. इस मौसम में बगीचों में छंटाई से बचें क्योंकि इससे पौधों को ठंड लग सकती है. इसके साथ ही खरपतवार और टूटी टहनियों को बगीचा से साफ करें.यदि अभी तक पेड़ के तनों पर बर लैपिंग नहीं की गई है तो बर लैपिंग करें.

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नर्सरी में बीज लगाने से पहलें करें बीजोपचार

एग्रोफोरेस्ट्री को लेकर जारी किए सलाह में कहा गया है कि बर्फबारी के कारण पौधों को उखड़ने और क्षतिग्रस्त होने से बचाने के लिए उनकी कटाई कर दें. गिरे हुए पत्तों को खाद बनाने के लिए पेड़ों को पत्तों को गड्ढों में डाल दें. कॉनिफ़र की पॉलीबैग नर्सरी को पॉलीहाउस में स्थानांतरित करें. कोनिफर के बीज बीज के अलावा और भी कुछ वानिकी प्रजातियों की नर्सरी को पॉलीबैग में तैयार करें. नर्सरी तैयार करने से पहले बीजों का बीजोपचार जरूर करे. इसके अलावा जब आवश्यक हो पौध की सिंचाई पॉलीहाउस परिस्थितियों में करें. रोगग्रस्त पौध को नर्सरी में तुरंत स्वस्थ पौधों से अलग रखना चाहिए और अनुशंसित कवकनाशकों के साथ उनका इलाज करें.

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मशरूम की खेती के लिए करें यह उपाय

मशरूम की खेती को लेकर जारी किए गए सलाह में कहा गया है कि जो किसान बटन मशरुम लगाते हैं वो इसकी खेती की तैयारी करें. इसके साथ ही मशरूम के बेहतर उत्पादन के लिए उचित रखरखाव करें और पुआल के बैग की नियमित जांच करें. रात में अगर बारिश हो रही है तो ढेर को ढककर रखें. इसके अलावा नियिमित अंतराल पर इसे पलटते रहे हैं. इसके अलावा जिन किसानों के पास स्पॉन तैयार हो गया है वो उन स्पॉन को उचित तापमान में रखें. जिन कमरों में मशरूम के बैग रखे गए हैं उनमें नमी बरकार रखें. इसके अलावा किसी भी कीट या बीमारी से बैग को बचाने के लिए इसकी नियमित जांच करें. साथ ही कंपोस्टिंग यार्ड और उत्पादन कक्ष में उचित सफाई बनाए रखें. 

 

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