बेमौसमी बारिश से फसल चौपट, आलू की कीमत, प्याज की कीमत, किसान आंदोलन, प्रधानमंत्री फसल बीमा योजना (PMFBY), एपिडा (APEDA) द्वारा फसलों का आयात-निर्यात, पशुपालन (Animal Husbandry), मुर्गी पालन (Poultry Farming), केंद्रीय कृषि बजट 2023 (Agriculture Budget 2023), पीएम किसान योजना (PM Kisan Yojana) की 14वीं किस्त, आज देशभर में कैसा रहेगा मौसम (Latest Weather Update), MSP पर रबी फसलों की खरीदारी, गेहूं और सरसों का उत्पादन, फलों और फसलों में लगने वाले रोग, खेती-किसानी से जुड़ा हर अपडेट जानने के लिए पढ़ते रहें आज का हमारा लाइव अपडेट्स (Live Updates)-
महाराष्ट्र में फसल बीमा में बड़ी धांधली सामने आई है. अकोला के किसानों के फसल बीमा में लगभग चार करोड़ रुपये की धोखाधड़ी पकड़ी गई है. इस घटना के बाद फसल बीमा कंपनी के 10 अधिकारियों और कर्मचारियों पर मामला दर्ज किया गया है. जिन लोगों के खिलाफ कार्रवाई की गई है, वे आईसीआईसीआई लोम्बार्ड बीमा कंपनी से जुड़े हैं. कंपनी के अधिकारियों और कर्मचारियों ने फसल का नुकसान कम दिखाया जिससे किसानों को कम मुआवजा मिला. इस मामले में बीमा कंपनी के खिलाफ कृषि अधिकारी ने मामला दर्ज कराया जिसके बाद घटना की तहकीकात शुरू की गई है.
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यूपी में जल संकट का सबसे ज्यादा सामना कर रहे बुंदेलखंड जैसे इलाकों में किसानों के लिए ड्रिप तकनीक जल संरक्षण का कारगर उपाय साबित हो रही है. खेती में पानी के इस्तेमाल से जुड़े आंकड़े बताते हैं कि पानी की सबसे ज्यादा खपत सिंचाई में ही होती है. मसलन, किसानों को एक किलोग्राम धान उपजाने में 2500 से 3000 हजार लीटर पानी जरूरत होती है. इस एक किलो धान से सिर्फ 600 ग्राम चावल ही मिल पाता है. इससे अंदाजा लगाना आसान है कि खेती में पानी की बचत के उपाय करके जल संरक्षण के प्रयासों को कारगर बनाया जा सकता है. इस काम में किसानों ने 90 फीसदी तक पानी की बचत करने वाली तकनीक टपक पद्धति यानी 'ड्रिप इरिगेशन' को हथियार बनाया है.
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पोल्ट्री कारोबारियों के लिए एक बड़ी खुशखबरी है. देश को अंडे का एक और बड़ा खरीदार मिला है. जल्द ही श्रीलंका भारत से 300 करोड़ अंडों की खरीदारी करेगा. अभी श्रीलंका 20 से 22 लाख अंडों की खरीदारी कर रहा है. यह खरीदारी सैम्पल बतौर हो रही है. गौरतलब रहे इससे पहले मलेशिया से भी 50 मिलियन अंडों का आर्डर मिल चुका है. रूस-यूक्रेन युद्ध की वजह से दुनियाभर में पोल्ट्री फीड महंगा होने के कारण कई देश अंडे की खरीद के लिए भारत की ओर रुख कर रहे हैं.
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राजस्थान के हनुमानगढ़ में बारिश से फसलों को भारी नुकसान पहुंचा है. एएनआई के अनुसार, एक किसान ने बताया, "बारिश से तैयार फसल को भारी नुकसान हुआ है. प्रशासनिक अधिकारियों को जल्द से जल्द नुकसान का आंकलन करने और रिपोर्ट बनाने को कहा जाए. हमें मुआवजा मिलना चाहिए."
सरकार ने फसल के नुकसान की जानकारी देने के लिए किसानों को 2 हेल्पलाइन नंबर जारी किए हैं. इनमें फसल बीमा के दावे के लिए हेल्पलाइन नंबर 18008896868 पर किसान फसल के नुकसान की सूचना दर्ज करा सकते हैं. गैर बीमित किसान 1070 नंबर पर सरकार से मुआवजे की मांग कर सकते हैं. फसल को हुए नुकसान की जानकारी देने के लिए किसानों के पास हेल्पलाइन पर कॉल करने के अलावा कृषि विभाग या तहसील में किसान लिखित तौर पर भी फसल को हुए नुकसान की जानकारी दे सकते हैं. किसानों से मिल रही जानकारी का यथाशीघ्र सत्यापन कराया जा रहा है.
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मौसम विभाग के भूकम्प विज्ञान केंद्र के अनुसार एमपी के ग्वालियर रीजन में आज 10:31 बजे भूकम्प के झटके महसूस किए गए. इसकी तीव्रता 4 आंकी गई है.
पश्चिमी विक्षोभ की वजह से उत्तर पश्चिम भारत में 24 और 25 मार्च को गरज के साथ बारिश होने की संभावना है. वही 24 मार्च को चंडीगढ़, पश्चिम उत्तर प्रदेश और उत्तर राजस्थान में, जबकि 25 मार्च को उत्तराखंड में बारिश होने की संभावना है. अगर बात मध्य भारत की करें तो अगले 24 घंटों के दौरान मौसम शुष्क रहने की संभावना है. इसके बाद, 25 और 26 मार्च को इस क्षेत्र (मध्य प्रदेश, विदर्भ और छत्तीसगढ़) में बारिश और आंधी या ओलावृष्टि की गतिविधि का एक नया दौर शुरू होने की संभावना है. जबकि दक्षिण भारत में अगले 5 दिनों के दौरान तमिलनाडु, पुडुचेरी और कराईकल, केरल और आंध्र प्रदेश में गरज और बिजली चमकने के साथ हल्की या मध्यम बारिश होने की संभावना है. वहीं आज से तेलंगाना, केरल और आंतरिक कर्नाटक में गरज के साथ बारिश का एक नया दौर शुरू होने की संभावना है.
वहीं अगले 5 दिनों के दौरान पूर्वोत्तर भारत में गरज और बिजली के साथ काफी व्यापक रूप से हल्की या मध्यम वर्षा की गतिविधि जारी रहने की संभावना है. इसके अलावा पूर्वी भारत में अगले 3 दिनों के दौरान मौसम शुष्क रहने की संभावना है. जबकि 26 मार्च से इस क्षेत्र में गरज के साथ बारिश का एक नया दौर शुरू होने की संभावना है.
मौसम विभाग के मुताबिक, पंजाब, हरियाणा, राजस्थान और अरुणाचल प्रदेश के किसान, फिलहाल के लिए फसलों की कटाई रोक दें; पहले से ही काटी गई उपज को सुरक्षित स्थान पर रख दें या खेत में पहले से काटी गई उपज के ढेर को तिरपाल की चादरों से ढक दें. जबकि, उप-हिमालयी पश्चिम बंगाल के किसान जूट, सिक्किम और अरुणाचल प्रदेश के किसान मक्के की बुवाई फिलहाल नहीं करें. इसके अलावा किसान फसल वाले खेतों से अतिरिक्त पानी निकाल दें. वहीं बागवानी फसलों और सब्जियों को स्टेकिंग के लिए कृषि यंत्रों का इस्तेमाल करें. इसके अलावा बागों की सुरक्षा के लिए ओलों की जाली का प्रयोग करें.
पोल्ट्री कारोबारियों के लिए एक बड़ी खुशखबरी है. देश को अंडे का एक और बड़ा खरीदार मिला है. जल्द ही श्रीलंका भारत से 300 करोड़ अंडों की खरीदारी करेगा. अभी श्रीलंका 20 से 22 लाख अंडों की खरीदारी कर रहा है. यह खरीदारी सैम्पल बतौर हो रही है. गौरतलब रहे इससे पहले मलेशिया से भी 50 मिलियन अंडों का आर्डर मिल चुका है. रूस-यूक्रेन युद्ध की वजह से दुनियाभर में पोल्ट्री फीड महंगा होने के कारण कई देश अंडे की खरीद के लिए भारत की ओर रुख कर रहे हैं.
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उत्तर पश्चिम भारत में अगले 2 दिनों के दौरान अधिकतम तापमान में कोई महत्वपूर्ण बदलाव नहीं होने की संभावना है और उसके बाद 2-3 डिग्री सेल्सियस की वृद्धि होगी. जबकि पूर्वी भारत में अगले 24 घंटों के दौरान अधिकतम तापमान में 2-3 डिग्री सेल्सियस की वृद्धि और उसके बाद कोई महत्वपूर्ण परिवर्तन नहीं होने की संभावना है. वहीं गुजरात में अगले 24 घंटों के दौरान अधिकतम तापमान में कोई खास बदलाव नहीं होने की संभावना है और उसके बाद 2-3 डिग्री सेल्सियस की वृद्धि हो सकती है. जबकि महाराष्ट्र में अगले 5 दिनों के दौरान अधिकतम तापमान में धीरे-धीरे 2-4 डिग्री सेल्सियस की वृद्धि होने की संभावना है. वही देश के बाकी हिस्सों में अगले 5 दिनों के दौरान अधिकतम तापमान में कोई खास बदलाव नहीं होने की संभावना है.
केंद्र सरकार प्रधानमंत्री फसल बीमा योजना (Pradhan Mantri Fasal Bima Yojana) में बड़े बदलाव की तैयारी में जुट गई है. ताकि, किसानों को बीमा क्लेम मिलना आसान हो और कंपनियों की मनमानी पर रोक लगे. इस योजना में किसानों को कई समस्याओं का सामना करना पड़ रहा है, जिसमें से एक है मौसम और फसल नुकसान के अनुमान की. कई बार एक ब्लॉक में मूसलाधार बारिश होती है और दूसरे में नहीं. ऐसे में नुकसान का सर्वे करवाना और बीमा मिलना कठिन हो जाता है. लेकिन, अब ऐसी व्यवस्था बनाई जा रही है किस ग्राम पंचायत में बारिश हुई और किसमें नहीं, इसकी सटीक जानकारी मिल जाए. इसके लिए फसल बीमा में कवर राज्यों के हर ब्लॉक में ऑटोमेटिक वेदर स्टेशन (AWS) और हर इंश्योरेंस यूनिट यानी हर ग्राम पंचायत स्तर पर ऑटोमेटिक रेन गेज (ARG) लगाए जाएंगे. वेदर स्टेशन लगाने की मंजूरी मिल गई है.
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सत्र में बहुत घोषणाएं हुई हैं, 5-6 संशोधन बिल पास हुए. इस दौरान पत्रकार सुरक्षा कानून लाया गया. ये किसानों का प्रदेश है तो मैंने सदन में घोषणा की कि आगामी दिनों में 20 क्वटिंल का धान खरीदा जाएगा: छत्तीसगढ़ विधानसभा बजट सत्र के अनिश्चितकाल के लिए स्थगित होने पर CM भूपेश बघेल
उत्तर प्रदेश के गोरखपुर में रमजान के लिए तैयारियां चल रही हैं. एएनआई के अनुसार सेवई व्यवसायी बबलू ने बताया, "सेवई की पहली मांग ज्यादा थी लेकिन अब महंगाई की वजह से मांग कम हो गई है. सेवई कई किस्म की होती है, किमामी सेवई की मांग ज्यादा होती है. हम लोग इस काम को पीढ़ी दर पीढ़ी कर रहे हैं."
फसल बीमा क्लेम को लेकर कंपनियों की मनमानी से परेशान किसानों को अब कुछ राहत मिलने की संभावना है. क्लेम का वितरण अब डिजिटल तरीके से किया जाएगा. शुरुआती दौर में इसका सीधा लाभ 6 राज्यों के किसानों को होगा. इसमें राजस्थान, उत्तर प्रदेश, हिमाचल प्रदेश, छत्तीसगढ़, उत्तराखंड व हरियाणा शामिल हैं. क्लेम भुगतान की प्रक्रिया अब ऑटोमेटिक हो जाएगी. राज्यों द्वारा पोर्टल पर जो उपज डेटा जारी किया जाता है उससे इस काम में मदद मिलेगी. केंद्रीय कृषि मंत्री नरेंद्र सिंह तोमर ने बृहस्पतिवार को प्रधानमंत्री फसल बीमा योजना (PMFBY) के तहत राष्ट्रीय फसल बीमा पोर्टल (NCIP) के डिजिटाइज्ड क्लेम सेटलमेंट मॉड्यूल 'डिजीक्लेम' की शुरुआत की.
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चालू वित्त वर्ष की अप्रैल-जनवरी अवधि के दौरान, मात्रा के संदर्भ में दालों का निर्यात 80 प्रतिशत बढ़कर 5.39 लाख टन (लेफ्टिनेंट) हो गया है. एक साल पहले इसी अवधि में निर्यात 3 लाख टन था. डॉलर के लिहाज से अप्रैल-जनवरी के दौरान दालों का निर्यात 73 फीसदी बढ़कर 47.6 करोड़ डॉलर (एक साल पहले इसी अवधि में 27.5 करोड़ डॉलर) हो गया था. एपीडा के नवीनतम आंकड़ों के अनुसार रुपये के संदर्भ में निर्यात 85 प्रतिशत बढ़कर 3,784 करोड़ रुपये (2,048 करोड़ रुपये) हो गया है. वित्तीय वर्ष 2021-22 में दालों का निर्यात 4.1 लाख टन था, जिसकी कीमत 379 मिलियन डॉलर थी.