कई दिन तक चले किसान आंदोलन के बाद भी मनोहरलाल खट्टर सरकार ने गन्ने के दाम में वृद्धि नहीं की है. जबकि, गन्ने की पेराई शुरू हुए दो महीने बीत चुके हैं. सरकार के रवैये को देखते हुए भारतीय किसान यूनियन चढूनी ग्रुप ने सोमवार को कुरुक्षेत्र स्थित सैनी धर्मशाला में किसानों की राज्य स्तरीय बैठक करके कई बड़े फैसले लिए. जिसके तहत सरकार के खिलाफ ट्रैक्टर रैली निकाली जाएगी, मिलों के सामने की सड़कें बंद की जाएंगी और गन्ने की होली जलाई जाएगी. एक तरह से किसानों ने हरियाणा सरकार के खिलाफ कुरुक्षेत्र से अपने नए रण की शुरुआत कर दी है. किसानों ने बैठक में सरकार के खिलाफ जमकर नारेबाजी की और एलान किया कि वो गन्ने का बढ़ा हुआ दाम लेकर रहेंगे.
करीब तीन घंटे तक चली बैठक में सूबे के अलग-अलग हिस्सों से (शुगर मिल) इलाकों से आए प्रतिनिधियों ने हिस्सा लिया. इसके बाद यूनियन के राष्ट्रीय अध्यक्ष गुरनाम सिंह चढूनी ने आंदोलन को और धार देने के लिए बैठक में हुए निर्णय की जानकारी दी. उन्होंने कहा कि 25 जनवरी को सभी किसान हर शुगर मिल के नजदीक वाले शहरों में ट्रैक्टरों से प्रदर्शन करेंगे. शुगर मिलों से अपने ट्रैक्टरों के जरिए नजदीकी शहर जाएंगे और मुख्यमंत्री मनोहर लाल खट्टर के खिलाफ आवाज बुलंद करेंगे. फिर शुगर मिलों पर आकर पुतला फूंकेंगे.
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चढूनी ने कहा कि 26 जनवरी को किसानों के सबसे बड़े नेता चौधरी छोटू राम की जयंती है. इस उपलक्ष्य में सभी किसान अपने शुगर मिल पर सामूहिक रूप से गन्ने की होली जलाएंगे. छोटू राम ने कहा था कि जिस खेत से रोटी नहीं मिल रही है उस खेत को जला देना चाहिए. किसान इसका पालन करेंगे. किसान गन्ना जलाकर अपना विरोध जताएंगे. इसके बाद 27 जनवरी को सभी शुगर मिलों के सामने की सड़क को जाम करेंगे. चढूनी ने कहा कि 30 तारीख को फिर सैनी धर्मशाला, कुरुक्षेत्र में किसान एक बार फिर बैठक करेंगे. तब तक सरकार ने दाम बढ़ा दिया तो ठीक वरना उसके बाद आगे की रणनीति तय की जाएगी.
किसानों ने एक सियासी फैसला भी लिया है. जिसके तहत वो 29 जनवरी को केंद्रीय गृहमंत्री अमित शाह की गोहाना में होने वाली रैली में जाकर विरोध करेंगे. यूनियन ने कहा कि गोहाना मंडी में होने वाली बीजेपी की रैली में प्रदेश के कोने-कोने से किसान जाएंगे. चढूनी ने कहा कि रैली में भारी संख्या में किसान जाएंगे, वो बीजेपी की गाड़ियों में ही बैठ कर जाएंगे. जैसे ही गृह मंत्री का भाषण शुरू होगा वैसे ही रैली में पहुंचे किसान अर्धनग्न होकर खट्टर सरकार का विरोध दर्ज कराएंगे.
हरियाणा के किसान गन्ने का दाम बढ़ाने की करीब एक महीने से मांग कर रहे हैं. इसके लिए सरकार ने गन्ना मूल्य निर्धारण कमेटी गठित की है. जिसमें अधिकारी और विधायक शामिल हैं. लेकिन, यह कमेटी अभी किसी निष्कर्ष पर नहीं पहुंची है. अभी यहां पर गन्ने का भाव 362 रुपये प्रति क्विंटल है. जबकि आंदोलनकारी किसान महंगाई को देखते हुए इसे 450 रुपये करने की मांग कर रहे हैं. उधर, पंजाब सरकार ने पहले ही 380 रुपये का भाव करके हरियाणा की सत्ता में बैठे नेताओं की टेंशन बढ़ा दी है.
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