किसानों का पंजाब के जिला हेडक्वार्टर पर रोष प्रदर्शन, फसल नुकसान के हिसाब से मुआवजे की मांग में किया आंदोलन

किसानों का पंजाब के जिला हेडक्वार्टर पर रोष प्रदर्शन, फसल नुकसान के हिसाब से मुआवजे की मांग में किया आंदोलन

ओलावृष्टि के चलते गांव और आसपास के गांव में किसानों की फसलें 100 फीसद बर्बाद हो चुकी है. जिसमें फूलों की खेती है, सब्जियां है, गेहूं है, सरसों है और जहां तक की मवेशियों को डालने वाला हरा चारा भी नहीं बचा है. किसानों का कहना है कि उन्हें नुकसान लाखों का हुआ है जबकि सरकार भरपाई हजारों में कर रही है.

किसान फसल नुकसान के उचित मुआवजे की कर रही मांगकिसान फसल नुकसान के उचित मुआवजे की कर रही मांग
बलवंत सिंह विक्की
  • Sangrur,
  • Apr 06, 2023,
  • Updated Apr 06, 2023, 1:16 PM IST

पूरे पंजाब में पिछले कुछ दिनों से हो रही बेमौसम बारिश और ओलावृष्टि से किसानों की फसल बड़े पैमाने पर बर्बाद हो गई. जिसमें गेहूं, फूल, सब्जियां और मवेशियों के लिए हरा चारा शामिल था. इसको लेकर पंजाब के मुख्यमंत्री ने एक विशेष आदेश देते हुए कहा कि बैसाखी से पहले 100 फीसदी फसल नुकसान के लिए 15 हजार रुपये प्रति एकड़ का मुआवजा बैसाखी से पहले किसानों के खातों में भेज दिया जाएगा. दूसरी ओर पंजाब भर के किसान आज मौसमी बारिश के कारण खराब हुई फसल के मुआवजे की मांग को लेकर जिला मुख्यालय पर धरना दे रहे हैं. ऐसे में किसानों का कहना है कि बड़े पैमाने पर नुकसान हुआ है, लेकिन उनका नुकसान कम बताया जा रहा है. जिसको लेकर वह चिंतित हैं.

जहां तक किसानों का कहना है कि पिछली कांग्रेस सरकार के समय उन्होंने खराब हुई फसलों का 17000 रुपये प्रति एकड़ मुआवजा मिला था। लेकिन इस बार भगवंत मान सरकार 15000 देने की बात कर रही है. जो पिछली बार से 2000 रुपये कम है। वहीं, कुछ किसानों का कहना था कि उनके खेतों में 100 फीसदी फसल बर्बाद हुई है. इस बात को अधिकारी मान तो रहे हैं लेकिन कागजों पर 70 फीसदी ही लिख रहे हैं. इसको लेकर आज संगरूर में जुटे हजारों किसानों ने पहले अनाज मंडी में धरना दिया और फिर शहर में मार्च कर जिले के डिप्टी कमिश्नर को एक मांग पत्र दिया है. किसानों का कहना है कि अगर समय पर मुआवजा नहीं मिला तो हम पक्का मोर्चा लगाने के लिए मजबूर होंगे.

मुआवजा नहीं मिला तो मोर्चा लगाने पर मजबूर होंगे किसान

बेमौसम बारिश और ओलावृष्टि के चलते फसलों को हुआ नुकसान

अमरीक सिंह किसान नेता ने कहा कि पंजाब में बड़े स्तर पर बेमौसमी हुई बारिश और ओलावृष्टि के चलते किसानों की फसलें बर्बाद हुईं हैं. लेकिन मुआवजे के नाम पर सरकार सिर्फ बड़ी-बड़ी बातें कर रही है ग्राउंड पर सरकार बिल्कुल खामोस है. सरकार 15000 रुपये प्रति एकड़ की बात कह रही है जबकि पिछली बार हमने कांग्रेस सरकार से 17000 रुपये प्रति एकड़ के हिसाब से मुआवजा लिया था. इन्होंने तो 2000 रुपये कम कर दिया है वो भी तब जब किसानों का बड़े स्तर पर नुकसान हुआ है. संगरूर जिले के कई गांव हैं जहां पर किसानों की 100 फीसद फसलें बर्बाद हो चुकी है. अगर किसानों की फसल के नुकसान की भरपाई पूर्ण तौर पर नहीं हुई तो हम पक्का मोर्चा निकालने के लिए मजबूर होंगे. उन्होने यह भी कहा कि आज का धरना तो सिर्फ एक संकेतक था.

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लाखों का हुआ नुकसाब, हजारों में भरपाई कर रही सरकार- पीड़ित किसान

बलवीर सिंह पीड़त किसान, ने कहा कि उसका गांव डसका है, जहां पर पिछले हफ्ते हुई ओलावृष्टि के चलते उनके गांव और आसपास के गांव में किसानों की फसलें 100 फीसद बर्बाद हो चुकी है. जिसमें फूलों की खेती है, सब्जियां है, गेहूं है, सरसों है और जहां तक की मवेशियों को डालने वाला हरा चारा भी नहीं बचा है. किसान बलबीर सिंह बताते हैं कि उनके गांव का एक हिस्सा तो 100 फीसद बर्बाद हो चुका है. किसानों के पास मवेशियों को डालने के लिए चारा भी नहीं बचा है. बलबीर सिंह ने कहा कि हम ऐसा नहीं कह रहे कि 100 फीसद फसल बर्बाद हुआ है. जितना नुकसान हुआ है वह हुआ है लेकिन अधिकारी तहसीलदार पटवारी मौके पर पहुंचे हैं उन्होंने कहा है कि 100 फीसद नुकसान हुआ लेकिन कागजों में वह कम नुकसान लिख रहे हैं. उनका कहना है कि किसानों को नुकसान लाखों का हुआ है जबकि सरकार भरपाई हजारों में कर रही है.

लाखों का नुकसान हुआ, लेकिन मुआवजे के नाम पर केवल बयानबाजी कर रही सरकार

भरपाई के नाम पर सिर्फ बयानबाजी कर रही सरकार- जगतार सिंह किसान नेता

जगतार सिंह किसान नेता ने कहा आज हमने पूरे पंजाब भर में जिला हेड क्वार्टर पर किसानों की बर्बाद हुई फसल के मुआवजे के लिए संकेतक करू पर धरने दिए हैं. अगर सरकार ने किसानों के हुए नुकसान का वाजिब मुआवजा नहीं देती है तो हमें पूर्ण तौर पर पक्का मोर्चा लगाना पड़ेगा. उन्होंने कहा कि सरकार यह दम भर रही है कि हम इस बार वह सबसे ज्यादा मुआवजा दे रही है. जहां पिछली सरकारें 12000 रुपये प्रति एकड़ के हिसाब से दे रही थी हम 15000 रुपये प्रति एकड़ के हिसाब से दे रहे हैं. लेकिन हम बताना चाहते हैं कि पिछली कांग्रेस सरकार के समय में बर्बाद हुई फसलों का मुआवजा 17000 रुपये प्रति एकड़ ले चुके हैं. लेकिन इस बार सरकार ने 2000 रुपये कम कर दिए हैं. किसानों का नुकसान लाखों में है. लेकिन सरकार भरपाई के नाम पर सिर्फ बयानबाजी कर रही है.

आपको बता दें कि पिछले 2 हफ्तों से पंजाब में लगातार बारिश और ओलावृष्टि हो रही है. जिसके चलते किसानों की फसलें बर्बाद हो चुकी है. ना किसानों की गेहूं बची है ना ही सरसों का फूल, ना किसानों का बाग. यहां तक कि किसानों के घरों को भी नुकसान हुआ है. पंजाब के मुख्यमंत्री भगवंत सिंह मान ने किसानों की नुकसान हुई फसल का जायजा लेते हुए किसानों को भरोसा दिया कि इस बार स्पेशल गिरदावरी कर वैशाखी से पहले किसानों के बैंक खातों में उनकी नुकसान हुई फसल का मुआवजा दे दिया जाएगा. मुख्यमंत्री ने कहा कि पिछली सरकार 75 फीसदी से 100 फीसदी तक बर्बाद हुई फसल का मुआवजा 12000 रुपये प्रति एकड़ देती थी. इसको बढ़ाकर 15000 रुपये प्रति एकड़ किया है. लेकिन वही किसान इसको कम मानते हैं. किसानों के अनुसार उनको प्रति एकड़ पचास हजार के करीब नुकसान हुआ है, जबकि सरकारें सिर्फ 12 से 15000 रुपये दे रही है.


 

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