प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने रविवार सुबह अपने खास कार्यक्रम "मन की बात" कार्यक्रम से देश को संबोधित किया. मन की बात कार्यक्रम के 99 वें संस्करण में पीएम मोदी ने कश्मीर के किसानों की विशेष रूप से चर्चा की. पीएम मोदी ने अपने संबोधन में डल झील में कमल ककड़ी उगा कर मुनाफा कमा रहे किसानों के साथ ही पारंपरिक फसलों की खेती छोड़ कर फूलों की खेती अपनाने वाले डोडा जिले के किसानों का विशेष रूप से जिक्र किया. आइए जानते हैं कि कमल ककड़ी से मुनाफा कमा रहे और लैवेंडर की खेती करने वाले किसानों के लिए पीएम मोदी ने मन की बात कार्यक्रम में क्या कहा.
पीएम मोदी ने अपने कार्यक्रम मन की बात में कहा कि श्रीनगर की डल झील पर्यटकों को गुलाबी कमल जहां काफी लुभाते हैं. वहीं ये कमल यहां के किसानों के आय का जरिया भी बन रहे हैं. कमल के तनों को स्थानीय रूप से नादरू कहा जाता है और कश्मीरी व्यंजनों का बहुत ही खास हिस्सा है. नादरू को कमल ककड़ी भी कहा जाता है. यह मुख्य रूप से श्रीनगर के डल झील में उगाई जाती है. जो यहां के किसानों के आजीविका का हिस्सा है. पीएम मोदी ने अपने मन की बात में बताया कि यहां के 250 किसान कड़ी मेहनत से FPO के तहत कमल ककड़ी की खेती कर रहे हैं. यहां के नादरू की मांग न सिर्फ भारत में है बल्कि अब इसकी मांग विदेशों में भी बढ़ती जा रही है.
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एम मोदी ने बताया कि कमल ककड़ी की दो खेप कुछ दिनों पहले यूनाइटेड अरब अमीरात भेजी गई है. इसके बढ़ते हुए डिमांड से यहां के किसानों की आमदनी में भी इजाफा हो रहा है.
"मन की बात" कार्यक्रम में अपने संबोधन में पीएम मोदी ने, जम्मू-कश्मीर के डोडा जिले का जिक्र किया. जहां करीब 2500 किसानों ने वहां की पारंपरिक मक्के की खेती को छोड़कर वादियों में खुशबूदार लैवेंडर की खेती शुरू की है. पीएम मोदी ने कहा कि ये कदम वहां के किसानों के लिए काफी फायदेमंद साबित हो रहा है. किसान वहां केंद्र सरकार की अरोमा मिशन योजना के तहत लैवेंडर के फूल की खेती कर रहे हैं. मोदी ने कहा कि वहां के किसानों की यह कदम लैवेंडर की तरह ही सफलता की खुशबू फैला रहे हैं. इसकी खेती से किसानों की आय में भी बेहतर वृद्धि हो रही है और साथ ही उनकी कामयाबी की खुशबू दूर-दूर तक फैल रही है.