कृषि भवन में आयोजित समारोह में राष्ट्रीय बीज निगम लिमिटेड की अध्यक्ष सह प्रबंध निदेशक डॉ. मनिंदर कौर द्विवेदी ने कृषि और किसान कल्याण मंत्री शिवराज सिंह चौहान को लाभांश चेक दिया. बता दें कि राष्ट्रीय बीज निगम लिमिटेड, कृषि और किसान कल्याण मंत्रालय के प्रशासनिक नियंत्रण में भारत सरकार के पूर्ण स्वामित्व वाली एक कंपनी है. 1963 में स्थापित राष्ट्रीय बीज निगम लिमिटेड भारत में कृषि उत्पादकता बढ़ाने और खाद्य सुरक्षा सुनिश्चित करने के लिए प्रमाणित बीजों के उत्पादन और वितरण का काम करता है. 80 फसलें और 900 किस्में... अनाज, तिलहन और दलहन वाली फसलों के बीज मिलते हैं.
राष्ट्रीय बीज निगम लिमिटेड देशभर के किसानों को उच्च क्वालिटी वाले बीज उपलब्ध कराने के अपने मिशन के लिए प्रतिबद्ध है. निगम क्वालिटी और स्थिरता को प्राथमिकता देना जारी रखता है, जिससे जैव-फोर्टिफाइड और जलवायु अनुकूल बीज किस्मों की विविध रेंज की उपलब्ध होती है. इसमें अनाज, तिलहन, दलहन, बाजरा, चारा, फाइबर, हरी खाद और सब्जी शामिल है. राष्ट्रीय बीज निगम लिमिटेड के सभी बीज और अधिकांश रोपण सामग्री ओपन नेटवर्क फॉर डिजिटल कॉमर्स (ओएनडीसी) पर उपलब्ध हैं. इन्हें ऑनलाइन ऑर्डर किया जा सकता है.
कृषि और किसान कल्याण मंत्रालय के तहत सार्वजनिक क्षेत्र का उपक्रम राष्ट्रीय बीज निगम लिमिटेड ने डीआईपीएएम दिशानिर्देशों के तहत वित्तीय वर्ष 2023-24 के लिए 35.30 करोड़ रुपये का अंतिम लाभांश घोषित करने की घोषणा की है, जो इसके नेट वर्थ का 5 फीसदी है. अब तक का यह सर्वाधिक लाभ देते हुए राष्ट्रीय कृषि विकास में योगदान देने के लिए राष्ट्रीय बीज निगम लिमिटेड की प्रतिबद्धता को दर्शाता है. वित्त वर्ष 2023-24 के दौरान, राष्ट्रीय बीज निगम लिमिटेड ने अपने वित्तीय प्रदर्शन में उल्लेखनीय वृद्धि दर्ज की है. परिचालन से राजस्व पिछले वर्ष के 1,078.23 करोड़ रुपये से बढ़कर 1,143.26 करोड़ रुपये हो गया है, जबकि कुल आय 2022-23 में 1,112.13 करोड़ रुपये की तुलना में बढ़कर सर्वाधिक 1,182.48 करोड़ रुपये हो गई थी.
ये भी पढ़ें:- 35 हजार करोड़ प्रीमियम पर किसानों को मिले 1.72 लाख करोड़ रुपये, कृषि मंत्री बोले- फसल बीमा योजना वरदान बनी
राष्ट्रीय बीज निगम लिमिटेड की परिचालन और रणनीतिक बाजार विस्तार ने इस वृद्धि में योगदान दिया है. कंपनी ने 1005 करोड़ रुपये का बीज बेच कर राजस्व हासिल किया है, जो पिछले वर्ष के 947 करोड़ रुपये से अधिक है. विशेष रूप से, गैर-सब्सिडी वाले बीजों की बिक्री 847.83 करोड़ से बढ़कर 920 करोड़ रुपये तक पहुंची है. ऑनलाइन बीज की बिक्री में भी उल्लेखनीय वृद्धि देखी गई, जो डिजिटल परिवर्तन में राष्ट्रीय बीज निगम लिमिटेड के प्रयासों को दर्शाती है. कंपनी ने 992 नए डीलरों की नियुक्ति करके अपनी बाजार उपस्थिति को मजबूत किया है, जिससे कुल डीलर नेटवर्क 4,665 हो गया है. कंपनी ने 2,126 किसान उत्पादक संगठन (FPO) और पीएसी और एलएएमपी भी नियुक्त किए हैं.
उत्पादन के मोर्चे पर, राष्ट्रीय बीज निगम लिमिटेड ने अपनी क्षमताओं को बढ़ाना जारी रखा है और कच्चे बीज का उत्पादन खरीद 17.10 लाख क्विंटल तक पहुंच गया है. वहीं, बुनियादी ढांचे में सुधार से समर्थित बीज प्रसंस्करण क्षमता बढ़कर 25.67 लाख क्विंटल हो गई है. इसके अतिरिक्त, राष्ट्रीय बीज निगम लिमिटेड ने सरकारी कृषि पहलों में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई है, सरकार, राज्य सरकारों, डीलरों को बीज की आपूर्ति की और ओएनडीसी प्लेटफॉर्म के माध्यम से ऑनलाइन बिक्री भी की है.
राष्ट्रीय बीज निगम लिमिटेड अपने पांच बड़े फार्मों में बीज का उत्पादन कर रही है, जो राजस्थान के सरदारगढ़, सूरतगढ़, जेतसर, हरियाणा के हिसार और कर्नाटक के रायचूर में स्थित है, जिसका कुल क्षेत्रफल 21,841 हेक्टेयर है और 14,166 पंजीकृत उत्पादक इसके बीज उत्पादन में लगे हुए हैं. ये कंपनी 11 क्षेत्रीय कार्यालयों, 48 प्रक्षेत्र कार्यालयों, 29 उत्पादन केंद्रों, 75 बीज प्रसंस्करण संयंत्रों, 7 वातानुकूलित बीज भंडारण सुविधाओं और 180 बीज भंडारण गोदामों के माध्यम से काम करती है. कंपनी के पास 4 गुणवत्ता नियंत्रण प्रयोगशालाएं और 1 डीएनए फिंगर प्रिंटिंग प्रयोगशाला है.