ऐसा नहीं है कि एमबीबीएस और बीडीएस करने से ही डॉक्ट र बनने का सपना पूरा होगा. एक ओर भी फील्ड है जहां आप अपने डॉक्टर बनने के सपने को पूरा कर सकते हैं. अगर आपने साइंस स्ट्री म से 12वीं पास की है तो फिर आपके लिए कई संभावनाएं हैं. देश में आज भी वेटनेरियन की बहुत जरूरत है. वेटनेरियन की डिग्री दे रहे देश के 55 कॉलेज भी वेटनेरियन और पैरा वेट एक्सपपर्ट की जरूरत को पूरा नहीं कर पा रहे हैं. पशुओं के डॉक्ट र हैं तो ऐसा भी नहीं है कि वेटनेरियन बनने का रास्ता आसान हो. यहां भी एडमिशन नीट के माध्यम से ही होते हैं.
गुरु अंगद देव पशु चिकित्सा और पशु विज्ञान विश्वविद्यालय (गडवासु), लुधियाना के वाइस चांसलर डॉ. इन्द्रंजीत सिंह का कहना है कि सिर्फ जागरुकता की कमी के चलते ही वेटनरी में छात्र कम आते हैं. इसके लिए हम कॉलेजों में जा-जाकर जागरुकता कार्यक्रम चला रहे हैं. हमारे यहां एडमिशन प्रक्रिया चल रही है.
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डॉ. इन्द्र्जीत सिंह ने किसान तक को बताया कि देश में करीब 71 वेटरनरी कॉलेज हैं. यह सभी अलग-अलग कोर्स की डिग्री दे रहे हैं. कुछ और नए कॉलेज खुलने जा रहे हैं. अगर हम सिर्फ अपनी यूनिवर्सिटी की ही बात करें तो हमारे यहां साइंस स्ट्रीम से 12वीं करने वाला छात्र नीट क्लीयर करने के बाद वेटनेरियन की डिग्री ले सकता है. अगर नीट के अलावा बात करें तो साइंस स्ट्रीम वाले छात्र एनीमल बॉयो टेक्नोलाजी में बीटेक कर सकते हैं. फिशरीज साइंस में डिग्री ले सकते हैं. इतना ही नहीं अगर आपने 12वीं गणित से की है तो आप डेयरी एक्सपर्ट भी बन सकते हैं. इसके लिए हमारे यहां एडमिशन की प्रक्रिया चल रही है. 12वीं की मेरिट के आधार पर एडमिशन लिए जाते हैं.
डॉ. इन्द्रगजीत सिंह ने बताया कि आज इस फील्ड की हकीकत यह है कि इतने सारे वेटनरी कॉलेज होने के बाद भी इस फील्ड की जरूरत को पूरा नहीं कर पा रहे हैं. बात सरकारी नौकरी की हो या फिर प्राइवेट प्रेक्टिस की हर जगह वेटनेरियन और पैरा वेट टेक्नीमशियन की जरूरत है. बहुत सारे वेटनेरियन तो सरकारी नौकरी छोड़कर प्राइवेट प्रेक्टिस कर रहे हैं. हमारे सभी बेस्ट छात्र आज विदेशों में हैं. एक छात्र ने तो अभी यूनिवर्सिटी को 50 लाख रुपये दिए हैं. इसके अलावा एक ने 50 लाख तो एक और छात्र ने एक करोड़ रुपये देने की घोषणा की है.
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पंजाब में ही अभी 400 पोस्ट भरी गई हैं. 300 पोस्ट और जल्द ही भरी जाएंगी. ऐसा कोई राज्य नहीं है जहां पशुपालन से ज्यादातर किसान न जुड़े हों. डेयरी और फिशरीज में लोग आ रहे हैं. पोल्ट्री का कारोबार ही देख लिजिए कहां से कहां पहुंच गया है. यहां भी वेटनेरियन और पैरा वेट टेक्नीलशियन की जरूरत है.