टमाटर की इन 6 किस्मों से मिलता है अच्छा उत्पादन, जानिए इसके बारे में सब कुछ

टमाटर की इन 6 किस्मों से मिलता है अच्छा उत्पादन, जानिए इसके बारे में सब कुछ

Tomato Farming: खरीफ सीजन शुरू हो चुका है ऐसे में किसान टमाटर की सही किस्मों का चयन कर अच्छा उत्पादन और मुनाफा दोनों कमा सकते हैं. जानिए टमाटर की ऐसी ही 6 किस्मों के बारे में, जिनकी खेती से किसानों अच्छा लाभ मिल सकता है.

टमाटर की इन किस्मों से मिलता है अच्छा उत्पादन टमाटर की इन किस्मों से मिलता है अच्छा उत्पादन
सर‍िता शर्मा
  • Noida,
  • Jun 23, 2023,
  • Updated Jun 23, 2023, 7:17 PM IST

टमाटर की खेती किसानों के लिए अतिरिक्त आय का एक बेहतरीन जरिया है. इसकी कुछ ऐसी किस्में हैं, जिसमें न कीट लगते हैंऔर न ही रोग होता है. इन किस्मों की खेती किसान अच्छा मुनाफा कमा सकते हैं.टमाटर एक ऐसी फसल है, जिसकी मांग बाज़ार में सालभर रहती है. टमाटर की खेती राजस्थान, कर्नाटक, बिहार, उड़ीसा, उत्तरप्रदेश, महाराष्ट्र, मध्यप्रदेश, पश्चिम बंगाल और आंध्रप्रदेश इन राज्यों में की जाती है. टमाटर की फसल औसतन 150 दिनों में तैयार हो जाती है. किसानों को खेती में फायदे हो इसलिए टमाटर की कई किस्में विकसित की गई हैं खरीफ सीजन की शुरुआत हो चुकी है महाराष्ट्र समेत उत्तर प्रदेश में किसानों ने बुवाई करना शुरू कर दिया है.ऐसे में किसान अगर टमाटर के सही किस्म का चुनाव कर अच्छा उत्पादन और गुणवत्ता दोनों पा सकते हैं. 

अर्का रक्षक-(Arka Rakshak)

यह उच्च उपज वाली एफ, संकर किस्म मानी जाती है, जो टमाटर के तीन प्रमुख रोगों, पत्ती मोड़क विषाणु, जीवाणु झुलसा व अगेती धब्बे की प्रतिरोधी है. ये किस्म 140 दिन में तैयार हो जाने वाली टमाटर ये किस्म भी फ़ूड प्रोसेसिंग प्रॉडक्ट्स के लिए उपयुक्त है. इसे किस्म से खेती करने में प्रति हेक्टेयर 75 से 80 टन उत्पादन मिलता हैं.इसके फल चौकोर से गोल, वज़न मध्यम से भारी 75 से 100 ग्राम, दृढ़ तथा गहरे लाल रंग के होते हैं. इसे खरीफ, रबी और गर्मी के मौसम में उगाया जा सकता है. 

अर्का अभेद (Arka Abhed)

ये टमाटर की एक हाइब्रिड किस्म है. इसके पौधे गहरे हरे पत्ते के साथ अर्ध-निर्धारित होते हैं. ये किस्म 140 से 150 दिनों की फसल है. इसका एक फल 90-100 ग्राम वजनी होता है. टमाटर की इस किस्म की खेती से किसान प्रति हेक्टेयर 70 से 75 टन की उपज ले सकते हैं. इस किस्म की रोग प्रतिरोधक क्षमता भी अच्छी है. 

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दिव्या (Divya)

यह टमाटर की संकर किस्म रोपाई से 75 से 90 दिन में फल देने लगती है, यह किस्म पछेता झुलसा और आँख सडन रोग रोधी किस्म है, इसके फल लम्बे समय तक ख़राब नहीं होते है. पैदावार प्रति हेक्टेयर 400 से 500 क्विंटल तक प्राप्त होती है.

अर्का विशेष (Arka Vishesh)

इस किस्म के टमाटर का उपयोग प्यूरी, पेस्ट, केचअप, सॉस, बनाने के लिए किया जाता है. इस किस्म से किसान 750 से 800 क्विंटल प्रति हेक्टेयर का उत्पादन ले सकते हैं. इसके एक फल का वजन 70 से 75 ग्राम का होता है.

पूसा गौरव (Pusa Gaurav)

इस टमाटर की किस्म के फल चिकने मध्यम आकार के तथा पूरी तरह लाल रंग के होते ,है फलों का छिलका मोटा होता है. इसलिए इन्हें दूर बाजारों में बिक्री हेतु भेजा सकता है. इस किस्म के फल डिब्बा बंदी के लिए भी उपयुक्त होते है. इसे बसंत गर्मी और खरीफ के मौसम में उगाया जा सकता है तथा इसकी औसत पैदावार 400 क्विंटल प्रति हेक्टेयर होती है. 

अर्का मेघली (Arka Meghali)

टमाटर की इस किस्म की उत्पादन क्षमता तकरीबन 18 टन प्रति हेक्टेयर है. अगर बात करे इसके फल की तो वो मध्यम आकार का 65 ग्राम वजनी होता है. टमाटर की ये किस्म 125 दिनों में तैयार हो जाती है. ज़्यादा बारिश वाले क्षेत्रों में टमाटर की इस किस्म की खेती की जा सकती है. ये किस्म खरीफ़ मौसम के लिए उपयुक्‍त है. 

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