
चंडीगढ़ में गुरुवार रात किसान संगठनों और सरकार के बीच हुई मीटिंग में कोई नतीजा नहीं निकल पाया. सूत्रों के मुताबिक चंडीगढ़ की बैठक में अब तक की किसान संगठनों और केंद्रीय मंत्रियों की बातचीत नकारात्मक रही. किसान संगठन अपनी मांगों पर पुख्ता ऐलान को लेकर अड़े हैं. आज की बैठक में केंद्र सरकार के तीन मंत्री- पीयूष गोयल, अर्जुन मुंडा और नित्यानंद राय शामिल हुए जबकि किसानों की ओर से 15 संगठनों के नेता शामिल हुए. सूत्रों के मुताबिक, बैठक में आंदोलन और उससे जुड़े सुलह को लेकर कोई रास्ता नहीं निकल पाया.
चंडीगढ़ में बैठक से पहले होटल ताज में केंद्र के मंत्रियों और पंजाब के मुख्यमंत्री भगवंत मान के साथ एक मीटिंग हुई. इस मीटिंग में किसान संगठन का कोई नुमाइंदा शामिल नहीं हुआ. इस मीटिंग में पंजाब सरकार के वित्त मंत्री हरपाल चीमा भी शामिल हुए. इस मीटिंग के बाद केंद्रीय मंत्री किसानों से बैठक के लिए निकले.
सूत्रों के मुताबिक, बैठक में सरकार ने बताया कि फसलों की एमएसपी को रातोंरात कानूनी जामा नहीं पहनाया जा सकता. इसके लिए वक्त चाहिए. सरकार ने यह भी बताया कि पंजाब और हरियाणा के किसानों की गेहूं और धान की उपज की सुनिश्चित खरीद की जाती है. इन दोनों राज्यों में देश में सबसे अधिक गन्ना और कपास का भाव मिलता है. इसके बावजूद यहां के किसान सभी फसलों की एमएसपी के लिए अड़े हुए हैं.
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जगजीत सिंह दल्लेवाल, अध्यक्ष बीकेयू/सिद्धूपुर, शिव कुमार काका, राष्ट्रीय अध्यक्ष आरकेएम, जरनैल सिंह, अध्यक्ष बीकेयू/खेती बचाओ, सुरजीत फुल, अध्यक्ष, बीकेयू/क्रांतिकारी, सरवन सिंह पंधेर, समन्वयक केएमएम, अमरजीत सिंह मोहरी, अध्यक्ष, बीकेयू/शहीद भगत सिंह, सुखजिंदर खोसा, अध्यक्ष, बीकेयू/खोसा, मंजीत राय, अध्यक्ष दोआबा किसान यूनियन, बलवंत सिंह बेहरामके, अध्यक्ष, बीकेयू/बेहरामके, जसविंदर सिंह लोंगोवाल, अध्यक्ष, बीकेयू/एकता आज़ाद, कुरुबु शांता कुमार, अध्यक्ष, कर्नाटक, गन्ना किसान संघ, बचित्तर सिंह कोटला, अशोक बुलारा, लखविंदर सिंह औलख.
दूसरी ओर, नौ नेता ऐसे हैं जो मौजूदा आंदोलन से गायब हैं. इनमें शामिल हैं-योगेंद्र यादव, गुरनाम सिंह चढूनी, बलबीर सिंह राजेवाल, मंजीत राय, डॉ दर्शन पाल, शिव कुमार कक्का, जिगिंदर सिंह उगराहां, राकेश टिकैत, डॉ वीएम सिंह.
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हालांकि गुरनाम सिंह चढूनी का संगठन इस आंदोलन को समर्थन दे रहा है. किसानों के प्रदर्शन पर किसान नेता गुरनाम सिंह चढ़ूनी का कहना है, 'आज तीन फैसले लिए गए, पहला ये कि हम कल 3 घंटे के लिए हरियाणा को टोल फ्री रखेंगे, दोपहर 12 बजे से शाम 3 बजे तक...परसों ट्रैक्टर रैली होगी हर तहसील में परेड, 18 फरवरी को दोपहर 12 बजे से सभी किसान और मजदूर संगठनों की संयुक्त बैठक होगी...उसी बैठक में आगे के फैसले लिए जाएंगे..."
किसानों के विरोध प्रदर्शन पर हरियाणा के सीएम मनोहर लाल खट्टर का कहना है, ''...मांग उठाना और दिल्ली जाना हर किसी का अधिकार है लेकिन मकसद देखना होगा. हमने यह सब पिछले साल देखा है, कैसे एक दृश्य बनाया गया और उन्होंने विभिन्न सीमाओं पर कब्जा कर लिया, जिससे सभी के लिए समस्याएं पैदा हुईं... जिस तरह से वे विरोध कर रहे हैं, उससे हमें आपत्ति है...ट्रैक्टर परिवहन का साधन नहीं है, वे बसों या ट्रेनों में आ सकते हैं. चर्चा लोकतांत्रिक तरीके से होनी चाहिए ताकि किसी समाधान तक पहुंचा जा सके...''