देशभर के प्रमुख गेहूं उत्पादक राज्यों में चालू रबी सीजन सीजन में बंपर उपज होने का अनुमान है. वर्तमान समय में भी ज्यादातर राज्यों की मंडियों में गेहूं की कीमतें न्यूनतम समर्थन मूल्य (एमएसपी) से बहुत ऊपर चल रही है. हालांकि, कुछ मंडियों में दाम एमएसपी से नीचे भी है. प्रमुख गेहूं उत्पादक राज्यों में शामिल मध्य प्रदेश में किसानों को उपज की काफी अच्छी कीमत मिल रही है. वहीं, 1 मार्च से उत्तर प्रदेश और मध्य प्रदेश में गेहूं की एमएसपी पर सरकारी खरीद शुरू होने जा रही है. रबी सीजन 2025-26 के लिए गेहूं का एमएसपी 2425 रुपये प्रति क्विंटल तय किया गया है, जबकि वर्तमान एमएसपी 2275 रुपये प्रति क्विंटल है. जानिए यूपी और एमपी की मंडियों में गेहूं का भाव…
मंडी | वैरायटी | न्यूनतम कीमत (रु./क्विंटल) | अधिकतम कीमत (रु./क्विंटल) | औसत कीमत (रु./क्विंटल) |
बदनावर | मिल क्वालिटी | 3000 | 3000 | 3000 |
बदनावर | अन्य | 2665 | 3090 | 2735 |
भीकनगांव | अन्य | 2544 | 3011 | 2764 |
देवास | अन्य | 2030 | 3070 | 2790 |
गंजबासौदा | मालवा शक्ति | 3045 | 3045 | 3045 |
गुना | 3340 | 4300 | 3505 | |
जावरा | मिल क्वालिटी | 2730 | 2730 | 2730 |
जावरा | अन्य | 2531 | 3069 | 2800 |
मूंदी | अन्य | 2145 | 2901 | 2500 |
बैरसिया | मिल क्वालिटी | 2000 | 2949 | 2700 |
अंजद | NA | 2600 | 2600 | 2600 |
महिदपुर | NA | 2012 | 2012 | 2012 |
अशाेक नगर | NA | 2965 | 4250 | 3500 |
मंडी | वैरायटी | न्यूनतम कीमत (रु./क्विंटल) | अधिकतम कीमत (रु./क्विंटल) | औसत कीमत (रु./क्विंटल) |
अछल्दा | दड़ा | 2900 | 3050 | 2980 |
अछनेरा | दड़ा | 2980 | 3110 | 3050 |
ऐट, जालौन | दड़ा | 3000 | 3049 | 3020 |
अजुहा | दड़ा | 2880 | 2950 | 2930 |
अकबरपुर | दड़ा | 2250 | 2400 | 2300 |
अलीगढ़ | दड़ा | 2980 | 3020 | 3000 |
इलाहाबाद | दड़ा | 2970 | 3050 | 3000 |
बस्ती | दड़ा | 2700 | 2930 | 2880 |
थोक मंडियों में ही गेहूं की कीमतें आसमान छू रही हैं. ऐसे में आम उपभोक्ता तक पहुंचते-पहुंचते इसकी कीमतें और बढ़ रही हैं. ऐसे में सरकार गेहूं की कीमतों को कंट्रोल करने की कोशिश कर रही है. हाल ही में सरकार ने इसे लेकर कुछ कदम उठाए है. पहला यह कि सरकार ने OMSS के तहत साप्ताहिक ई-नीलामी में गेहूं की बिक्री की मात्रा बढ़ा दी. वहीं, गेहूं के स्टॉक को लेकर भी नई सीमाएं तय की है, ताकि व्यापारी वर्ग अधिक भंडारण न कर सके. वहीं, अब जल्द ही नई उपज बाजार पहुंचने से भी कीमतों पर थोड़ा असर पड़ने की संभावना है. हालांकि, अगर कीमतें थोड़ी कम होती भी हैं तो किसानों को इससे नुकसान नहीं होगा.