देशभर में सोयाबीन की खरीदी अभी भी जारी है. लेकिन कीमतें अभी भी एमएसपी के नीचे बरकरार हैं. वहीं इस बीच पशुआहार- सोयाबीन की खली के निर्यात को लेकर अच्छी खबर सामने आई है. दिसंबर में सोयाबीन खली के निर्यात में मामूली बढ़त दर्ज की गई है. जर्मनी और नीदरलैंड में मांग बढ़ने से सोयाबीन खली का निर्यात मामूली रूप से बढ़कर 2.77 लाख टन पहुंच गया, जबकि दिसंबर 2023 में इसका निर्यात 2.74 लाख टन था.
वहीं, इस सीजन अक्टूबर और नवंबर के दौरान निर्यात में गिरावट दर्ज की गई. सोयाबीन प्रोसेसर्स एसोसिएशन ऑफ इंडिया (SOPA) की ओर से जारी ताजा आंकड़ों के मुताबिक, घरेलू पशुधन चारा सेक्टर की ओर से उठाव 5.5 लाख टन पर स्थिर रहा.
दिसंबर 2024 में उक्त देशों सबसे ज्यादा एक्सपोर्ट हुआ.
अनुमान के मुताबिक, दिसंबर के आखिरी तक सोयाबीन की बाजार आवक 46 लाख टन रह सकती है. अगर यह अनुमान सही साबित हुआ तो यह एक साल पहले 52 लाख टन की तुलना में 11 प्रतिशत कम होगा. वैश्विक रुझान के मुताबिक घरेलू बाजार में कीमतों में मंदी का रुख जारी है.
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बाजार में कम आवक के चलते अक्टूबर से दिसंबर के दौरान सोयाबीन खली का उत्पादन 14 प्रतिशत गिरकर 24.07 लाख टन रह गया, जबकि एक साल पहले उत्पादन 28.01 लाख टन था. इस अवधि के दौरान चारे की खपत में भी गिरावट देखी गई, जो 18.50 लाख टन से गिरकर 17 लाख टन रह गई.
बता दें कि सोयाबीन उगाने वाले प्रमुख राज्यों में सोयाबीन की कीमतें एमएसपी से नीचे चल रही हैं. सरकार ने सोयाबीन के लिए 4,892 रुपये प्रति क्विंटल एमएसपी सेट किया है, लेकिन किसानों को बहुत कम कीमत पर अपनी उपज बेचनी पड़ रही है.
सोमवार को मध्य प्रदेश के बाजारों में सोयाबीन की मॉडल कीमतें 3,500 रुपये से 4,400 रुपये प्रति क्विंटल के बीच दर्ज की गईं. सरकारी एजेंसियां अब तक 8.84 लाख टन सोयाबीन खरीद चुकी हैं.