दुनिया की सबसे बड़ी सहकारी संस्था इंडियन फार्मर्स फर्टिलाइजर कोऑपरेटिव लिमिटेड (इफको) ने भले ही नैनो यूरिया का एक्सपोर्ट शुरू कर दिया है, लेकिन डेनमार्क के दो वैज्ञानिकों ने निर्माता के दावे के अनुसार उत्पाद की प्रभावकारिता पर सवाल उठाए हैं. घरेलू मोर्चे पर नैनो यूरिया पर कई जगहों पर सवाल उठाए गए हैं लेकिन पहली बार अंतरराष्ट्रीय स्तर पर इसे लेकर किसी ने विवाद को जन्म दिया है. इन वैज्ञानिकों ने स्वतंत्र निकायों द्वारा वैज्ञानिक शोध कराने की मांग की है कि क्या नैनो यूरिया का पौधों के विकास पर सकारात्मक प्रभाव पड़ता है. पड़ता है तो किस हद तक. हालांकि, भारतीय उर्वरक उद्योग ने इस शोध पत्र की मंशा पर सवाल उठाए हैं. मुद्दा ये है कि क्या कुछ देश भारत की इस खोज से जल रहे हैं?