Himachal Tea: नाम और स्वाद के मामले में किसी भी दूसरी चाय से कम नहीं है. यही वजह है कि अरब और यूरोप देशों (Arab-Europe) के साथ ही दूसरे देश भी इस चाय को बहुत पंसद करते हैं. इस चाय को जीआई टैग (GI-Tag) का दर्जा भी मिल चुका है. इस चाय की पहचान हिमाचल प्रदेश की कांगड़ा टी के नाम से है. यहां 150 साल पुराने चाय के पौधे आज भी लगे हुए हैं. बेशक इसके मुकाबले उत्पादन और इस्तेमाल असम और दर्जीलिंग की चाय का ज्यादा है, लेकिन कांगड़ा टी (Kangra Tea) की अपनी एक पहचान है.