मध्य प्रदेश में 2 दिसंबर से धान की सरकारी खरीद शुरू हो गई है. राज्य के क्रय केंद्रों और बालाघाट समेत कई मंडियों पर किसान धान से भरे ट्रैक्टर लेकर पहुंच गए हैं. जबकि, कुछ इलाकों में क्रय केंद्रों पर गिने-चुने किसान ही अपनी फसल बिक्री के लिए पहुंचे थे. राज्य सरकार ने न्यूनतम समर्थन मूल्य यानी एमएसपी पर किसानों से उनकी उपज खरीद की घोषणा की थी, जिसके लिए सितंबर महीने से ही किसानों के रजिस्ट्रेशन शुरू कर दिए गए थे. किसानों को धान खरीद का भुगतान सीधे उनके खाते में 24 घंटे के अंदर किया जाएगा.
मध्य प्रदेश सरकार ने अगस्त में धान खरीद की तारीखों की घोषणा कर दी थी, जिसके तहत तय तिथि 2 दिसंबर 2024 से राज्य में धान की सरकारी खरीद शुरू कर दी गई है. राज्य सरकार ने किसानों से 45 लाख टन धान खरीद का टारगेट रखा है. किसान अपनी धान की बिक्री 20 जनवरी 2024 तक कर सकते हैं.
धान खरीद के लिए मध्य प्रदेश सरकार ने राज्यभर में 1412 से अधिक खरीद केंद्र बनाए हैं. इन केंद्रों पर किसान पूरे सप्ताह में सोमवार से शुक्रवार तक धान की फसल क्रय केंद्रों पर बेच सकेंगे. राज्य के बालाघाट में किसान सोमवार को धान से भरे ट्रैक्टर लेकर पहुंचे. यहां पहले दिन 185 टन धान की खरीद की गई. हालांकि, कई खरीद केंद्रों किसानों की संख्या कम देखी गई.
केंद्र और राज्य सरकार की ओर से धान के लिए न्यूनतम समर्थन मूल्य की घोषणा कर दी गई है. राज्य सरकार ने धान कॉमन का न्यूनतम समर्थन मूल्य 2300 रुपये प्रति क्विंटल और धान ग्रेड-ए का एमएसपी 2320 रुपये प्रति क्विंटल तय किया है. यही कीमत राज्य के किसानों को भी धान बेचने के लिए दी जा रही है. समर्थन मूल्य पर धान की खरीदी के बाद भुगतान, किसान पंजीयन के दौरान आधार नंबर से लिंक बैंक खाते में किया जायेगा.
गोदाम स्तर पर धान की क्वालिटी की टेस्टिंग खरीद एजेंसी के क्वालिटी सर्वेयर के जरिए स्टेक लगाने के पहले किया जायेगा. परिवहनकर्ता और खरीद एजेंसी की ओर से खरीदी गई धान का परिवहन समय-सीमा में नहीं करने पर पेनाल्टी की व्यवस्था साप्ताहिक रूप से की जायेगी. धान खरीद अवधि के दौरान पड़ोसी राज्यों से खरीद केंद्रों पर लायी जाने वाली उपज की अवैध बिक्री रोकने के लिये समुचित कार्रवाई के निर्देश कलेक्टर्स को दिये गये हैं.
किसानों के रजिस्ट्रेशन और खरीद-बिक्री में आने वाली तकनीकी समस्याओं के समाधान के लिये जिले में और राज्य स्तर पर भी तकनीकी सेल का गठन किया गया है. जिला स्तरीय समिति उपार्जन संबंधी सभी विवादों का अंतिम निराकरण तथा खरीदी गई धान की क्वालिटी की निगरानी करेगी. किसानों की मदद के लिए राज्य स्तर पर एक कंट्रोल रूम भी बनाया गया है, यहां पर हेल्पलाइन नंबर 𝟎𝟕𝟓𝟓-𝟐𝟓𝟓𝟏𝟒𝟕𝟏 पर सुबह 𝟗 से रात 𝟕 बजे तक शिकायत या समाधान के लिए फोन किया जा सकता है.