बकरी पालन किसानों के लिए काफी फायदेमंद होता है. इसे किसानों का एटीएम कहा जाता है और बकरी को गरीबों की गाय कहा जाता है. ऐसा इसलिए कहा जाता है क्योंकि इसे कभी भी बेचकर किसान अपनी छोटी-मोटी जरूरतों को पूरा कर सकते हैं. इसका पालन करने में लागत कम आती है, इसलिए यह अधिक फायदेमंद माना जाता है. बिहार में भी बकरी पालन को बढ़ावा देने के लिए प्रयास किए जा रहे हैं. इसी के तहत बिहार में उन्नत बकरी पालन के विकास के लिए मथुरा के बाद पटना में बकरा सीमेन बैंक तैयार किया जा रहा है.
नेशनल लाइव स्टॉक मिशन के तहत यह सीमेन बैंक तैयार किया जा रहा है. इसका निर्माण राष्ट्रीय पशुधन मिशन के 1.55 करोड़ रुपये की लागत से किया जा रहा है. बिहार पशु चिकित्सा महाविद्यालय बकरी प्रक्षेत्र परिसर में इसका निर्माण किया जा रहा है. पटना में बन रहा यह बकरा सीमेन बैंक बिहार, बंगाल और झारखंड का पहला सीमेन बैंक होगा. इस सीमेन बैंक में ब्लैक बंगाल नस्ल के बकरे के सीमेन को रखा जाएगा. ब्लैक बंगाल को पूर्वी भारत के राज्यों के वातावरण के अनुसार सबसे बेहतरीन नस्ल माना जाता है.
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इस सीमेन बैंक की क्षमता पांच हजार स्ट्रॉ की होगी. जानकारी के अनुसार दिसंबर महीने से यह सीमेन बैंक चालू हो जाएगा. बिहार वेटनरी कॉलेज के डीन जेके प्रसाद ने बताया कि यह सीमेन बैंक बिहार राज्य के लिए बहुत उपयोगी होगा क्योंकि बिहार में ऐसा कोई भी लैब नहीं है जहां पर बकरियों में कृत्रिम गर्भाधान करने के लिए सीमेन उपलब्ध हो. उन्होंने आगे कहा कि यहां पर ब्लैक बंगाल के सबसे बेहतरीन किस्मों के बकरे को रखा जाएगा. साथ ही कृत्रिम गर्भाधान करने का प्रशिक्षण भी यहां पर दिया जाएगा.
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बिहार के बाजार में ब्लैक बंगाल नस्ल की सबसे अधिक मांग है. इसकी प्रजनन क्षमता भी अधिक होती है. अगर प्रजनन क्षमता बढ़ेगी तो इससे मेमनों, मांस और दूध सबका उत्पादन प्रदेश में बढ़ेगा. इससे छोटे किसान और पशुपालक लाभान्वित होंगे. इसे देखते हुए प्रोजेक्ट के तहत राज्य के 10 हजार किसानों को मुफ्त में सीमेन दिया जाएगा. इससे पहले बकरी के स्वास्थ्य की पूरी जांच की जाएगी.