उत्तर प्रदेश में बारिश की वजह से जहां लोगों को भीषण गर्मी और उमस से राहत मिली है. वहीं, आकाशीय बिजली ने मौत का कहर भी बरपाया है. राहत आयुक्त जीएस नवीन कुमार ने बताया कि 2022-23 में उत्तर प्रदेश के 52 जिलों में बिजली गिरने से 301 लोगों की मृत्यु हो गई थी. वहीं 2023-24 में जुलाई तक 36 जिलों में 174 जानें बिजली गिरने की वजह से जा चुकी हैं. उन्होंने बताया कि पहले सोनभद्र जैसे जिलों में बिजली गिरने से काफी मौतें होती थीं, लेकिन अब गाजीपुर जैसे जिले इससे सबसे ज्यादा प्रभावित हैं.
मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने बिजली गिरने से हुई जनहानि की घटनाओं पर गहरा शोक जताया है. उन्होंने दिवंगतों के स्वजनों को 4-4 लाख रुपये की राहत राशि तत्काल वितरित करने का निर्देश दिया है. मृतकों के शोक संतप्त स्वजनों के प्रति संवेदना व्यक्त करते हुए उन्होंने इस आपदा में घायल हुए लोगों का समुचित उपचार कराने का भी निर्देश दिया है.
आसमान में धनात्मक और ऋणात्मक आवेशित बादल उमड़ते-घुमड़ते हुए जब एक-दूसरे के पास आते हैं तो टकराने (घर्षण) से उच्च शक्ति की बिजली उत्पन्न होती है. इससे दोनों तरह के बादलों के बीच हवा में विद्युत-प्रवाह गतिमान हो जाता है. विद्युत-धारा प्रवाहित होने से रोशनी की तेज चमक पैदा होती है. ट्रफ लाइन के पास वज्रपात की आशंका अत्यधिक होती है.
आकाशीय बिजली से बचने के लिए कोई सुरक्षित जगह नहीं है. फिर भी सबसे बेहतर होगा कि इस दौरान घर के अंदर रहें. बिजली की आवाज सुनते ही घर के अंदर चले जाएं. आकाश में बिजली गजरने पर मेटल, मैटेलिक पाइप, इलेक्ट्रिकल सिस्टम, टीवी या केबल वायर और पानी को न छुएं. इनसे खतरा बढ़ता है क्योंकि ये कंडक्टर की तरह काम करते हैं.
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कभी भी जमीन पर न लेटें, क्योंकि सतह पर करंट तेजी से फैलता है. ऐसा होने पर बिजली गिरने का खतरा और भी बढ़ जाता है. सीधेतौर पर जमीन से जितना खुद को बचाएंगे उतना बेहतर है. अपने हाथों को कानों पर रखें ताकि बादलों के गरजने की आवाज परेशान न कर सके. पैरों की एड़ी को जोड़कर रखें. ऐसा करने पर करंट लगने का खतरा कम हो सकेगा.