Agri Quiz: किस सब्जी की वैरायटी है Kuku, खरीफ में कैसे करते हैं इसकी खेती

Agri Quiz: किस सब्जी की वैरायटी है Kuku, खरीफ में कैसे करते हैं इसकी खेती

मार्केट में पूरे साल हरी सब्जियों की डिमांड रहती है. साथ ही कई सब्जियों की ऐसी किस्में हैं जो उनकी खासियत को बढ़ा देती हैं. ऐसे में आइए जानते हैं कि किस सब्जी की किस्म है कुकू और कैसे करते हैं इसकी खेती.

सब्जी की वैरायटीसब्जी की वैरायटी
संदीप कुमार
  • Noida,
  • May 16, 2024,
  • Updated May 16, 2024, 4:02 PM IST

सब्जी सेहत के लिए फायदेमंद मानी जाती है. लोग पूरे साल खुद को सेहतमंद रखने के लिए अलग-अलग प्रकार की सब्जियों को खाते हैं. मार्केट में भी पूरे साल हरी सब्जियों की डिमांड रहती है. साथ ही कई सब्जियों की ऐसी किस्में हैं जो उनकी खासियत को बढ़ा देती हैं. ऐसे में आइए जानते हैं कि किस सब्जी की किस्म है कुकू और कैसे करते हैं इसकी खेती. आपको बता दें, पूरे साल बाजार में मिलने वाली सब्जी बैंगन की किस्म है कुकू.

बैंगन की इस किस्म की किसानों में खूब डिमांड रहती है. किसान इस किस्म की खेती कर बेहतर उपज और कमाई करते हैं. ऐसे में आइए जानते हैं कुकू की क्या है खासियत और कैसे करें इसकी खेती.

कुकू किस्म की खासियत

बैंगन की कुकू किस्म एक अगेती किस्म है. इस किस्म की खेती खरीफ सीजन में करना उपयुक्त माना जाता है. इस किस्म की खेती करने पर 100-110 दिनों में फसल तैयार हो जाती है. बैंगन की यह किस्म बेहद अच्छी पैदावार देती है. वहीं इसका औसत उत्पादन 300 क्विंटल प्रति हेक्टेयर होता है.

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बैंगन का उपयोग और कमाई

लोग अपने घरों में बैंगन के कई स्वादिष्ट व्यंजन बनाते हैं. इसमें बैंगन का भर्ता, सब्जी के अलावा कई चीजें हैं. वहीं खेती-किसानी की बात करें तो बैंगन लंबे समय तक उपज देने वाली फसल है. लेकिन ज्यादातर किसान इसे वार्षिक पौधे के रूप में लगाते हैं. वहीं बैंगन में भरपूर मात्रा में पोषक तत्व भी होते हैं. इसमें कम कैलोरी में विटामिन, आयरन और फाइबर पाए जाते हैं. ऐसे में यदि किसान इसकी व्यावसायिक खेती करें तो अच्छा मुनाफा कमा सकते हैं.

कैसे करें खेत की तैयारी?

खरीफ सीजन में बैंगन की कुकू किस्म की खेती करने के लिए खेत की पहली जुताई मिट्टी पलटने वाले हल से करनी चाहिए, उसके बाद 3-4 बार हैरो या देशी हल चलाकर पाटा लगाना चाहिए. इसके बाद रोपाई से दस से पंद्रह दिन पहले खेत में सड़ी हुई गोबर की खाद डालनी चाहिए. इसके अलावा प्रति हेक्टेयर 120 ग्राम नाइट्रोजन, 60 ग्राम फास्फोरस और 80 ग्राम पोटाश मिलाकर अंतिम जुताई करनी चाहिए.

वहीं इसकी खेती के लिए 12-15 सेमी लंबी चार पत्तियों वाले पौधे रोपाई के लिए उपयुक्त होते हैं. बैंगन की रोपाई शाम को करनी चाहिए. पौधे की रोपाई करते समय ये ध्यान दें कि पौधे से पौधे की दूरी 60 सेमी होनी चाहिए. फिर रोपाई करने के बाद हल्की सिंचाई करें.

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