मई महीने की शुरुआत हो चुकी है. इस बीच देश के कई राज्यों के किसान अब खरीफ की प्रमुख फसल धान की खेती की तैयारी में लग गए है. किसान अब खेतों की तैयारी करके धान की नर्सरी यानी बिचड़ा डालने लगे हैं. लेकिन कई बार किसान धान की खेती में सिंचाई सहित कई सावधानियां बरतते हैं लेकिन फिर भी अच्छी पैदावार नहीं मिलती. इसका कारण है सही मिट्टी की पहचान करना. दरअसल, किसानों को खेती से पहले ये जानकारी जरूर होनी चाहिए कि किस फसल के लिए कौन सी मिट्टी बेस्ट होती है. ऐसे में अगर आप बासमती धान की खेती करने वाले हैं तो ये मालूम होना चाहिए की आखिर इसकी खेती के लिए कौन सी मिट्टी बेस्ट है. आइए जानते हैं.
बासमती धान की खेती के लिए सबसे अच्छी मिट्टी दोमट मिट्टी होती है, जिसमें पानी सोखने की क्षमता कम होती है. यह मिट्टी धान की खेती के लिए एक आदर्श विकल्प है क्योंकि यह फसलों को पर्याप्त मात्रा में पोषक तत्व देती है और पानी के उचित जल निकास के लिए भी उपयुक्त है. ऐसे में जो किसान बासमती की खेती करना चाहते हैं वो दोमट मिट्टी का ही चुनाव करें.
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यह मिट्टी रेत, मिट्टी और साल्ट का मिश्रण है जो पानी के उचित जल निकासी और पोषक तत्वों की उपलब्धता सुनिश्चित करती है. इसके अलावा दोमट मिट्टी में पानी सोखने की क्षमता कम होती है, जो धान के लिए फायदेमंद है क्योंकि यह पानी के अधिक जमाव को रोकता है, जो धान की जड़ों के लिए हानिकारक हो सकता है.
बासमती धान की खेती दोमट मिट्टी के अलावा अन्य प्रकार की मिट्टी में भी की जा सकती है. जैसे कि रेतीली मिट्टी भी बासमती धान की खेती के लिए उपयुक्त हो सकती है, लेकिन दोमट मिट्टी को सबसे अच्छा माना जाता है. इसलिए किसान बासमती धान की अधिक पैदावार के लिए दोमट या रेलिती मिट्टी में ही खेती करें.
धान की खेती करने के लिए सबसे पहले खेत को तैयार करना होता है. इसके लिए किसान खेत को अच्छी तरह से जोतकर समतल करें. अगर धान की सीधी बुवाई कर रहे हैं तो खेत में हल्की नमी बनाए रखें. साथ ही अगर परंपरागत तरीके से रोपाई कर रहे हैं तो खेत में पानी जमा कर दें. वहीं, सीधी बुवाई के लिए बीज को खेत में सीधे बुवाई करें, जैसे कि गेहूं की बुवाई करते हैं. इसके साथ ही रोपाई के लिए नर्सरी में उगाए गए धान के पौधों की खेत में रोपाई करें.