ग्रामीण पर्यटन के क्षेत्र में उत्तर प्रदेश काफी तेजी से आगे बढ़ रहा है. देश के सर्वश्रेष्ठ 35 पर्यटन गांव का चयन हुआ है जिसमें वाराणसी का रामेश्वर गांव भी शामिल है. यह गांव कई मायनों में खास है क्योंकि यहां के ज्यादातर किसान जैविक खेती करते हैं और यहां बड़े पैमाने पर लोगों के द्वारा गो -पालन भी किया जा रहा है. इस गांव से प्रतिदिन 1800 लीटर दूध का उत्पादन हो रहा है. वाराणसी के पिंडरा तहसील स्थित रामेश्वर गांव पंचकोसी परिक्रमा पथ का तीसरा पड़ाव भी है. यहां हर साल लाखों की संख्या में श्रद्धालु आते हैं. वाराणसी के इस गांव को लोकप्रिय ग्रामीण पर्यटन स्थल बनाने के लिए उत्तर प्रदेश सरकार विशेष प्रयास कर रही है. प्रदेश में सरकार के द्वारा ग्रामीण पर्यटन के लिए 229 गांव का चयन किया गया है.
ग्रामीण पर्यटन को बढ़ाने के लिए केंद्र सरकार के साथ-साथ उत्तर प्रदेश सरकार भी इन दोनों काम कर रही है. वाराणसी का रामेश्वर गांव का चयन देश के सर्वश्रेष्ठ 35 गांव में होने के बाद गांव में खुशी का माहौल है. यह गांव दूसरे गांव से कई महीनो में अलग है क्योंकि यहां पर किसानों के द्वारा प्राकृतिक खेती के साथ-साथ गो -पालन के जरिए प्रतिदिन 1800-2000 लीटर दूध का उत्पादन किया जा रहा है. उत्तर प्रदेश के पर्यटन एवं संस्कृति मंत्री जयवीर सिंह ने बताया कि राज्य सरकार पर्यटन एवं प्राकृतिक खेती को लोकप्रिय बनाने के लिए गंगा किनारे स्थित विकास खंड में किसानों को प्राकृतिक खेती के लिए प्रोत्साहित कर रही है. प्रदेश में ग्रामीण पर्यटन को बढ़ावा देने के लिए 229 गांव का चयन किया जा चुका है. उन्होंने बताया कि वाराणसी में वरुणा नदी के तट पर रामेश्वर गांव का चयन इन गावों में किया गया है.
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उत्तर प्रदेश के वाराणसी के पिंडरा तहसील में वरुणा नदी के किनारे स्थित रामेश्वर गांव का चयन देश की 35 सर्वश्रेष्ठ गांव में ऐसे ही नहीं हुआ है बल्कि इसके लिए तीन चरण की परीक्षा इस गांव को गुजरना पड़ा. पूरे देश से 315 जिलों से 795 आवेदन प्राप्त हुए थे. प्रतियोगिता को जिला ,राज्य और राष्ट्रीय तीन चरणों में विभाजित किया गया था. आवेदक को पहले जिला स्तर पर मूल्यांकन किया गया फिर जिले के सर्वश्रेष्ठ पर्यटन गांव का चयन किया गया जिनका राज्य और राष्ट्रीय स्तर पर मूल्यांकन किया गया, फिर भारत के सर्वश्रेष्ठ 35 पर्यटन गांव का चयन हुआ. इन गांवों के चयन होने से यहां ग्रामीणों को रोजगार के अवसर मिलेंगे तो वहीं पर्यटकों के लिए एक नया अनुभव भी होगा. पर्यटक ग्रामीण जीवन और खेती किसानी को नजदीक से देख सकेंगे.