Sugar Mill Scam: यूपी की इस चीनी मिल में हुआ करोड़ों का घोटाला, एक्‍शन में आई योगी सरकार

Sugar Mill Scam: यूपी की इस चीनी मिल में हुआ करोड़ों का घोटाला, एक्‍शन में आई योगी सरकार

Sugar Mill Scam: एक ओर जहां सरकार किसानों की भलाई के लिए काम करने के लिए पैसे खर्च कर रही है तो वहीं, कई भ्रष्‍ट लोग उस विकास की धनराशि पर गिद्ध दृष्टि लगाए बैठें रहते हैं. ऐसा ही मामला यूपी के बस्‍ती जिले की मुंडेरवा चीनी मिल से सामने आया है, जहां किसानोें की भलाई के 12 करोड़ रुपये का घोटाला कर चट कर दिया गया. अब मामले में योगी सरकार ने एक्‍शन लिया है.

Basti CHini Mill ScamBasti CHini Mill Scam
संतोष स‍िंह
  • Basti,
  • May 28, 2025,
  • Updated May 28, 2025, 7:22 PM IST

उत्तर प्रदेश के बस्ती जिले में गन्ना किसानों के सपनों को छलनी करने वाला एक बड़े आर्थिक अपराध का मामला सामने आया है, जहां 27 साल बाद शुरू हुई मुंडेरवा चीनी मिल में गन्ना विकास के नाम पर करीब 12 करोड़ के ‘घोटाले’ का पर्दाफाश हुआ है. आरोप है कि इस घोटाले को 2021 से 2023 के बीच अंजाम दिया गया और अब योगी सरकार ने इस मामले में कार्रवाई शुरू की है. कार्रवाई के क्रम में मिल के तत्कालीन मुख्य गन्ना प्रबंधक कुलदीप द्विवेदी को तत्काल प्रभाव से निलंबित कर दिया गया है.

कार्रवाई सिर्फ एक व्यक्ति तक सीमित नहीं है, बल्कि इसमें मिल के पूर्व चार्टर्ड अकाउंटेंट रवि प्रभाकर और वर्तमान में यह काम देख रहे रूपेश कुमार मल्ल को भी आरोप पत्र जारी किए गए हैं. इन सभी पर काम में घोर लापरवाही और सक्रिय रूप से फर्जीवाड़े में शामिल होने के आरोप हैं. घोटाले में वर्तमान में सेवा दे रहे अधिकारियों के अलावा सेवानिवृत्त अधिकारियों को भी लपेटे में लिया गया है.

कैसे हुआ 12 करोड़ का घोटाला?

बताया जा रहा है कि मिल के पूर्व जीएम बृजेंद्र द्विवेदी (सेवानिवृत्त) की पेंशन रोक दी गई है. इसके अलावा उत्तर प्रदेश चीनी निगम में प्रधान प्रबंधक परियोजना के तौर पर तैनात एस.के. मेहरा को उनके पद से तत्काल हटा दिया गया है. अब ऐसे में सबसे बड़ा सवाल यह है कि आखिर यह 12 करोड़ रुपये का घोटाला कैसे हुआ? जांच में सामने आया है कि वर्ष 2021 से 2023 के बीच मुंडेरवा चीनी मिल के अधिकारियों ने कानपुर की एक निजी एजेंसी "लीनिंग सिक्यूरिटी सर्विस" के साथ मिलकर इस बड़े फर्जीवाड़े को अंजाम दिया.

यह एजेंसी गन्ने के विकास कार्यों, जैसे उन्नत बीज वितरण, सिंचाई सुविधाओं का विकास और कीट नियंत्रण जैसी महत्वपूर्ण गतिविधियों के लिए अनुबंधित की गई थी. किसान डेवलपमेंट स्कीम के तहत 35000 से लेकर 8000 रुपए प्रति हेक्टेयर तक की दर से कंपनी को भुगतान किया गया. शुरुआती अनुबंध के तहत, इस एजेंसी को मिल के आसपास के 160 गांवों के किसानों के गन्ना विकास संबंधित काम करने थे. लेकिन मिल के अधिकारियों और कंपनी ने मिलकर ज्यादा पैसे हड़पने के लिए बिना किसी आधिकारिक अनुमति या जमीनी काम के, कागजों पर 430 गांवों में गन्ना विकास का काम दिखाया और पेमेंट का भुगतान लिया.

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270 गांवों में फर्जी गन्ना विकास दिखाया

इस तरह उन्‍होंने 270 गांवों में फर्जी गन्ना विकास दिखाकर करोड़ों का भुगतान ले लिया. यहां तक कि घोटालेबाजों ने उन गांवों को भी 'गन्ने के क्षेत्र में विकसित' दिखा दिया, जहां किसानों ने खुद अपनी लागत और मेहनत से गन्ना विकास के संबंध में काम किए थे. पिछले तीन वर्षों से मुंडेरवा चीनी मिल में गन्ना विकास के नाम पर इस 'गोलमाल' की खबरें आ रही थीं, लेकिन कोई ठोस कार्रवाई नहीं हो रही थी.

इसे लेकर भारतीय किसान यूनियन (भाकियू) के प्रदेश सचिव और गन्ना सहकारी समिति के पूर्व चेयरमैन, दीवानचंद्र पटेल लगातार एक्टिव थे. उन्होंने हार नहीं मानी और मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ से तीन बार मुलाकात की. उनकी लगातार कोशिशों के चलते केस की दो बार विस्तृत जांच हुई और तब जाकर घोटाले का पर्दाफाश हुआ. 

किसानों ने की कड़ी कार्रवाई की मांग

किसानों में इस घोटाले को लेकर भारी रोष है और वे दोषियों पर कड़ी से कड़ी कार्रवाई की मांग कर रहे हैं. मुंडेरवा शुगर मिल के जीएम महेंद्र श्रीवास्तव ने इस मामले में कुछ भी बोलने से साफ मना कर दिया और दो टूक कहा कि किसानों के लिए चलाई गई डेवलेपमेंट स्कीम अब बंद है और जो गबन हुआ है उसकी जांच हो रही है. तथ्यों के सामने आने पर कार्रवाई की जाएगी.

वहीं, जिला गन्ना अधिकारी सुनील कुमार ने बताया कि जनपद में पिछले कुछ सालों में गन्ने का रकबा कम हुआ है, गन्ना किसान गन्ने की खेती कम रहे है, जिसको लेकर विभाग की तरफ से उन किसानों को समझाया जा रहा है और गन्ने की खेती को बढ़ावा देने के लिए हर स्तर पर कोशिश जारी है, ताकि गन्ने की खेती में बढ़ोतरी की जा सके.

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