Fisheries: मछलियों को गर्मी से बचाने के लिए तालाब में करने होंगे ये बड़े बदलाव, जानें डिटेल 

Fisheries: मछलियों को गर्मी से बचाने के लिए तालाब में करने होंगे ये बड़े बदलाव, जानें डिटेल 

फिश एक्सपर्ट गर्मियों के दौरान झींगा पालकों को भी खासतौर पर एहतियात बरतने की सलाह देते हैं. झींगा की खुराक, तालाब के पानी का तापमान, पानी का स्तर, तालाब की सफाई आदि पर खास ध्यान देने की जरूरत बताई जाती है. 

प्लास्टिक से बढ़ा सकते हैं मछलियों का साइज
नासि‍र हुसैन
  • NEW DELHI,
  • Apr 29, 2024,
  • Updated Apr 29, 2024, 2:51 PM IST

चढ़ते तापमान का असर तालाब की मछलियों पर भी देखने को मिल रहा है. 40 डिग्री और कहीं-कहीं उससे भी ऊपर पहुंच चुके तापमान के बीच तालाब का पानी भी चाय के पानी जैसा हो जाता है. फिश एक्सपर्ट की मानें तो 31 डिग्री से ऊपर का तापमान मछली के लिए जानलेवा होता है. और इस वक्त तो देशभर के बहुत सारे राज्यों में तापमान 38 से लेकर 42 डिग्री तक पहुंच रहा है. ऐसे में मछलियों के तालाब का पानी उबलने जैसा हो जाता है. पानी तेज गर्म होने के चलते उसमे ऑक्सींजन की मात्रा भी कम हो जाती है. 

खासतौर पर यूपी, मध्य‍ प्रदेश, बिहार, झारखंड, पंजाब, हरियाणा और राजस्थान के मछली पालकों को खासा नुकसान उठाना पड़ रहा है. इसी को देखते हुए फिश एक्सपर्ट अप्रैल से जून तक तालाब में कई तरह के बदलाव करने की एडवाइज देते हैं. 

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26 से 31 डिग्री तक होना रहना चाहिए तालाब का तापमान  

फिश एक्सपर्ट अजय वर्मा ने किसान तक को बताया कि तालाब में ज्यादातर रोहू, कतला, मृंगाल मछली का पालन किया जाता है. गर्मी के इस मौसम में मछलियों को 26 से 31 डिग्री तापमान वाले पानी की जरूरत होती है. लेकिन अभी तापमान भी बढ़ रहा है. 40 से 42 डिग्री तक तापमान पहुंच रहा है. यह मछलियों के लिए बहुत ही खतरनाक होता है. जब गर्म हवाएं चलती हैं तो हालात और भी खराब हो जाते हैं. होता ये है कि तालाब में फाइटो क्लाइंजम (अल्गी) लगी होती है. पानी के अंदर इसी से झींगा को मुख्य रूप से ऑक्सीजन मिलती है. लेकिन तेज गर्मी और गर्म पानी के चलते यह मुरझा जाती है. अब क्योंकि मछली पालन के लिए बिजली कमर्शियल होने के चलते बहुत महंगी है तो मछली पालक तालाब में पंखे और इरेटर बहुत कम चलाते हैं. 

तालाब में ये बदलाव किए तो हेल्दी रहेंगी मछलियां 

अजय वर्मा ने बताया कि मौजूदा और आने वाले मौसम को देखते हुए तालाब के पानी को ठंडा रखने के लिए ये जरूरी है कि खासतौर पर दोपहर 12 बजे से शाम 4 बजे तक पंखे और इरेटर चलाएं. गर्मियों में सूखा खाने को न दें. एक लीटर मीठे फ्रेश पानी में 100 ग्राम गुड़ घोलकर, दो से तीन ग्राम विटामिन सी घोलकर दें.

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ग्लूकोज पाउडर भी खोलकर पिलाया जा सकता है. मछलियों को दी जाने वाली दोपहर की खुराक एकदम कम कर दें. 10 फीसद से ज्यादा खाने को न दें. सुबह-शाम और रात 30-30 फीसद तक खाने को दें. तालाब के पानी की हाईट बढ़ा दें. अगर तालाब में 3.5 फुट पानी है तो उसे पांच से 5.5 फुट कर दें. क्योंकि ऊपर का पानी गर्म भी हो जाएगा तो 3.5 फुट पानी की सतह सामान्य बनी रहेगी.  

 

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