आज के आधिनुक दौर में ऐसे कई उद्योग हैं जो किसानों के लिए काफी फायदेमंद हैं, जिसमें रेशम उद्योग को भी शामिल किया गया है. यह एक ऐसा उद्योग है जिसमें रेशम के कीड़ों द्वारा रेशम का उत्पादन करके किसान बेहतर कमाई करते हैं. सबसे खास बात यह है कि यह कृषि पर आधारित उद्योग है और भारत में कई राज्यों के किसान इससे जुड़े हुए हैं. साथ ही फैशन के इस दौर में सिल्क से बनाए गए कपड़ो की मांग बाजार में तेजी से बढ़ती जा रही है. रेशम का उत्पादन कीड़े के द्वारा होता है. जिसे रेशम कीट पालन या सेरीकल्चर भी कहते हैं. साथ ही इसे कृषि कुटीर उद्योग भी कहते हैं. मगर शायद आप ये नहीं जानते होंगे कि देश में सबसे ज्यादा रेशम कहां से आता है?
रेशम का उत्पादन भारत के लगभग सभी राज्यों में होता है, लेकिन रेशम उत्पादन के मामले में कर्नाटक भारत के सभी राज्यों में सबसे आगे है, जबकि इसके सहित सात राज्य ऐसे हैं, जहां भारत का कुल 91 प्रतिशत रेशम का उत्पादन किया जाता है. रेशम के कीट का पालन करने से किसानों को बेहतर मुनाफा भी होता हैं. ऐसे में आइए जानते हैं कि रेशम उत्पादन के मामले में देश के वो टॉप सात राज्य कौन-कौन से हैं और कितना उत्पादन करते हैं.
रेशम उत्पादन के मामले में, कर्नाटक देश के अन्य सभी राज्यों में अव्वल है. क्योंकि यहां लोग काफी बेहतर तरीके से रेशम के कीट का रखरखाव करते हैं. वहीं कपड़ा मंत्रालय के आंकड़ों के अनुसार देश में कुल उत्पादित होने वाले रेशम उत्पादन में राजस्थान में अकेले 32 प्रतिशत का उत्पादन होता है.
कर्नाटक के उत्पादन में देश के सिर्फ ये सात राज्य अकेले 91 प्रतिशत सरसों का उत्पादन करते है. कपड़ा मंत्रालय के आंकड़ों के अनुसार वह सात राज्य, कर्नाटक, आन्ध्र प्रदेश, असम, तमिलनाडु, पश्चिम बंगाल, मेघालय और झारखंड हैं.
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रेशम उत्पादन के मामले में कर्नाटक जहां अच्छी मात्रा में उत्पादन करता है. वहीं उसके बाद आन्ध्र प्रदेश है जहां कुल 25.3 प्रतिशत रेशम का उत्पादन करता है, फिर असम है जहां 16.3 प्रतिशत उत्पादन करता है. उसके बाद तमिलनाडु है जहां 6.8 प्रतिशत रेशम का उत्पादन होता है, फिर पश्चिम बंगाल है जहां, 4.7 प्रतिशत रेशम का उत्पादन किया जाता है. वहीं इसके बाद मेघालय है जहां 3.5 प्रतिशत करता है और फिर झारखंड है जहां 3 प्रतिशत रेशम का उत्पादन किया जाता है. इनके अलावा कई अन्य राज्य और भी हैं जहां बचे हुए 9 प्रतिशत रेशम का उत्पादन किया जाता है.