कोदो एक पारंपरिक फसल है. यह रेशे (फाइबर) से भरपूर होती है. इसके अलावा कोदो मैग्नीशियम का भी अच्छा स्त्रोत है. यह मोटे अनाजों की श्रेणी में आता है. मोटे अनाजों को अपने आहार में शामिल करना बहुत ही फायदेमंद है.दुनियाभर में मोटे अनाजों को बढ़ावा देने के लिए साल 2023 को इंटरनेशनल ईयर ऑफ मिलेट्स के तौर पर मनाया जा रहा है. इसके तहत विश्व भर में मोटे अनाजों की उपयोगिता और उसके इस्तेमाल से होने वाले लाभ का प्रचार किया जाएगा. जिसमें भारत की भूमिका मुख्य है.
इसी कड़ी में आज हम आप कोदो में पाए जाने वाले पोषक तत्वों के बारे में बताएंगे. साथ ही यह भी बताएंगे कि कोदो के सेवन से शरीर की कौन कौन सी गंभीर बीमारियां दूर हो सकती हैं.
ये भी पढ़ें : क्रिसमस और न्यू ईयर की तैयारियां तेज, इधर 18 जीएसटी से फूलों के एक्सपोर्ट पर असर!
पोषक तत्व | मात्रा (प्रति 100 ग्राम में) |
प्रोटीन | 8.03 ग्राम |
फाइबर | 8.5 मिली ग्राम |
कार्बोहाइड्रेट्स | 69.9 ग्राम |
कैल्शियम | 22.0 मिली ग्राम |
आयरन | 9.9 मिग्रा |
कोदो में प्रोटीन, फाइबर, के अलावा और भी बहुत से पोषक तत्व पाए जाते हैं जिससे शरीर की कई गंभीर समस्याएं दूर की जा सकती हैं. पेट में होने वाली समस्याएं जैसे अपच, पेट फूलना या मरोड़. साथ ही ब्लड और डायबिटीज के मरीजों के लिए भी कोदो बहुत फायदेमंद होता है. यही कारण है कि विदेशों में कई फाइव स्टार होटलों में शुगर फ्री राइस की मांग पर कोदो परोसा जाता है. यह हृदय के स्वास्थ्य के लिए बहुत लाभदायक है. जिसकी वजह से कैंसर के जोखिम से भी बचाया जा सकता है.
पूरे विश्व में मोटे अनाजों को बढ़ावा देने के लिए साल 2023 को इंटरनेशनल ईयर ऑफ मिलेट्स के तौर पर मनाया जा रहा है. दरअसल मोटे अनाजों के उपयोग को लेकर लोगों को जागरूक करने का प्रयास किया जा रहा है.इसकी वजह से मिलेट्स की खेती को बढ़ावा मिलेगा. मिलेट्स की खेती के लिए किसी खास तैयारी की आवश्यकता नहीं होती बल्कि ये हर तरह की जलवायु में आसानी से उपज देने में सक्षम होते हैं. इससे मध्यम और सीमांत किसानों की भी आमदनी में वृद्धि संभव है. मिलेट्स के नियमित सेवन से उसके पोषक गुणों के कारण लोगों को कई तरह की गंभीर बीमारियों से छुटकारा मिल सकता है.
ये भी पढ़ें
देशभर में अब तक बांटा गया 50 लाख एमटी से अधिक फोर्टिफाइड राइस
मोटे अनाजों को देश- दुनिया को क्यों दिया जा रहा है बढ़ावा, जानें इसके फायदे